वृंदावन स्थित मशहूर बांकेबिहारी मंदिर की प्रबंध समिति ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं 75 अन्य अधिकारियों को मंदिर प्रांगण में भोजन कराने के मामले में मंदिर के पुजारियों पर साढ़े सात लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता नंदकिशोर उपमन्यु के आवास पर मंगलवार शाम हुई बैठक में दो घंटे के विचार-विमर्श के बाद जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया।
पुजारियों को एक सप्ताह में यह जुर्माना भरने को कहा गया है। जुर्माना न भरने की स्थिति में उन्हें मंदिर से मिलने वाली सभी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा।
दूसरी ओर, आरोपी पुजारियों ने मंदिर समिति की इस कार्रवाई को गलत करार दिया है। उनका कहना है कि सेवायत गोस्वामी अपने यजमानों के लिए मंदिर में पहले भी इस प्रकार से भोग-प्रसाद वितरण की व्यवस्था करते रहे हैं, ऐसे में इस बार उन्हें ही दोषी क्यों ठहराया जा रहा है।
इस संबंध में समिति अध्यक्ष का कहना है कि मंदिर के सेवायत गोस्वामियों (पुजारियों) द्वारा आए दिन मंदिर की मर्यादा तोड़ने की घटनाओं के चलते ही एक मामले में मथुरा के सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की अदालत ने 30 अक्टूबर 2004 को प्रतिष्ठित मूर्ति के विश्राम के क्षणों में मंदिर के जगमोहन या प्रांगण में भोजन करने-कराने पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी।
30 जून की रात मंदिर में आरोपी पुजारियों ने प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन, उनकी पत्नी, कमिश्नरी एवं जिले के छह दर्जन से अधिक अधिकारियों को मंदिर प्रांगण में कुर्सी-मेज लगाकर भोजन कराया था।