जबलपुर। सांसद राकेश सिंह का उपवास अनशन के शुरू होने से पहले ही एक चौथी क्लास का बच्चा उनसे मिलने पहुंच गया। वह कई दिनों से सांसद से मिलना चाह रहा था, लेकिन उसे पता ही नहीं मालूम था। सुबह सांसद के धरने में बैठने की खबर सुनी। फौरन उनसे मिलने घर से निकल पड़ा। वो भी पैदल।
गरीबी का आलम ये कि बिलहरी से धरना स्थल करीब 7 किमी दूर आने ऑटो, बस का किराया भी नहीं। उसकी दशा से उसकी गरीबी बयां कर रही थी। पैरों में चप्पल नहीं। उसने सांसद के करीब पहुंचकर सीधे मकान की मांग की। कहा- तीन भाई दो बहन हैं। उसका परिवार गरीब तथा मिट्टी का मकान है। छत से पानी टपकता है। एक पक्का मकान दिलवा दो।
बिलहरी निवासी 10 वर्षीय दीपक तिवारी छोटीलाइन फाटक में भाजपा के धरना स्थल पर पहुंचा। यहां सांसद लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के खिलाफ उपवास पर बैठने वाले थे। वे कुर्सियों में बैठकर संगठन नेताओं के साथ चर्चा कर रहे थे तभी बालक सांसद के करीब पहुंचा। सीधे पूछा-आप ही सांसद राकेश सिंह है? राकेशसिंह ने कहा हां, क्या बात है ? दीपक ने अपना नाम पता बताया। परिवार में पिता रेलवे स्टेशन में गुटका-पान बेचते हैं। मां मजदूरी करती है। हमारा मिट्टी का कच्चा मकान है, जो बारिश में टपकता है। आप प्रधानमंत्री आवास योजना में एक पक्का मकान दिला दीजिए।
यह सुनते ही सांसद ने तत्काल पीए को बुलाकर बालक की पूरी जानकारी लेने को कहा। सांसद ने बालक से माता-पिता को कार्यालय में लेकर आने को कहा। इसके साथ ही उसे एक पर्ची दी गई जिसमें सांसद का नाम, पता, दूरभाष नंबर सब लिखा हुआ था। निज सचिव ने बच्चे की पूरी जानकारी दर्ज की। इसके अलावा घर लौटने के लिए आटो का किराया भी देकर वापस भेजा। बालक के बेबाकी को देखकर वहां मौजूद हर कोई दंग रह गया। सभी ने उसकी खूब तारीफ की।
साभार- नईदुनिया से