कई बार ड्राइवर और घरेलू कामकाज करने वालों की तलाश में बहुत परेशानी आती है। यह परेशानी पिछले हफ्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वरा लॉन्च किए गए पोर्टल नैशनल करियर सर्विस से दूर हो सकती है। इस पोर्टल की मदद से ऐसे काम करने वाले लोग जैसे घरेलू नौकर-नौकरानी, केयरटेकर्स, प्लंबर्स, इलेक्ट्रिशियंस आदि की तलाश की जा सकता है। अगर सरकार अपनी महत्वाकांक्षी सोच को हकीकत में बदल देती है तो यह पोर्टल दुनिया का सबसे बड़ा रोजगार पोर्टल बन जाएगा।
अभी असंगठित क्षेत्र में हायरिंग की प्रक्रिया मौखिक रू से होती है या कुछ प्लेसमेंट एजेंसियां हायरिंग करने-कराने में मदद करती हैं जो काफी मोटा चार्ज वसूलती हैं। सरकार इस कमी को दूर करने के लिए एनएससी पोर्टल से लोगों, उद्यमियों और छोटे व्यापारियों को खुद को एनएससी से पंजीकृत कराने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। एनसीएस की सर्विसेज मुफ्त है जबकि नियोक्ता और उम्मीदवार, दोनों के विवरण आधार आधारित होंगे, इसलिए वे ऑथेंटिकेटिड होंगे।
प्राइवेट जॉब पोर्टलों ने एनएससी में रुचि दिखाई है। एक बड़ी ऑनलाइन जॉब्स कंपनी के ऐग्जिक्युटिव ने बताया, 'हमारे पास नौकरियां तो हैं लेकिन उम्मीदवारो की प्रमाणिकता जांच नहीं सकते हैं। एनएससी निश्चय ही हमें बड़ी संख्या में डेटाबेस उपलब्ध करा सकता है।' एक ओर जहां एनएससी की मदद से नौकरी की तलाश कर रहे उम्मीदवारों की प्रमाणिकता की जांच आसानी से हो सकेगी वहीं जॉब की तलाश कर रहे लोग भी एंप्लॉयर्स की प्रणाकिता जांच सकते हैं।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया, मंत्रालय का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही औद्योगिक संगठनों का दौरा करेगा और उनके सदस्यों से एनएससी जॉइन करने के लिए कहेगा। सरकारी विभागों और मंत्रालयों से भी एनएससी पोर्टल पर वेकंसी पोस्ट करने और हायरिंग करने के लिए कहा जाएगा। अधिकारी ने बताया, 'पोर्टल को अधिक वाइब्रेंट बनाने के लिए मौजूदा जॉब पोर्टल्स के साथ समझौता ज्ञापन किया जाएगा। इससे एंप्लॉयर्स के उनके डेटाबेस तक पहुंचा जा सकता है।'
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से