किसी का जन्म दिन एक लाख पेड़ों को लगाने के संकल्प की पूर्ति में बदल जाए, ऐसा सुनने में भले ही अच्छा लगे लेकिन वास्तविकता के धरातल पर यह इतना आसान नहीं होता जितना समझा जाता है। लेकिन मुंबई के उद्योगपति, समांज सेवी और बृज विकास ट्रस्ट के माध्यम से बृज के क्षेत्र के कृष्णकालीन सरोवरों और वनों को पुनर्जीवन देने में लगे विश्वनाथ चौधरी जैसे समर्पित व्यक्तित्व के 75वें जन्म दिन के मौके पर मुंबई के लोगों ने इस संकल्प को भरपूर समर्थन दिया। विश्वनाथजी के इस 75वें जन्म दिन पर उनके द्वारा स्थापित बृज विकास ट्रस्ट का भी ये दसवाँ साल था।
विश्वनाथजी के जीवन के 75 वर्ष पूरे होने पर उनके चाहने वाले उनका जन्म दिन भव्य रूप से मनाना चाहते थे, लेकिन विश्वनाथजी तो किसी और ही मिट्टी के बने है। चुपचाप अपना काम करने वाले और किसी कर्मयोगी की तरह अपने मिशन में लगे विश्वनाथ जी चाहते थे कि उनका जन्म दिन भले ही सभी मिलकर मनाएँ, उन्हें खूभ शुभकामनाएँ दें मगर इसके साथ ही वे बृज क्षेत्र में एक लाख पेड़ लगाने के उनके संकल्प के भी सहभागी बनें। इसके लिए ये तय किया गया कि जो भी व्यक्ति उनको शुभकामना देने आएगा अगर उसकी इच्छा है तो वह पेड़ लगाने के लिए एक हजार रू. का योगदान बृज विकास ट्रस्ट को देगा। यह राशि बृज क्षेत्र में पेड़ लगाने से लेकर उनके संरक्षण आदि के लिए खर्च की जाएगी। पेड़ लगाने का कार्य बृज क्षेत्र के ग्रामीणों के माध्यम से किया जाएगा।
विश्वनाथ जी चौधरी संकल्प लें तो वह संकल्प समाज का ही हो जाता है, और कहना न होगा कि उनके चाहने वाले जाने अनजाने लोगों से लेकर समारेह में आए प्रमुख उद्योगपतियों ने दिल खोलकर उनके इस संकल्प के प्रति अपना अहोभाव व्यक्त करते हुए उदारता से इसके लिए राशि दी। किसी ने 11 लाख, किसी ने 5 लाख किसी ने एक लाख तो एक हजार की राशि देने वालों से भी लाखों की राशि एकत्र हो गई।
इस समारोह का खास आकर्षण था बृज की बेटी और देश व दुनिया की जानी मानी शास्त्रीय नृत्यांगना वंदना सिंह और उनके सिध्दहस्त कलाकारों द्वारा प्रस्तुत बृज के विभिन्न लोक नृत्य। कृष्ण के बाल रूप से लेकर बृज की होली को वंदना जी ने जिस कल्पनाशीलतके साथ मंच पर रूपायित किया, वह दर्शकों के लिए एक रंजक और सुकूनदायक अनुभव था।
समारोह में बृज से आए बृज संस्कृति के मनीषी श्री मोहन स्वरूप भाटिया ने बृज की संस्कृति की उन विशेषताओं का उल्लेख किया जिसकी वजह से विश्वनाथजी चौधरी जैसे कर्मयोगी बृज विकास ट्रस्ट के माध्यम से बृज की विलुप्त संस्कृति को पुनर्जीवित करने का संकल्प कर लेते हैं।
मथुरा से आए श्री श्रीनाथ चतुर्वेदी ने सत्रहवीं शताब्दी के महाकवि पद्माकर के छंद सुनाकर तो पूरे सभागार को बृज की संस्कृति की सुरभि में भिगो सा दिया।
कूलन में केलि में कछारन में कुंजन में
क्यारिन में कलिन में कलीन किलकंत है.
कहे पद्माकर परागन में पौनहू में
पानन में पीक में पलासन पगंत है
द्वार में दिसान में दुनी में देस-देसन में
देखौ दीप-दीपन में दीपत दिगंत है
बीथिन में ब्रज में नवेलिन में बेलिन में
बनन में बागन में बगरयो बसंत है
उन्होंने बताया कि बृज क्षेत्र में खारा पानी होता है लेकिन विश्वनाथजी के संकल्प से जिन सरोवरों का जीर्णोध्दार हुआ वहाँ का पानी आश्चर्यजनक रूप से इतना मीठा है कि हर कोई इस चमत्कार से हैरान है।
इस अवसर पर श्री विश्वनाथजी चौधरी के परिवार जनों ने पाँच फ्लैट जिनकी लागत 75 लाख रू. है बृज विकास ट्रस्ट को भेंट किए। उनकी पत्नी श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने अपनी व्यक्तिगत बचत में से 21 लाख ट्रस्ट को भेंट किए। इस अवसर पर 40 लोगों ने एक एक लाख रूपये की राशि 100-100 वृक्ष लगाने के लिए भेंट की। श्री देश बंधु कागजी ने 21 लाख रू की राशि भेंट की। कोलकोता के उद्योगपति श्री पंसारी ने एक लाख रू. देने की घोषणा की। समरोह में शामिल कई लोगों ने एक एक पेड़ के लिए संकल्प राशि के रूप में एक-एक हजार रु. की राशि भेंट की।
इस अवसर पर श्री वीरेन्द्र याज्ञिक ने कहा कि बृज क्षेत्र में प्राचीन काल में हजारों कुंड (सरोवर) और हजारों मंदिर थे, लेकिन ये सब अतिक्रमण के शिकार हो गए। विश्वनाथ जी चौधरी ने इन सभी कुंडों के जीर्णोध्दार का संकल्प लिया और मात्र दस वर्ष में कई कुंडों को खूबसूरत और जीवंत बना दिया है। ये सब कार्य बृज क्षेत्र के ग्रामीणों के सहयोग से और उनको भागीदार बनाकर किया गया। अब बृज क्षेत्र में स्थित 12 वनों को पुनर्जीवित कर पेड़ लगाने का अभियान विश्वनाथजी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इन वनों में 500 से लेकर 2500 तक पेड़ लगाकर एक लाख पेड़ लगाने का संकल्प पूरा किया जाएगा।
इस पूरे समारोह के सफल आयोजन में श्री बृज विकास ट्रस्ट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री आरडी अग्रवाल, श्री भँवरलाल रंगा, श्री ओम प्रकाश चौधरी, श्री रामकिशन संथालिया, श्री ओम प्रकाश चोड़ीवाल और श्री मोहल स्वरूप भाटिया की प्रमुख भूमिका रही।
श्री याज्ञिक जी ने मंच पर उपस्थित श्री सत्यनारायण जी काबरा द्वारा अपने पुत्र के जन्म पर लिए गए संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि काबरा जी ने अपने बेटे की शादी में जितने भी लोगों को निमंत्रण दिया उनके नाम की मिठाई उन्हें देने की बजाय वह मिठाई वनवासी क्षेत्र के वनवासियों को खिलाई।
इस अवसर पर श्री वीरेन्द्र याज्ञिक व श्री सुरेश चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका बृज संदेश का विमोचन भी किया गया।
समारोह का संचालन करते हुए श्री हरित सत्संग समिति के श्री सुरेंद्र विकल ने बताया कि बृज क्षेत्र में वृक्षारोपण की ये प्रेरणा मध्य प्रदेश शासन व मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा नर्मदा किनारे 6.70 करोड़ वृक्ष लगाने के अभियान से मिली।
समारोह में मुख्य अतिथि थे श्री हरि सत्संग समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्यनारायण काबरा, बृज विकास ट्रस्ट मुंबई के अध्यक्ष श्री सुरेश चतुर्वेदी, जाने माने उद्योगपति एवं बृज विकास ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री देशबंधु कागजी, सीए श्री सुनील पाटोदिया, श्री भागवत परिवार के अध्यक्ष श्री एसपी गोयल, श्री सुभाष चौधरी, विश्व विख्यात फार्मा कंपनी अजंता फार्मा के श्री मधुसूदन मित्तल सहित मुंबई के विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों के कई प्रमुख प्रतिनिधि उपस्थित थे।