Wednesday, November 27, 2024
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राष्ट्रीय जल सम्मेलन का संकल्प, नदियों की निर्मलता एवं अविरलता के लिए समाज को जोड़ेंगे

राष्ट्रीय जल सम्मेलन का संकल्प, नदियों की निर्मलता एवं अविरलता के लिए समाज को जोड़ेंगे

आज राष्ट्रीय जल सम्मेलन के तीसरे दिन समापन समारोह में संकल्प पारित किया गया कि हम भारत के लोग क्षिप्रा तट, महाकालेश्वर की नगरी में सभी साझा संकल्प लेते है। भारत भूमि को सुख, समद्धि, शान्तिमय बनाने के लिए यहां के जल, जंगल, जमीन को बचाकर भारत की नदियों को शुद्ध सदानीरा बनायेगे। नदियों को अधिकार दिलाने हेतु हमसब प्रयासरत होगे। मानव अधिकार को सुरक्षित करने के लिए जल व नदी अधिकार को सुरक्षित करेगे। इस हेतु संगठित होकर सार्थक प्रयास करने की साधना में लगेगे।

देशभर के 101 नदी घाटी से आये 40 नदी एवं पर्यावरण पर प्रेरणादायक कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। जिसमें तेलगंना जल बोर्ड के अध्यक्ष प्रकाश राव, कर्नाटक के पूर्व मंत्री वी0 आर0 पाटिल, वैज्ञानिक एच एस साहूकार, गांधीवादी विचारक रमेश भाई, कर्नाटक के बीजापुर से अप्पा साहब, केरल के पाचीमाडा के बेनूगोपाल, गंगा जल बिरादरी के मेजर हिमांशु, बुन्देलखण्ड के रामकृष्ण शुक्ला, राजमंदरी से प्रोफेसर रमेश, उडीसा से वितेन्द्री, बिहार से पंकज मालवीय, कृष्णा नदी से सत्यनारायण, दिल्ली से विजय राय, छतरपुर की पुनिया बाई, टीकमगढ की किरन, राजस्थान के रूणामल, कोटा के बृजेश विजयवर्गीय आदि को सम्मानित किया गया।
सम्मेलन के तहत प्रथम सत्र में मैग्सेसे अवार्ड जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि नदियों को पुर्नजीवित करने के लिए हमें नारी शक्ति को साथ में लाना काफी जरूरी है। नारियों के बिना नदिया अविरल नहीं बह सकती है। हमें नीर-नारी-नदी का सम्मान वापस लाना होगा तभी जाकर भारत की नदियों को प्रवाहयुक्त एवं निर्मल बना सकते है।

इस सत्र में महिलाओं ने संकल्प लिया कि नदी को अविरल एवं निर्मल बनाये रखने के लिए हम हर तरह के प्रयास करेगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि नदियों को लेकर सरकारों को ज्यादा संवेदनशील होने की जरूरत है। समाज को जागरूक बनाकर हम नदियों को अविरल एवं निर्मल बना सकते है। सम्मेेलन के अंत में तय किया गया कि 05-06 जनवरी को ब्रम्हचारणी पदमावती के समर्थन में हरिद्वार मेें गंगा सत्याग्रह का आयोजन किया जायेगा।

जनवरी के दूसरे सप्ताह में भोपाल में क्षिप्रा सहित मध्य प्रदेश के जलाधिकार को लेकर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। जिसमें सरकार और समाज के लोग एक साथ जुटेगे। 04-06 फरवरी को नासिक के त्रिकम्बकेश्वर से गोदावरी की यात्रा प्रारम्भ होगी 10-13 फरवरी को तेलगाना में गोदावरी पर सम्मेलन होगा 14-16 फरवरी को आंन्ध्र प्रदेश की राजमंदरी में नदी संसद का आयोजन किया जायेगा।

सम्मेलन के अन्त में रोटरी क्लब के पूर्व गर्वनर रविप्रकाश लंगर ने कहा कि हम क्षिप्रा की अविरलता एवं निर्मलता को लेकर 05 साल की कार्ययोजना बनाने का काम करेगे। जिसके लिए नदी के किनारे के समाज को जगायेगे। व्यसायिक शिक्षा, कम पानी की खेती को बढावा देगे। शुद्ध जल के प्रवाह के लिए ऐसी वनस्पतियों का रोपण करायेगे जो नदी के पानी में स्वच्छ बनाने में सहायक सिद्ध होगी। नदी घाटी संगठन का निर्माण करेगेे। हर तीन माह में क्षिप्रा की कार्ययोजना की समीक्षा के लिए बैठक का आयोजन किया जायेगा।

सम्मेलन में राज हूजूर सिंह गौर ने कहा कि क्षिप्रा की अविरलता के नाम पर अब तक हजारों करोड रूपये खर्च हो चुके है लेकिन नदी अविरल नहीं हुयी जिसका मुख्य कारण समाज की भागेेदारी का अभाव है। जिस प्रकार से तीन दिन के राष्ट्रीय जल सम्मेलन में उज्जैन नगर एवं क्षिप्रा नदी केे उद्गम के समाज के अन्दर ऊर्जा का संचार किया है। वह क्षिप्रा की अविरलता में कार्य रूप में पर्णित होगा। अविरलता के कार्य में अब रोटरी के साथ सैकडों से अधिक संगठन जुडेगे, इन सब संगठनों को जल पुरूष राजेन्द्र सिंह और संजय सिंह के ऊपर भरोसा है कि वह क्षिप्रा की अविरलता एवं निर्मलता के लिए हम सबका सहयोग एवं मार्गदर्शन करेगे।

जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने इस सम्मेलन के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डाॅ0 नलिनी लंगर, सजेन्द्र खरात, प्रहलाद वर्मा, जयेश पारिख, गोविन्द्र खण्डेलवाल, डाॅ0 पी0पी0 वशिष्ठ, सुभा जैन, मिथलेश कुमार, फादर एन्टोनी, प्रकाश रघुवंशी, रवि वान्चू, किरन यादव, धीरेन्द्र यादव, सुनील गुप्ता, जगदीश पांचाल, विजय टेलर, राजू पाहवा, विजय चैरसिया, आदि को धन्यवाद दिया।
माधव साइन्स काॅलेज के अध्यक्ष अमजद लाला एवं अर्पन भारद्वाज को उनके दिये गये सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। काॅलेज के छात्र छात्राओं का इस सम्मेलन में विशेष योगदान रहा है।

समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए गांधीवादी चिन्तक रमेश शर्मा ने कहा कि अब नदियों पर संकट है सारे देश को इकठठा होने की आवश्यकता है।
प्रोफेसर अभिताभ शुक्ल द्वारा जल जन जोडो अभियान के राष्ट्रीय संजोजक के लिए अभिनंदन पत्र का वाचन किया गया। जिसमें उनके द्वारा किये जा रहे कार्यो का सराहा गया।

राष्ट्रीय जल सम्मेेलन के दूसरे दिन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन प्रकाश रघुवंशी एवं पदमजा रघुवंशी के नेतृत्व में किया गया, जिसमें नदियों की अविरलता एवं निर्मलता के ऊपर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई।

इस अवसर पर विशेष तौर पर मनीष राजपूत, दिनेश सिंह, शिवानी सिंह, संध्या शर्मा, सिद्धगोपाल सिंह, जितेन्द्र सिंह, अभिनव आशीष, सत्यम चतुर्वेदी, अमरदीप बमोनिया, सुरेश रैकवार, पारस सिंह आदि उपस्थित रहे।

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