“मैंने हॉलीवुड अदाकारा मर्लिन मुनरो पर एक लेख पढ़ा और मुझे उसके बहुत सारे कोट मिले। मैंने उन्हें पढ़ा तो मुझे लगा कि इन कोट्स का यदि क्रम बदल दिया जाए तो ये मर्लिन के एकालाप की तरह लगेंगे। लिहाजा मैंने मर्लिन के ये कोट अनुवाद किए और उन्हें ऐसा क्रम दिया कि ये मुनरो की कहानी उसी की जुबानी लगे। तो पढ़िए मुनरो की कहानी उसी की जुबानी।” (रवीन्द्र व्यास)
“मैं अपनी शादी की वजह से दुःखी नहीं थी लेकिन इससे मैं खुश भी नहीं थी। मैं और मेरे पति मुश्किल से ही एक-दूसरे से बोल पाते थे, और यह सब इस वजह से नहीं था कि हम एक-दूसरे से नाराज थे। हमारे पास कहने को कुछ नहीं था। मैं इस ऊबाऊपन से मर रही थी। मेरी पैसों में कतई दिलचस्पी नहीं थी, मैं तो बस वंडरफुल होना चाहती थी। करियर वंडरफुल था लेकिन एक ठंडी रात में उसे आप लपेट नहीं सकते थे। मैं कैलेंडर पर जिंदा रहूँगी, समय में कभी नहीं।
मैं जब बच्ची थी तब मुझे किसी ने कभी यह नहीं कहा कि मैं सुंदर हूं। तमाम बच्चियों को कहा जाना चाहिए कि वे सुंदर हैं, वे सुंदर न हों तब भी। हॉलीवुड में किसी भी लड़की की प्रतिभा उसके हेयर स्टाइल से कम आँकी जाती है। आपका मूल्यांकन इस आधार पर होता है कि आप कैसी दिख रही हैं, इस पर नहीं कि आप असल में हैं क्या। हॉलीवुड ऐसी जगह है जहाँ आपको चुंबन के लिए हजार डॉलर्स मिल जाएँगे लेकिन आत्मा के लिए पचास सेंट्स भी नहीं। मैं यह जानती हूँ औऱ मैं महँगा ऑफर ठुकरा देती हूँ और पचास सेंट्स मंजूर कर लेती हूँ।
मैं बिना फेस लिफ्ट कराए बूढ़ी होना चाहती हूँ। मैं चाहती हूँ कि मुझमें अपने उस चेहरे के प्रति भरोसेमंद रहने का साहस हो जिसे मैंने बनाया है। कभी-कभी मुझे लगता है उम्रदराज होना टाला जा सकता है और जवान रहते मर जाएँ तो बेहतर। लेकिन तब आप अपनी जिंदगी पूरी नहीं करते। तब आप कभी भी अपने को पूरी तरह से नहीं जान पाएँगे।
सेक्स प्रकृति का हिस्सा है और मैं प्रकृति के साथ जाना पसंद करूँगी। मैं पिक्चर में नेचरल लुक को पसंद करती हूँ। मैं उन लोगों को पसंद करती हूँ जो एक या दूसरी तरह से महसूस करते हैं। या उनकी भीतरी दुनिया को बताते हैं। वहाँ भीतर जो कुछ भी घट रहा है उसे देखना मुझे पसंद है। मेरी दिक्कत यह है कि मैं अपने आप से ही संचालित होती हूँ। मैं एक कलाकार बनने की भरसक कोशिश करती हूँ और सच्ची भी। कभी-कभार मैं महसूस करती हूँ कि मैं एक पागलपन पर सवार हूँ। मैं कोशिश करती हूँ कि अपने भीतर का सबसे खरा हिस्सा बाहर आ सके और यह कितना मुश्किल है। ऐसा होता है कई बार जब मैं सोचती हूँ कि मेरा जो कुछ भी है वह सब सच्चा है लेकिन कई बार यह सब आसानी से बाहर नहीं आता। मैं हमेशा यह छिपी बात सोचती हूँ कि मैं नकली हूँ।
मैं जानती हूँ कि मेरा संबंध लोगों से है औऱ दुनिया से है इसलिए नहीं कि मैं प्रतिभाशाली हूँ या कि खूबसूरत बल्कि इसलिए कि इसके अलावा मेरा किसी से कोई संबंध नहीं।
यह लोगों की आदत है कि वे मुझे ऐसे देखते हैं कि मैं एक व्यक्ति नहीं एक आईना हूँ। वे मुझे देख ही नहीं पाते। सेक्स सिम्बल बनना एक बीवस्तु बन जाना है। मैं वस्तु होने से नफरत करती हूँ लेकिन मैं सेक्स सिम्बल के बजाय किसी और चीज का सिम्बल बनना चाहती हूँ।
सचाई यह है कि मैंने कभी किसी को बेवकूफ नहीं बनाया है, मैंने लोगों को स्वयं बेवकूफ बनने के लिए छोड़ दिया। उन्होंने कभी यह जानने की कोशिश ही नहीं की कि मैं कौन हूँ और क्या हूँ? बावजूद इसके उन्होंने मेरे लिए एक चरित्र खोज लिया। मैं उनसे कभी बहस नहीं की। वे निश्चित ही किसी और को प्यार करते हैं जो मैं नहीं थी। जब उन्हें यह पता लगा तो उन्होंने मुझे दोष देना शुरू कर दिया कि हमें भ्रम में रखा गया है या हमें बेवकूफ बनाया गया। कुत्ते मुझे कभी नहीं काटते, सिर्फ मनुष्य काटते हैं।
जिंदगी में ऐसे पल आते हैं जब आपको लगता है कि आप किसी के साथ हैं और यही काफी है। मैं उन्हें छूना नहीं चाहती, यहाँ तक कि बात तक करना भी। दोनों के बीच एक अहसास बहता रहता है। और तब आप कतई अकेले नहीं होते।
मैं एक औरत के रूप में नाकामयाब हूँ। मेरा आदमी मुझसे बहुत ज्यादा अपेक्षाएँ रखता है। यह इस वजह से है क्योंकि उन्होंने अपने लिए मेरी एक छवि बना ली है और मैंने खुद को एक सेक्स सिम्बल बना लिया है। आदमी बहुत अपेक्षा रखता है, मैं इस पर अपने को जिंदा नहीं रख सकती। कुछ लोग हमेशा आपके प्रति कठोर होंगे। यदि मैं कहूँ कि मैं बतौर एक्ट्रैस विकसित होना चाहती हूँ तो वे मेरे फिगर को देखते हैं। यदि मैं कहूँ कि मैं अपने क्राफ्ट को विकसित करना चाहती हूँ तो वे हँसने लगते हैं। मुझे लगता है वे यह अपेक्षा नहीं रखते हैं कि मैं अपने काम के प्रति संजीदा रहूँ। यदि आप चाहते हैं कि कोई लड़की खुश रहे तो उसे वह सब करने दें जो वह चाहती है।
एक बेहतरीन अदाकारा होने का मुझे कोई वहम नहीं है। मैं जानती हूँ कि मैं कितनी तीसरे दर्जे की अदाकारा हूँ। मैं सचमुच महसूस करती हूँ कि मुझमें टैलेंट नहीं है। यह वैसा ही है जैसे मैं अंदर के सस्ते कपड़े पहनती हूँ, लेकिन मेरे ईश्वर बता मैं कैसे सीखना, बदलना औऱ परिष्कृत होना सीखूँ। एक एक्टर को बहुत संवेदनशील वाद्य होना चाहिए। इसाक स्टर्न अपनी वॉयलिन का बहुत ध्यान रखते थे।
यह बहुत डरावना है कि मैं जिन तमाम लोगों को नहीं जानती वे मुझे लेकर कितने भावुक होते हैं। मेरा मतलब है कि यदि वे आपको जाने बगैर बहुत प्यार करते हैं तो यह भी तो हो सकता है कि वे ठीक इसी तरह आपसे नफरत भी कर सकते हैं।
गोएथे ने कहा था कि टैलेंट निजी कोनों में फलता-फूलता है। आप जानते हैं? यह सचमुच में सच है। एक एक्टर के लिए हमेशा अकेलेपन की जरूरत है और अकसर लोग यह नहीं सोचते। यह आपके लिए एक निश्चित रहस्य होता है कि जब आप एक्टिंग कर रहे होते हैं तब उन पलों में पूरी दुनिया आप में होती है। मैं जब अकेली होती हूँ, मैं अपने को जमा करती हूँ। करियर लोगों के बीच पैदा होता है, प्रतिभा अकेले में।
कृपाकर मेरी हँसी न उड़ाएँ। मैं यकीन करती हूँ कि मैं एक अभिनेत्री बनना चाहती हूँ, अपनी इंटीग्रिटी के साथ एक अभिनेत्री। मैं सचमुच एक अदाकारा बनना चाहती हूँ, एक कामोत्तेजक जीव नहीं। मैंने अपना नाम मर्लिन कभी पसंद नहीं किया। मैं हमेशा चाहती रही कि मुझे जीन मुनरो के नाम से पुकारा जाए, लेकिन मुझे अंदाजा है कि इसके लिए अब कितनी देर हो चुकी है।
मैं यह कभी समझ नहीं पाती कि लोग एक-दूसरे के प्रति क्यों ज्यादा दयालु नहीं हो पाते। मैं उन लोगों की कद्र करती हूँ जो टाइम्स स्क्वेयर पर थे। जो सड़कों से लेकर थिएटर तक जमा थे। वे मेरे करीब नहीं आ पा रहे थे जब मैं आई। यदि मैं लाइट मेकअप में होती तो वे मुझे कभी नहीं देख पाते। यह मेकअप सिर्फ उनके लिए…
जो लोग सोचते हैं कि एक औरत के पिछले प्रेम प्रसंग उनके साथ प्रेम को कम कर देगा तो वे मूर्ख और कमजोर हैं। हर आदमी के लिए एक औरत नया प्यार लेकर आती है जिससे वह प्यार करती है और उसके जीवन में यह बार-बार नहीं होता। शोहरत यानी आप अपने को दूसरों की नजरों से देख रहे होते हैं लेकिन इससे भी ज्यादा मानीखेज यह है कि आप खुद अपने बारे में क्या सोचते हैं, रोज-ब-रोज की जिंदगी जीते हुए, जिंदा रहते हुए कि अब आगे क्या होगा…
साभार- अवितोको रुम थिएटर के वाट्स एप ग्रुप से