हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर अक्सर कहते है कि “मेरा परिवार एक-दो लोगों का नहीं, बल्कि ढाई करोड़ लोगों का परिवार है। इसलिए मैं समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हर व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना चाहता हूं” इसलिए मुख्यमंत्री जी दिन-रात नई-नई योजनाओं को घरातल पर उतारने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं। बीते साढ़े छह साल में इन योजनाओं से लाखों लोगों के जीवन में आश्चर्यचकित परिवर्तन और वाक्या घटित हुए।
पिछले दिनों ऐसा ही एक वाक्या ह्यूमन इंडिया समाचार-पत्र के संपादक रहे स्वर्गीय श्री श्याम सुंदर बंसल के परिवार के साथ घटित हुआ।
हुआ यूं कि मीडिया कॉर्डिनेटर के तौर पर मैं 15 जून को मैं गुरूग्राम पहुंचा। वहां ह्यूमन इंडिया समाचार-पत्र के प्रबंधक श्री उमेश गर्ग जी ने बताया कि पिछले दिनों कोरोना बीमारी के कारण उनके संपादक श्री श्याम सुंदर बंसल जी की मृत्यु हो गई थी। सरकार को आर्थिक सहायता करनी चाहिए।
मामला संज्ञान में आते हुए मैंने विभागीय अधिकारियों से जानकारी जुटाई और तत्काल फाइल बनाने के लिए कहा। 17 जून को मैं स्वयं शोक संतप्त परिवार से मिलने उनके निवास होड़ल गया और ढाढस बंधाया। परिवार से मिलकर आभास हुआ कि भगवान भी कभी-कभी अन्याय करता है। क्योंकि परिवार में एक वृद्ध मां, पत्नी, दो बेटियां और एक छोटा बेटा है।घर से बाहर निकलते ही मैंने फिर वरिष्ठ अधिकारियों को समस्या बताई। अक्सर एक धारणा बनी हुई है कि “सरकारी काम है, देर लगती है”। इसलिए 19 जुलाई को चंडीगढ़ जाने पर फाइल के बारे में पता करवा कि कहां गई? परिवार भी बार-बार फोन करके पूछताछ करता, कुछ हो पाएंगा क्या?
लेकिन, मुझे अपने मुख्यमंत्री जी और उनकी कार्यशैली पर अटूट विश्वास था। इसलिए पूरी दृढ़तापूर्वक कहता कि “आपको सहायता जरूर मिलेगी”21 जुलाई को आखिरकार फाइल की जानकारी मिली, जिसने मेरे विश्वास को और मजबूत कर दिया। पता चला कि आर्थिक सहायता के तौर 5 लाख रुपए तो 29 जून को ही परिवार के बैंक खाते में चले गए थे। तत्काल मैंने परिवार को जानकारी दी तो वे भी आश्चर्यचकित रह गए! मैंने पूछा कि क्या अपना खाता चैक नहीं करते? इस पर परिवार ने बताया कि खाते में सिर्फ 750 रूपए थे, उनकी क्या सुध रखें। पासबुक इंट्री कराने के बाद जानकारी पुष्ट हो गई। ऐसी अद्भुत कार्यशैली मनोहर सरकार में ही संभव है।
मुख्यमंत्री जी और डीआईपीआर विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को साधुवाद।