दुनिया के अब तक के सर्व-कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस का अमानवीयता से भरपूर खूनी खेल,उसकी अकथनीय नृशंसता,बर्बरता आदि का विवरण प्रायः हर टीवी चैनल आये दिन दिखाता रहता है। बंधकों का बेरहमी से सर कलम करना,लोहे के पिंजरे में डालकर ज़िंदा जलाना,गोलियों से मासूमों को भून देना आदि-आदि। देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं,दिल दहल जाता है।इस आतंकी संगठन के पास आधुनिकतम हथियार,संचार माध्यमों के नवीनतम संसाधन/उपकरण आदि सब कुछ हैं।मन में सहसा यह सवाल उठता है कि इस संगठन को ये सब अकूत सामरिक संसाधन कौन सप्लाई करता है?
कौन से ऐसे देश हैं जो इस मामले में इस संगठन की मदद करते हैं? हथियारों का ऐसा कितना बड़ा ज़खीरा इस संगठन के पास है जो खत्म ही नहीं हो रहा!इस तथ्य का उद्घाटन कोई भी चैनल नहीं करता है,बस क्लिपें दिखाता है और सूचनाओं का चित्रात्मक वर्णन करता है।जब तक आईएसआईएस को हथियारों की सप्लाई बन्द नहीं होती,दुनिया में ‘आतंक’ बन्द नहीं होगा।लाख उपाय करते रहें,विश्व में जब तक गुप्त रूप से हथियारों,गोला-बारूद आदि की खरीद-फरोख्त पर अंकुश नहीं लगता, तब तक ‘आतंक’ का वजूद बना रहेगा।आतंक ‘बन्दूक’ का पर्याय ही तो है।बन्दूक नहीं रहेगी तो ‘आतंक’ भी नहीं रहेगा।
डॉ.शिबन कृष्ण रैणा
Senior Fellow(Hindi),Ministry of Culture
(Govt.of India)
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Alwar(Rajasthan)
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