Saturday, November 23, 2024
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Homeमीडिया की दुनिया सेमंत्री ईमानदार हो तो काम ऐसे होते हैं

मंत्री ईमानदार हो तो काम ऐसे होते हैं

इंटरनेट के जरिए थोक में रेल टिकट बुक कराकर उन्हें ब्लैक में बेचने वाले दलालों पर लगाम लगाने के लिए अब रेलवे इंटरनेट टिकटिंग सिस्टम में बदलाव करने की तैयारी में है। इस बदलाव का असर यह होगा कि एक लॉग इन पर एक वक्त में एक ही रेल टिकट लिया जा सकेगा , यानी ज्यादा से ज्यादा 6 यात्रियों के लिए टिकट बुक कराया जा सकेगा। इससे पहले रेलवे ने हाल ही में दलालों की उस कवायद पर भी लगाम लगाई है, जिसके तहत पहले से बुक टिकट में तारीख बढ़ाने के नाम पर फौरन ही दलाल टिकट बुक करा लेते थे।

इंडियन रेलवे के सूत्रों के मुताबिक रेलवे का कमर्शल विभाग अब नया नियम लागू करने की तैयारी में है, जिसके जरिए अब एक वक्त पर सिर्फ एक बार (अधिकतम 6 यात्रियों) ही टिकट बुक कराया जा सकेगा। रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि रेल टिकटों की कालाबाजारी करने वाले दलाल एक बार लॉग इन कर लेते हैं, और फिर उस पर एक के बाद एक टिकट बुक करा लेते हैं। बाद में वे इन टिकटों को ब्लैक में बेचते हैं। हाल ही में इस तरह की जानकारी रेलवे के मेंबर ट्रैफिक अजय शुक्ला को मिली। इसके बाद शुक्ला ने ही इस सिस्टम में बदलाव के निर्देश दिए हैं।

रेलवे के सूत्रों का कहना है कि इस बारे में जल्द ही औपचारिक आदेश जारी किया जाएगा। इस आदेश के बाद इंटरनेट के जरिए टिकट लेने वाले को एक लॉग इन पर एक ही टिकट मिलेगा, यानी एक टिकट के तहत वह अधिकतम 6 यात्रियों के लिए टिकट बुक करा सकेगा। रेलवे का तर्क है कि आमतौर पर एक परिवार में 4 या ज्यादा से ज्यादा 6 लोग ही होते हैं। ऐसे में इन 6 लोगों का एक ही टिकट बुक हो सकता है। नई व्यवस्था होने से आम लोगों को तो दिक्कत नहीं होगी, लेकिन रेल टिकटों की कालाबाजारी करने वाले दलालों पर जरूर लगाम लगेगी, क्योंकि उन्हें एक से ज्यादा लोगों को अलग-अलग टिकट बेचनी होती है, तो उन्हें अलग-अलग पीएनआर की टिकट बुक करानी होती है। नई व्यवस्था में दलाल ऐसा नहीं कर सकेंगे। इस तरह से दलालों पर नकेल कसी जा सकेगी।

रेलवे सूत्रों का कहना है कि इसी तरह से उस सिस्टम को भी सुबह के वक्त एक घंटे के लिए बंद किया गया है, जिसके जरिए यात्री पहले से दर्ज ब्योरे के आधार पर फौरन टिकट के लिए एंट्री करके टिकट हासिल कर सकते थे। इससे दलाल तो फायदा उठा लेते थे, लेकिन आम जनता को इसके बारे में जानकारी नहीं होती थी। ऐसे में आम यात्री जब तक अपना पूरा ब्यौरा भरते, तब तक सारे टिकट ही बुक हो जाते थे।

साभार-टाईम्स ऑफ इंडिया से  

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