नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही उनके पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थी। गुजरात के मुख्यमंत्री से देश के प्रधानमंत्री बनने तक जिस तरह नरेंद्र मोदी चर्चा में रहे उसी प्रकार उनके कार्यालय संभालने वालों को लेकर भी चर्चाएं रहीं। पीएमओ में तैनात सभी अधिकारी अपने क्षेत्र के दिग्गज होने के साथ ही बेहद लो- प्रोफाइल भी है। इसमें गुजरात कैडर से दो अधिकारी शामिल हैं, जिनमें पी के मिश्रा रिटायर्ड अफसर है।
नृपेंद्र मिश्र: नृपेंद्र मिश्र यूपी कैडर के 1967 बैच के रिटायर्ड आईएएस है। वह उन लोगों में शामिल हैं, जो पीएमओ को हैड करते हैं। उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने का पहले कोई अनुभव नहीं था। कहा जाता है कि पॉलिसी से जुड़े मुद्दे पर नृपेंद्र मिश्र के शब्द आखिरी होते हैं, उन्होंने जो कह दिया वो फाइनल। हालांकि इसमें कुछ अफवाद की खबरें भी मिली हैं।
पी के मिश्रा: पीके मिश्रा गुजरात कैडर के 1972 बैच के रिटायर्ड आईएएस है, उनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें सरकार में होने वाली हर एक बात की खबर होती है। पीएम मोदी प्रधानमंत्री मोदी के करीबी लोगों में शामिल है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 16 सालों से काम कर रहे हैं। कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होकर जाने वाला हर ट्रांसफर, पोस्टिंग और अप्वाइंटमेंट उन्हीं की नजरों से होकर गुजरता है। एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि वह प्रधानमंत्री के दिमाग को इतना अच्छे से समझते हैं जितना शायद पीएम भी नहीं।
टी वी सोमनाथन: सोमनाथन तमिलनाडु कैडर के 1987 बैच के आईएएस है। वह फाइनेंस और कैपिटल मार्केट्स संभालते हैं। जानकर हैरानी होगी कि वह इकोनॉमिक्स में डॉक्टरेट है। सोमनाथन एम करुणानिधि के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रह चुके हैं, जब वह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे। एआईएडीएमके सुप्रीमो जयललिता के खिलाफ करप्शन केस सफलतापूर्वक चलना सोमनाथन की ही इन्वेस्टिगेशन का नतीजा है। बाद में जयललिता के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें तिरुनेलवेली के कमिश्रर के पद पर भेज दिया गया। जहां करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था। बाद में वह वर्ल्ड बैंक गए और फिर पीएमओ ज्वाइन किया। सोमनाथन उन 6 ज्वाइंट सेक्रेटरियों में शामिल है जो पीएमओ में तैनात है।
अरविंद शर्मा: पीएमओ में तैनात अरविंद शर्मा गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस है। शर्मा इंफ्रास्ट्रकचर से जुड़े मुद्दे जैसे रोड, हाईवे, पॉवर और रेलवे देखते हैं। इसके अलावा वह अन-ऑफिशियल और अनौपचारिक रुप से पीएम मोदी के विदेश यात्राओं से जुड़े मामलों को भी देखते हैं। कहा जाता है कि वह पीएम मोदी के दिमाग को अच्छे से समझते हैं। उनके क्लीग्स का कहना है कि शर्मा बहुत ही शांत प्रवृत्ति के शख्स हैं और उन्हें जो काम दिया जाता है वह कभी उससे भटकते नहीं हैं।
तरुण बजाज: तरुण हरियाणा कैडर के 1988 बैच के आईएएस है, पीएमओ में वह मानव संसाधन और होम मिनस्ट्री संभालते हैं। कहा जाता है कि तरुण बजाज विचारों से भरे हुए शख्स हैं। उनके पास हमेशा आइडियाज होते हैं। उनके कार्यकाल के दौरान इकोनॉमिक अफेयर्स डिमार्टमेंट हमेशा फायदे में रहा।
देबाश्री मुखर्जी: मुखर्जी (AGMUT, 1991) पीएमओ में रुरल डेवलैपमेंट, लैंड और अर्बन डेवलैपमेंट मंत्रालयों से जुड़े कामकाज देखते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के नजरिए से मुखर्जी बहुत ही अहम लोगों में शामिल है। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी परियोजना और समग्र शहरीकरण पर उनका खासा जोर है। मुखर्जी पीएमओ से पहले दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (डीटीसी) की चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) थीं। मुखर्जी दिल्ली सरकार में सामाजिक कल्याण विभाग में सचिव के पद पर भी सेवा दे चुकी हैं।
अनुराग जैन: अनुराग जैन मध्य प्रदेश कैडर के 1998 बैच के आईएएस है। उन्हें एक ब्राइट स्पार्क के तौर पर देखा जाता है। उनके बारे में कहा जाता है कि जब सरकार वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे से जूझ रही थी, तो उन्होंने इसमें मदद की थी। उनके पास रक्षा मंत्रालय से संपर्क साधने का जिम्मा है।
विनय मोहन क्वाटरा: विनय मोहन 1988 बैच के इंडियन फॉरेन सर्विस के अधिकारी है। उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर उस समय पड़ी जब वह 2014 में ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने ब्राजील गए थे। उस समय उन्हें ऐसे अधिकारी की जरुरत थी, जिसकी हिंदी धाराप्रवाह हो वो थे विनय मोहन। हिंदी के साथ-साथ उनकी फ्रेंच और रशियन भी अच्छी है। उन्होंने जेनेवा में सेवा दी। विदेश मंत्रालय में वो आफगानिस्तान में भारत का डेवलैपमेंट प्रोग्राम और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन में व्यापार और वित्त के मुद्दों के प्रमुख रहे हैं।
भास्कर खुलबे: पश्चिम बंगाल कैडर के 1983 बैच के अधिकारी भास्कर को हाल ही में प्रमोट करके सेक्रेटरी बनाया गया है। उनके पास ज्यूडिशियरी डिपार्टमेंट का चार्ज है। कहा जाता है कि भास्कर पीएम मोदी के स्पीच राइटर भी है। हालांकि इस तरह की भी खबरें है कि पीएमओ में ऐसा कोई नहीं है जो प्रधानमंत्री की स्पीच लिख सके। यह पीएमओ के एक बहुत अहम कामों में से एक है।
साभार- इंडियन एक्सप्रेस से