क्या आपके परिवार की औरतें या मर्द तांत्रिक जेहाद का शिकार तो नही हो रहे? जब भी आप बस या रेलगाड़ी में बैठतें है तो आपको वहा पर कुछ पर्चे लगे हुए मिलेंगे जिन पर लिखा हुआ मिलेगा बंगाली ख़ान बाबा या रहमान मिया आदि। उन पर साई बाबा की फोटो भी दिखाई देगी और उस पर आगे लिखा मिलेगा— गृह कलेश, प्यार में नाकामी, बच्चे पैदा ना होना,परीक्षा में फैल होना, मूठ करनी, वशीकरण आदि के लिए सम्पर्क करें।
यही से शुरू होता है आपकी बर्बादी का खेल। कुछ औरतें उन नंबर्स पर फ़ोन मिलाती हैं और सामने से आवाज़ आती है अस्सलाम-आले-कुम। फ़ोन करने वाली औरत बोलती है कि मुझे अपने पति और सास को काबू में करना है। मुस्लिम तांत्रिक बोलता है की इस कार्य के लिए आपको अजमेर या अन्य बताई जगह पर आना पड़ेगा। फ़ोन करने वाली औरत तय स्थान पर पहुच जाती है। मुस्लिम तांत्रिक संबंधित औरत से पूछता कि पति क्या कार्य करते हैं? औरत जवाब देती है कि वे एक बड़े व्यापारी है या बड़ी नौकरी पर हैं।
मुस्लिम तांत्रिक यही से बर्बादी की कहानी शुरू कर देता है। वह संबंधित औरत से बीस हज़ार के करीब रुपये माँग लेता है और उस औरत को अगले सप्ताह फिर आने को बोल देता है। वह औरत अगले सप्ताह फिर उसके पास पहुच जाती है। वह औरत से पूछता है कि क्या वह अपने पति को बता कर आई है? औरत ना में जवाब देती है। इसी मौके का फ़ायदा उठाकर वह तांत्रिक संबंधित औरत का शारीरिक शोषण करता है। उसे अपने चंगुल से बाहर निकलने ही नही देता। उसे आगे डराता है कि उसके घर में कोई बड़ा अपशकुन होने वाला है,इसके लिए उस औरत को किसी गाय की पूंछ या कान काटने के लिए बोल देता है और वह औरत यह पाप कर बैठती है।
जुलाई 2004 में लाखनमाजरा ग्राम हरियाणा में महम रोड पर एक मुस्लिम तांत्रिक के बहकावे में आकर एक परिवार ने दूसरे परिवार को बेरहमी काट दिया था। बच्चे, औरत यहां तक कि वृद्धों को भी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। न जाने कितने परिवारों को इन मुस्लिम तंत्रिकों ने बर्बाद कर दिया। मुस्लिम तांत्रिक उसे आगे डराता है कि उसके घर में बुरा साया है। इसके लिए औरत को हाइवे के ऊपर एक पीर या सैय्यद बनाना पड़ेगा। परिणामस्वरूप औरत वैसा ही करती है।
यहाँ से फिर ज़मीन जेहाद शुरू हो जाता है। कुछ समय बाद उस पीर के कागज वक्क बोर्ड में जाते है। वक्क बोर्ड किसी कोर्ट में जाता है। कोर्ट के माध्यम से मुस्लिम उस पीर की ज़मीन पर कब्जा कर लेते है। आगे दुकान निकाल लेते हैं और पीछे पीर का का चढ़ावा उठाते रहते है। उस चढ़ावे के पैसे से जेहाद चलाते हैं। यही तो है सारा खेल।
इसका एक उदाहरण करनाल हरियाणा की नहर के पास वाले पक्के पुल पीर पर कब्जा करना है। करनाल के ऊंचा समाना गांव के लोग अपने पीर की जमीन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहां पक्का पुल पीर पर सालाना आने वाला तीन करोड़ का चढ़ावा ऊंचा समाना गांव के विकास में पंचायत द्वारा प्रयोग किया जाता था। लेकिन उस चढ़ावे पर भी जिहादियों ने अपना कब्जा कर लिया। उन पीरों पर वहां के लोग कभी भगवा झंडा लगा देते हैं तो अन्य दिन पीर पर कब्जा करने वाले मुस्लिम नीला झंडा लगा देते हैं।
दूसरा उदाहरण किनाना,जींद,हरियाणा में ढाई एकड़ में फैले पीर पर कब्जा करने के लिए चल रहा संघर्ष है। मूल भारतियों के पास से धीरे-धीरे पीर के नाम पर जमीन छिनती जा रही है। परिणामस्वरूप लोगों ने जागरुक होकर पीर,शहीदों को तोड़ना शुरू कर दिया है।
अब आपको क्या करना है? जब भी आप को सड़क के आसपास कहीं पर नीला या हरा झंडा दिखाई दे, उसे उतारकर नष्ट कर दे और देश को बचाने में सहायता करें। इसके अतिरिक्त जब भी बस या रेलगाड़ी में बैठे तो वहाँ लगे ‘रहमान मियां’ आदि के पर्चे फाड़ दे ताकि किसी बहन,बेटी की ज़िंदगी बर्बाद होने से बच सके। हो सकता है कि अगला शिकार आप ही हो या आपकी कोई रिश्तेदार औरत हो।
(एक जागरुक भारतीय)