5 वीं राष्ट्रीय स्वशिक्षण (होमस्कूलिंग) कांफ्रेंस 9 से 13 मार्च को हिंकारगिरी, बिजासन रोड़ इन्दौर में आयोजित की जा रही है, इसमें देश भर से करीब 200 होमस्कूलर परिवार हिस्सा ले रहे हैं। इस कांफ्रेंस को आयोजित करने का मकसद जो होमस्कूलिंग परिवार है, वह आपस में कैसे मिलकर सीख सकते है, और साथ ही जो परिवार होमस्कूलिंग करना चाहते है, उनके प्रश्नों का भी समाधान करना। कांफ्रेंस के दौरान पूरे दिन विभिन्न सत्र आयोजित किए जाऐंगे, जिसमें कई पालक जो कि किसी विधा में पारंगत है वह अन्य बच्चों और पालकों को उस विधा की बारीकियां बताऐंगे।
इन्दौर शहर के पालकों को भी होमस्कूलिंग से संबंधित सवालों का जवाब देने के लिए 11 मार्च 2017 शनिवार को प्रीतमलाल दुआ कलाविथीका में 3ः30 से 6ः00 बजे तक एक गोष्ठी रखी गयी है, जिसमें उर्मिला सेमसन (जिनके तीनों बच्चे होम स्कूलर है, और सबसे बड़ी बेटी 25 साल की है) और नवीन पंगती होमस्कूलिंग के बारे में पालकों के प्रश्नों का समाधान करेंगे। मसलन बच्चा पढ़ना कैसे सीखेगा, गणित कैसे सीखेगा, स्कूल नहीं जाएगा तो नौकरी कैसे मिलेगी।
दिनांक 12 मार्च 2017 रविवार को दोपहर 01ः30 से 3ः00 बजे तक हिंकारगिरी पर एक खुला सत्र आयोजित किया जा रहा है जिसमें सारे जिज्ञासु माता-पिता, शिक्षक, विघार्थी और आमजन आमंत्रित है। साथ ही दोपहर 3ः00 से 6ः00 बजे तक मेला भी रहेगा जो कि सभी के लिए खुला है।‘
इस संबंध में नवीन पंगती ने बताया कि देश में होमस्कूलिंग परिवार बहुत तेजी से बढ़ रहे है। और उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि इंदौर में भी करीब 10-15 परिवार होमस्कूलिंग कर रहे है। भोजन और ठहरने की व्यवस्था देख रही दिल्ली की होमस्कूलर पालक प्रतिभा अग्रवाल ने बताया कि मालवा में पहली बार हम यह कांफ्रेंस आयोजित कर रहे है और जैसा मालवा के बारे में सुना था वैसा ही देख रही हूं। उन्होंने कहां कि यह इंदौर के पालकों का सौभाग्य है कि कैसे वह अपने बच्चों की शिक्षा को अपने हाथ में ले सकते हैं।
इन्दौर में आयोजन में सहयोग कर रहे दिनेश कोठारी ने कहा कि अब समय आ गया है माता-पिता स्कूल की खर्चिली व्यवस्था के चुंगल से बचे, और अपने बच्चे को स्वयं सीखने और जीने दे, यह कांफ्रेंस इन्दौर के माता-पिता के लिए एक अवसर है – यह जानने का कि क्यों वे अपने 1.5-3 साल के नन्हें मुन्नों को झुलाघर या नर्सरी में भेजने से बचे।
संपर्क
दिनेश कोठारी (मो. 9425904428)