‘टाइम्स नाउ’ ने द फिल्म एंड टेलीविजन प्रॉड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, द सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन’ और इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रॉड्यूसर्स काउंसिल के साथ समझौता कर लिया है
सुशांत सिंह राजपूत के निधन से जुड़ी कवरेज के दौरान बॉलीवुड को बदनाम करने के मुद्दे पर ‘टाइम्स नाउ’ (Times Now) ने द फिल्म एंड टेलीविजन प्रॉड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (PGI), द सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन’ (CINTAA) और इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रॉड्यूसर्स काउंसिल के साथ समझौता कर लिया है।
टाइम्स नेटवर्क ने बयान में कहा है, ‘वादी और टाइम्स नाउ इस बात की पुष्टि करते हैं कि उन्होंने विषय को सुलझा लिया है और सहमति की शर्तों के साथ विषय के निस्तारण के लिए अर्जी माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष स्वीकृति के लिए लंबित है।’
बयान में कहा गया है, ‘…टाइम्स नाउ केबल टेलीविजन नेटवर्क (नियमन) अधिनियम, 1995 और केबल टेलीविजन नेटवर्क रूल्स,1994 के तहत कार्यक्रम संहित का आनुपालन करने का वादा करता है। साथ ही, यह शपथ लेता है कि टाइम्स नाउ चैनल पर ऐसी कोई भी सामग्री प्रकाशित या प्रसारित नहीं करेगा जो वादियों (हिन्दी फिल्म उद्योग) के लिए अपमानजनक हो।’
वहीं प्रॉड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी कहा कि उसने फिल्म उद्योग के खिलाफ कथित ‘गैरजिम्मेदाराना, अपमानजनक और मानहानि करने वाली टिप्पणी’’ से संबंधित अपने दीवानी मुकदमे को अंग्रेजी समाचार चैनल टाइम्स नाउ के साथ सुलझा लिया है।
बता दें कि पिछले साल 34 प्रॉडक्शन हाउस के साथ चार फिल्म उद्योग संगठनों ने एक याचिका दायर कर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिपब्लिक टीवी और इसके एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी, कॉरेस्पोंडेंट प्रदीप भंडारी, टाइम्स नाउ व इसके एडिटर-इन-चीफ राहुल शिवशंकर, टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर (पॉलिटिकल) नविका कुमार और अन्य अज्ञात प्रतिवादियों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दीवानी मुकदमा दायर किया था, जिसमें हिंदी फिल्म उद्योग के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने और विभिन्न मुद्दों पर उसके (फिल्म उद्योग के) लोगों के खिलाफ ‘मीडिया ट्रायल’ करने से रोकने की मांग की गई थी।
मुकदमा चार फिल्म उद्योग संगठनों और आमिर खान, शाहरुख खान, सलमान खान, करन जौहर, अजय देवगन, अनिल कपूर, रोहित शेट्टी के प्रॉडक्शन हाउस सहित 34 मुख्य निर्माताओं तथा यश राज फिल्म और आरएस एंटरटेनमेंट ने दायर किया था। उन्होंने यह मांग की थी कि फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों की निजता में दखलअंदाजी करने से चैनलों पर रोक लगाई जाए।
साभार –https://www.samachar4media.com/ से