रितेश अपने कमरे में चुपचाप गुमसुम सा बैठा है….तभी मम्मी की तरंगे कैच होने लगती है(उस समय तक शायद मोबाईल म्यूज़ियम में दिखेंगे और ऐसे छोटे छोटे ऊँगली में फिट होने वाले गजेट्स आजायेंगे जिनका बटन ऑन करने के बाद जिस व्यक्ति के बारे में सोचेंगे उस से मानसिक तरंगो से बात शुरू हो जाएगी जैसे आजकल मोबाईल से होती है।
रितेश हलो मम्मी …कैसी है आप???
मम्मी:–ठीक हूँ बेटा ..तू बता अभी अमेरिका में धूप निकली की नही??
रितेश:–नही मम्मी अभी कहाँ… करीब दो महीने तो हो ही गए…अभी तक अन्धेरा ही है और मौसम विभाग की भविष्यवाणी हुई है की अभी एक महीने और सूरज निकलने के आसार नही है।
मम्मी:–ह्म्म्म यहाँ भी स्थिति ठीक नही है ..पिछले एक महीने से सूरज ढल ही नही रहा…85 डिग्री सेल्सियस तापमान बना हुआ है…भयंकर पराबैंगनी किरणे फैली हुई है..कल ही पडौस वाले जोशी जी का मांस पिघल कर गिरने लगा था…वो अभी भी I.C.U में भर्ती है
रितेश :–ओह्ह तो क्या उन्हने घर पे ओजोन कवर नही लगा रखा है क्या???
मम्मी-घर पर लगवा तो रखा है पर उनकी कार का ओजोन कवर थोडा पुराना हो गया था इसलिए…उसमे छेद हो गया और पराबैगनी किरणे उनकी बॉडी से टच हो गई थी।
रितेश:–अच्छा मम्मी आपने सुना इधर एक बड़ी घटना हो गई…परसो अमेरिका के किसी कस्बे एक पौधा पाया गया…पूरी दुनिया में अफरातफरी मच गई दुनिया भर के वैज्ञानिक वहाँ इकठ्ठा हो गए काफी रिसर्च चल रही आखिर दुनिया में एक वनस्पति दिखाई देना बहुत बड़ी बात है।
मम्मी:—अच्छा बेटा तू टाईम से अपने भोजन के केप्सूल तो लेता हैं ना???और हां वो पानी वाले केप्सूल लेना मत भूलना वरना तेरी तबियत खराब हो जाएगी।
और टाईम से ऑक्सीजन लेते रहना बेटा तेरे पापा ने एक बार ऑक्सीजन लेने में लापरवाही कर दी थी पुरे फेफड़े ही बदलवाने पड़ गए…तू तो जानता ही है की अच्छे वाले फेफड़े कितने महंगे हो गए है…।
रितेश:—मम्मी अभी बजाज के फेफड़े लांच होने वाले है जो कीमत में काफी कम है और सर्विस होंडा के फेफड़ो जैसी ही रहेगी।
और हां मम्मी आप भी याद रखना घर में तीन चार लिवर एक्स्ट्रा रखा करो…..यूँ भी दादा जी को हर तीन महीने में नया लिवर लगता ही है एकाध एक्स्ट्रा में भी रहना चाहिए कब रात बी रात जरूरत पड़ जाए।
आपको शायद यह मजाक लग सकता है पर अपनी आने वाली पीढ़ी को इन परिस्थितियों से बचाना है तो ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाइये और अपने दोस्तों/रिश्तेदारो/कलीग्स को भी इसके लिए प्रेरित कीजिए।