Monday, November 25, 2024
spot_img
Homeश्रद्धांजलिवरिष्ठ पत्रकार लालजी मिश्र का दुखद निधन

वरिष्ठ पत्रकार लालजी मिश्र का दुखद निधन

मुंबई | वरिष्ठ पत्रकार और नवभारत टाइम्स के पूर्व नगर संपादक लालजी मिश्र का अल्प बीमारी के बाद यहां निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे। उन्होंने तीन दशक से अधिक नवभारत टाइम्स में विभिन्न पदों पर काम किया और नगर संपादक पद से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद भी वे पत्रकारिता व हिंदीभाषी समाज की विभिन्न गतिविधियों से जुड़े रहे। मुंबई भाजपा के महामंत्री अमरजीत मिश्र ने लालजी मिश्र के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि लालजी मिश्र के जाने से मुंबई के हिंदीभाषी पत्रकारिता के एक युग का अंत हुआ।

श्री मिश्र ने कहा कि लालजी मिश्र की कलम ने सैकडों हिंदीभाषी नेता बनाए। उन्हे नेता गढने की उदार फैक्टरी समझा जाता था। लालजी मिश्र हिंदीभाषी समाज व महाराष्ट्र की राजनीति को ठीक ढंग से समझते थे।उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की शक्ति किसे कहते हैं यह जानने के लिए लालजी मिश्र के जीवन को समझना चहिये।उन्होने न सिर्फ नेता गढ़े बल्कि आन्दोलनों को अपनी लेखनी से धारदार बनाया और समस्याओं के समाधान के लिए खुद को समर्पित कर दिया।भाजपा नेता श्री मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता के छात्रों के लिए उनका जीवन एक डिक्शनरी है। हिंदीभाषियों की प्रमुख समस्या है गाँव जाने के लिए रेलगाड़ी।अमरजीत मिश्र ने कहा कि लालजी मिश्र की कलम ने महानगरी एक्सप्रेस के शुरु करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वरिष्ठ भाजपा नेता व स्व. लालजी मिश्र के अनन्य सहयोगी श्री चित्रसेन सिंह ने भी उन्हें अपनी श्रध्दांजलि देते हुए कहा कि मुंबई की हिंदी पत्रकारिता को स्व. लालजी मिश्र ने एक नई ऊँचाई दी।

वह मूल रूप से जौनपुर जिले के बरपुर बेलहटा (लेदुका) गाँव के मूल निवासी थे। पिछले दिनों आपरेशन के बाद दो बार अस्पताल में एडमिट करना पड़ा था। वह लॉक डाउन के दौरान अधिक अस्वस्थ हो गए थे। सोमवार उन्होंने लगभग रात्रि 10 बजे अंतिम सांस ली। उन्होंने कई किताबें भी लिखी थी। जिसमे अपने पैतृक गांव बरपुर बेलहटा के समीप राउर बाबा सिद्ध स्थल के महात्म्य पर लिखी किताब प्रमुख थी। वह मुंबई में उत्तर भारतीयों के बीच बेहद ही पसंदीदा व्यक्तित्व थे। मुंबई में हिन्दी पत्रकारिता जगत के भीष्म पितामह कहे जाते थे।

स्व. मिश्र अपने पीछे दो पुत्र अमरनाथ मिश्र रविन्द्र नाथ मिश्र और दो पुत्रियों ममता शुक्ला और सुनीता पांडेय सहित आठ नाती पोतों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए है। सितंबर 2019 में उनकी पत्नी हीरावती देवी का निधन हो गया था। उनके दो छोटे भाई डीएन मिश्र और प्राणेंद्र मिश्र भी मुंबई ही रहते है।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार