मुंबई। राष्ट्र के प्रति अपनी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए, पश्चिम रेलवे यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है कि कोरोना महामारी के कारण प्रतिबंधित यातायात प्रवाह के बावजूद अत्यावश्यक सामग्री पूरे देश में उपलब्ध कराई जाती रहे। पश्चिम रेलवे द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों के लिए चलाई जा रही विशेष समयबद्ध पार्सल ट्रेनों का सिलसिला जारी रखने के क्रम में अब तक 338 पार्सल स्पेशल और 57 मिल्क स्पेशल ट्रेनों सहित कुल 395 विशेष ट्रेनों का परिचालन किया गया है।
पश्चिम रेलवे द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च से 12 जुलाई, 2020 तक कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, 75,000 टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 395 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयाॅं, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली कमाई, लगभग 23.88 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 57 दूध विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनमें लगभग 43 हजार टन भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 7.39 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ।
इसी तरह 328 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियाॅं 28 हजार टन के भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित आय 14.32 करोड़ रुपये रही। इनके अलावा, 4355 टन भार वाले 10 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये, जिनसे 2.16 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 22 मार्च से 12 जुलाई, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 8963 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 18.43 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया।17,591 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 8788 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 8803 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 397 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये। एक पार्सल विशेष ट्रेन 13 जुलाई, 2020 को पोरबंदर से शालीमार के लिए रवाना हुई।
लॉकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी
कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुक़सान लगभग 1703 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय क्षेत्र के लिए लगभग 1453 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद 1 मार्च 2020 से 12 जुलाई, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 392.39 करोड़ रुपये की रिफंड राशि की अदायगी सुनिश्चित की है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 187.12 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 60.25 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।
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