उदयपुर। दिवाली सीजन में बढ़ती पर्यटकों की संख्या ,झील क्षैत्र में हुई आतिशबाजी तथा विविध धार्मिक रस्मो के बीच झीलों में कचरा विसर्जन बढ़ा है। रविवार को झील मित्र संस्थान ,झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सयुंक्त तत्वावधान में हुए श्रमदान में आतिशबाजी एवं पटाखो से पीड़ित होकर मृत हुए पक्षियों को भी झील से बहार निकाला गया । नावों में बैठकर उपयोग में ली जा रही खाद्य एवं पेय कचरा भी झील में भारी मात्रा में था। पिछोला के अमरकुंड व सत्तापोल झील क्षेत्र से श्रमदान द्वारा बड़ी मात्रा में फूल मालाये , बावन नारियल,तस्वीरें,कोल्ड ड्रिंक व शराब बियर की बोतले,पोलिथिन, वेपर कवर्स ,थर्मोकोल , जलीय घास ,घरेलू बेकार सामग्री,व सड़ांध से पूर्ण खाद्य सामग्री निकाली गयी। श्रमदान में मोहन सिंह चौहान,रामलाल गेहलोत,कुलदीपक पालीवाल,ललित पुरोहित ,बी एल पालीवाल,रमेश चन्द्र राजपूत, अम्बालाल,प्रियांशी कुमावत, अजय सोनी,दीपेश,हरसूल,रिध्वेष,भावेश,तेज शंकर पालीवाल एवं नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।
पेरिस में मृत नागरिको को श्रद्धांजलि
झील मित्र संस्थान ,झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सयुंक्त तत्वावधान में सत्तापोल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में डॉ अनिल मेहता , तेजशंकर पालीवाल एवं नन्द किशोर शर्मा ने पेरिस में हुए आतंकवादी धमाको की घोर निंदा करते हुए कहा कि आतंक वादी हिंसा मानवता के लिए बड़ा खतरा है । पेरिस धमाके बर्बरता के प्रतिक है। इसमें निरीह नागरिको की जाने गयी है। इस अवसर पर पेरिस में हुये सीरियल धमाको में मारे गए निर्दोष नागरिको को दो मिनिट की मौन श्रद्धांजलि दी गयी।एवं केंडल जलाई गयी। श्रद्धांजलि में अमेरिका, इंग्लॅण्ड सहित विदेशी पर्यटकों एवं भारत के विभिन्न प्रांतो के पर्यटकों ने भाग लिया।