भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया है। इस बात को लेकर उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है। हेगड़े का कहना है कि ट्विटर भारत विरोधी रुख अपनाने को तवज्जो देने के साथ ही अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगा रहा है। इसके साथ ही हेगड़े ने कंपनी के डिजिटल उपनिवेशवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि ट्विटर की जांच के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को छह पॉइंट्स को भी ध्यान में ऱखना चाहिए।
इन पॉइंट्स में कहा गया है कि राष्ट्रवादी ट्विटर अकाउंट्स को निशाना बनाया जा रहा है। चुने गए जनप्रतिनिधियों से संबंधित ट्विटर हैंडल्स को बिना किसी नोटिस के सस्पेंड किया जा रहा है। भुगतान किए गए विज्ञापनों (paid ads) के माध्यम से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री आदि के बारे में ‘जहर’ उगला जा रहा है। किसी भी धर्म या देश के खिलाफ असंतोष, फेक न्यूज और आपत्तिजनक सामग्री फैलाने वाले हैंडल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि ट्विटर खालिस्तान समर्थक ट्वीट्स को इतना कठोर नहीं मानता है, जितना राष्ट्रवादियों को। इसके साथ ही उन्होंने इस पत्र में अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ (Wall Street Journal) का वह ट्वीट भी शामिल किया है, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में नागरिक स्वतंत्रताएं दाव पर थीं, जिसे तमाम शिकायतों के बाद भी नहीं हटाया गया है।
भाजपा सांसद ने देश के ‘डिजिटल उपनिवेशीकरण’ (Digital colonisation) को रोकने के लिए ‘NIC’, ‘CDAC’ अथवा ‘CDOT’ की मदद से माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट का एक भारतीय संस्करण विकसित करने का भी सुझाव दिया। हेगड़े ने यह भी कहा है कि उनका पर्सनल ट्विटर अकाउंट और पॉलिसी थिंक टैंक @CksIndia, जिसने इस साइट द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया था, उसे भी सस्पेंड कर दिया गया है। अपने पत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कृत्यों के पीछे के उद्देश्यों की जांच करे और यह पता लगाए कि क्या माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट भारतीय विरोधी, मोदी विरोधी और भाजपा विरोधी ट्वीट को बढ़ावा देने के लिए पैसे लेती है।
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