बेंगलुरु। कर्नाटक के कोलार जिले में दो व्यवसायी भाइयों, तजाम्मुल पाशा और मुजाम्मिल पाशा ने गरीबों को खाना खिलाने के लिए 25 लाख रुपए में अपनी जमीन बेच दी। देशभर में COVID-19 महामारी के चलते हुए तालाबंदी के बीच लोगों की मदद करने के लिए उन्होंने पहल की है। दरअसल, कोलार में दैनिक वेतन भोगी मजदूरों और उनके परिवारों को लॉक डाउन के दौरान पीड़ित होने पर, भाइयों ने कहा कि उन्होंने अपनी जमीन बेचने का फैसला किया और बड़ी संख्या में गरीब लोगों के लिए आवश्यक अनाज खरीदा।
फिर उन्होंने अपने घर के बगल में एक तंबू लगाकर मजदूरों और बेघर लोगों के लिए भोजन बनाने के लिए समुदायिक रसोई शुरू की। तजाम्मुल पाशा ने कहा- हमारे माता-पिता का निधन जल्दी हो गया। जब हम कोलार में अपने नाना-नानी के स्थान पर शिफ्ट हुए, तो समुदाय, हिंदू, सिख, मुस्लिम सभी लोगों ने हमें बिना किसी धार्मिक पूर्वाग्रह के जीवित रहने में मदद की।
पाशा बंधु केले की खेती और अचल संपत्ति में बिजनेस करते हैं। तजाम्मुल पांच साल के थे और मुजाम्मिल तीन साल के थे, जब उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया था। उन्हें चिकबैलपोर से कोल्लार जाना पड़ा, जहाँ उनकी दादी रहती थीं। हम गरीबी में लाए गए थे। हम सभी समुदायों और धर्मों के लोगों के समर्थन के कारण बच गए। हमने सामाजिक समझौते पर हस्ताक्षर किए और इसे हमारे मित्र को सौंप दिया, जिन्होंने हमारी साइट खरीदी और पैसा दिया।
भाइयों ने कहा- लॉकडाउन खत्म होने के बाद और भूमि रजिस्ट्रार का कार्यालय खुलने के बाद, जमीन को हस्तांतरित करने के शेष काम पूरे कर दिए जाएंगे। अब तक दोनों भाई 3000 परिवारों को खाने-पीने की जरूरी चीजों की आपूर्ति कर चुके हैं। कोलार प्रशासन ने उनके स्वयंसेविकों के लिए पास जारी किए हैं, ताकि वे कठिन समय में गरीब लोगों की मदद कर सकें। बताते चलें कि कि भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 24 हजार 506 हो चुकी है, जबकि मृतकों की संख्या 775 से अधिक हो चुकी है।