मुंबई। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से भले ही कथित रूप से मदरसों को शक की निगाहों से देखा जाता हो लेकिन संघ की दशहरा रैली में खाकी पैंट और सफेद शर्ट पहनकर हिस्सा लेने वाले हाजी हैदर आजम ने मलाड के एक मदरसे के 6 बच्चों का जिम्मा उठाया है। चार बार हज कर चुके हैदर बीजेपी सिटी वाइस-प्रेजिडेंट और मौलाना आजाद अल्पसंख्यक आर्थिक विकास प्राधिकरण के चेयरमैन हैं। इस साल एसएससी पास करने वाले इन बच्चों को गोद लेकर उन्होंने उनकी पढ़ाई का खर्च उठाने का ऐलान किया है।
मलाड के नूर मेहर चैरिटेबल ट्रस्ट के जामिया तजविदुल कुरान और नूर मेहर स्कूल के कार्यक्रम में उन्होंने यह ऐलान किया। उन्होंने कहा, ‘मैं इन 6 बच्चों को गोद ले रहा हूं, जो हाफिज हैं और SSC एग्जाम पास कर चुके हैं।’ बता दें कि हाफिज उसे कहते हैं जिसे पूरी कुरान याद हो। इस मदरसे में ऐडमिशन के लिए शर्त यही होती है कि बच्चा हाफिज हो और SSC एग्जाम दे।
मदरसा चलाने वाले सय्यद अली ने बताया, ‘यह हमारा छठा बैच है। अभी तक 42 बच्चे एसएससी पार कर चुके हैं। विधायक असलम शेख ने पहले बैच के एक बच्चे को गोद लिया था लेकिन ऐसा पहली बार है जब किसी ने एक बैच के 6 बच्चों को गोद लिया हो।’ आजम ने बताया कि वह इन बच्चों के लिए स्कॉलरशिप की कोशिश करेंगे।
जब उनसे उस फोटो के बारे में पूछा गया जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ रैली की है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही, तो उन्होंने कहा, ‘दशहरा रैली से पहले संघ कार्यकर्ताओं ने मुझे बुलाया। उन्होंने मुझे कपड़े भेजे। मैं वहां कार्यक्रम के लिए गया था। मैं संघ में शामिल नहीं हुआ हूं।’
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से