देश का पहला संस्कृत भाषा का चैनल जल्द ही उत्तराखंड में खुलेगा। इस सरकारी चैनल के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरी झंडी भी दे दी है।
खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को चैनल की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। चैनल लॉन्च होने के साथ ही उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जहां संस्कृत भाषा का अपना चैनल होगा।
संस्कृत अकादमी द्वारा संस्कृत चैनल को स्थापित करने और संचालित किए जाने संबंधी प्रस्ताव कार्य समिति में पारित किया गया। इसी प्रस्ताव में एफएम रेडियो व कम्युनिटी रेडियो शुरू करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
शासन के माध्यम से भेजे गए तीनों प्रस्तावों को मुख्यमंत्री की तरफ से 25 मार्च को हरी झंडी मिल गई। मुख्यमंत्री संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष भी हैं। संस्कृत चैनल खोले जाने के प्रस्ताव पर सहमति देते हुए मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चैनल खोले जाने के संबंध में डीपीआर तैयार कर परीक्षण के लिए सचिव समिति के सामने रखें।
सचिव समिति योजना के लिए नीति निर्धारण का काम करेगी। संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. सुरेश चरण बहुगुणा ने बताया कि देश ही नहीं विश्व के किसी कोने में संभवतया अब तक संस्कृत चैनल नहीं है।
अकादमी के सचिव डॉ. बहुगुणा ने कहा कि अकादमी, विश्वविद्यालय और निकट भविष्य में खुलने वाले चैनल का उद्देश्य संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार से जुड़ा है। संस्कृत का व्यापक असर हो और भाषा , प्राथमिक शिक्षा के स्तर से छात्रों को पढ़ाई जाए इसके लिए सरकार ने पूर्व में प्रत्येक विकासखंड में संस्कृत के पांच-पाच प्राथमिक विद्यालय खोलने और कई गांवों को संस्कृत गांव के नाम से घोषित करने का फैसला लिया है।
एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार इस चैनल का कंटेंट तैयार करने में मदद करेगा। इस चैनल से चारधामों की प्रातःकालीन और सांध्यकालीन पूजा और आरती का लाइव प्रसारण होगा। इसके अलावा तीर्थनगरी वाराणसी में गंगा की आरती और कुंभ के दौरान होने वाले आयोजनों का भी लाइव प्रसारण किया जाएगा।
साभार- http://www.samachar4media.com/ से