भारतीय वैदिक ज्ञान परंपरा को लोकप्रिय बनाने को लेकर सरकार ने एक बड़ी पहल की है। इसके तहत कोई भी छात्र अब कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय (स्ट्रीम) की तरह ‘वेद’ संकाय में भी दसवीं और बारहवीं पढ़ाई कर सकेगा। फिलहाल इस कोर्स को शुरू कर दिया गया है। इसके सभी विषय संस्कृत भाषा और वेद से जुड़े हैं। हालांकि इस माध्यम में अभी सिर्फ दसवीं में ही प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन जल्द ही बारहवीं का भी कोर्स शुरू करने की तैयारी है।
वैदिक ज्ञान को बढ़ावा देने की यह पहल मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ऑनलाइन पढ़ाई करने वाली संस्था राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने की है। एनआईओएस ने वेदों से जुड़े इस खास संकाय को ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ नाम दिया है, इसके लिए खासतौर पर पांच विषय तैयार किए गए हैं।
इस संकाय के छात्र इनमें भाषा के रूप में संस्कृत को रखा गया है, जबकि अन्य चार विषयों में भारतीय दर्शन, वेद अध्ययन, संस्कृत व्याकरण और संस्कृत साहित्य होंगे। जिसमें छात्रों के लिए अष्टाध्यायी से लेकर वेद मंत्रों को भी शामिल किया गया है। यह पूरा कोर्स ऑनलाइन होगा।
एनआईओएस अध्यक्ष डॉ. सीबी शर्मा के मुताबिक, कोर्स को लेकर संस्थान लंबे समय से काम कर रहा था। इसे लेकर देश भर के प्रमुख वेद विद्यालयों से संपर्क भी किया गया। साथ ही वहां पढ़ाई जाने वाली विषय वस्तु से जुड़ी जानकारी जुटाई गई। यह कोर्स छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। खासबात यह है कि मौजूदा समय में स्कूली शिक्षा में ऐसा कोई कोर्स नहीं था, जिससे कोई भी वेद और भारतीय वैदिक परंपरा से भी जुड़ सके। इसके लिए उन्हें अभी सिर्फ वेद विद्यालयों का ही सहारा लेना पड़ता है।
वेद को बढ़ावा देने को लेकर शुरू किए गए 10वीं और 12वीं के इन ऑनलाइन कोर्स को लेकर भारतीय संस्कृति से नजदीकी जुड़ाव रखने वाले कई देशों ने रुचि दिखाई है। इनमें मारीशस, फिजी, ट्रिनिडाड एंड टोबैगो जैसे देश शामिल हैं। फिलहाल इन देशों ने एनआइओएस से अपने यहां भी इन कोर्सों को संचालित करने और सेंटर खोलने का मांग की है। एनआईओएस से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, इन देशों में एनआइओएस सेंटर खोलने को लेकर तैयार है। फिलहाल इन देशों से इससे जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी करने को कहा गया है।
साभार- https://naidunia.jagran.com/ से