पुस्तक के लेखक वीरसेन वेदश्रमी जी का जीवन वेद को समर्पित था। वर्षों के अध्ययन के बाद उन्होंने यह पुस्तक लिखी।
वेद क्यों पढने चाहिए तो इसका उत्तर है कि वेदों में समस्त विद्याओं का मूल है तथा अनुकरणीय कर्तव्यों का विधान है | ऋषि कणाद ने वेदों के लिए लिखा है कि वेद वाक्य बुद्धि पूर्ण रचना है | प्रस्तुत पुस्तक “ वैदिक सम्पदा “ इसी तथ्य को उदाहारण समेत प्रमाणित करती है | इस पुस्तक में वेदों में वर्णित समाजशास्त्र ,वैदिक आदर्श गृहस्थवाद और आदर्शविचारों को प्रकट किया गया है | फिर आजीविका और विभिन्न कार्यों के लिए पशुपालन ,कृषि , उद्योग धंधे ,वन एवम् यातायात ,चिकित्सा विज्ञान के सम्बन्ध में वेदों के कथनों को दिखाया है |
इसके पश्चात् वेद मन्त्रों से गणित विद्या को दिखाया है | जिसमे वेद मन्त्रों से रेखा गणित ,बीज गणित , अंक गणित ,दशमलव आदि पद्धतियों को दर्शाया है | राजनीति ,सैन्य ,सुरक्षा इन राजविद्या को वेद मन्त्रों से दर्शाया है | इसी प्रकार ऋतु विज्ञानं , भूतत्व विज्ञानं , पदार्थ ,जल विज्ञानं, यज्ञ विज्ञानं आदि का मूल वेद मन्त्रों के द्वारा वेदों से दिखाया है |सबसे अंत में उपसंहार के अंतर्गत धर्म का विवेचन है | इस प्रकार इस पुस्तक से पाठकों को ,मानव जीवन की सम्पूर्ण समस्याओं का विवेचन प्राप्त होगा जैसे – अध्यात्म , समाजशास्त्र , अर्थशास्त्र ,राजनीति ,शिक्षा और धर्म |
वैदिक सम्पदा. ₹500 (डाक खर्च सहित)
वैदिक सम्पदा : लेखक वीरसेन वेदश्रमी
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