आने वाले विधानसभा चुनाव में अपना वोट आवश्यक रूप से दें, तभी देश की, प्रदेश की, शहर की, क्षेत्र की भविष्य दिशा निर्धारण में आपकी भूमिका पूरी होगी। साथ ही अपने परिवार जनों, मित्रों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को भी प्रेरित करें एवं उनका मतदान सुनिश्चित करें। उनके साथ उम्मीदवार चयन पर विचार विमर्श करें। आपकी राय बताये परन्तु किसी पर भी अपने विचार थोपें कदापि नहीं।
मतदाताओं से यह अपील करते हुए अनुज कुमार कुच्छल, सेक्शन इंजीनियर, रेलवे, कोटा कहते हैं कि बहुत पुरानी एक कहावत है कि बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। अर्थात छोटे-छोटे कार्य अथवा योगदान ही बड़ी उपलब्धियों में महत्वपूर्ण साबित होते हैं। प .मदन मोहन जी मालवीय ने भारत के विशाल जन समुदाय से एक-एक रुपया और एक- एक ईंट इकट्ठी करके काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अस्तित्व की महान कल्पना को साकार किया था ।
कुच्छल कहते हैं लोकतांत्रिक प्रणाली में चुनावी प्रक्रिया के संदर्भ में भी उक्त कहावत पूर्णतः लागू होती है। जनमानस की सोच के अनुरूप जनप्रतिनिधियों के चुनाव हेतु प्रत्येक वोट का विशेष महत्व है। समाज में हर व्यक्ति कार्यरत सत्ता से अनेक आशाएं रखता है। विभिन्न क्षेत्रों में सुधार हेतु अपने-अपने सुझाव और फार्मूले भी हर किसी के पास होते ही हैं। जगह-जगह इन मुद्धों पर चार्चाऐं होती हैं। नाकारा या भ्रष्ट नेताओं के प्रति रोष चर्चाओं में दिखाई देता है। इन्हीं बुद्धिजीवियों में ही अनेक ऐसे मिलते हैं जो मतदान के दिन व्यस्तता के कारण , आलस्य के चलते वोट देने जाने से बच जाते हैं। कई को तो यह विचार आ जाता है कि इतनी जनसंख्या में मेरे एक वोट से ही क्या फर्क हो जायेगा। जो भावना ठीक नहीं है।
वे कहते हैं प्रत्येक वोट का एक समान ही मूल्याकंन है। कई उदाहरण ऐसे पूर्व में मौजूद है कि बड़े-बड़े प्रत्याशियों का निर्णय एक वोट से ही हुआ है। भारत भविष्य के सुधार हेतु आपके जो भी सुझाव, फार्मूले आदि है उनके आधार पर आपके क्षेत्र में उपलब्ध उम्मीदवारों में से जो सर्व उपयुक्त प्रत्याशी है उसे वोट देना आपका महत्वपूर्ण कार्य है और नागरिक धर्म भी। अन्यथा आपका रोष, आरोप, सुझाव व राय सब व्यर्थ हैं।