रायसेन (म.प्र.) शहर के दशहरा मैदान में बुधवार दोपहर एक बजे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समरसता कुंभ की शुरुआत हुई। संघ सह सर कार्यवाह सुरेश सोनी ने कहा कि हमें हिन्दू संस्कृति ने जो सिखाया था, वो हम भूल गए हैं। अब कौन हूं, कहां से हूं किस जिले से हूं यह बात करने लगे। हम हिन्दू जब जब हिंदुत्व को कम होने देते हैं मुश्किल में पड़ जाते हैं। हिन्दू भाव को जब-जब भूले विपत्ती आई है।
उन्होंने कहा कि जब हम हिन्दू भाव को भूले जो भाई छूटा, धरती छूटी। गांधार हिन्दू देश था आज मुस्लिम देश हो गया। पाकिस्तान सम्पूर्ण हिन्दू क्षेत्र था, अब मुस्लिम देश हो गया। भाई छूटे, धरती खोई, सारे धर्म स्थान नष्ट हो गए। चाहे वह अयोध्या का हो, मथुरा का हो या फिर काशी का।
सुरेश सोनी ने कहा इस नाते से अगर अपने देश पर अपने समाज पर संकट नहीं लाना है, तो उसी भाव को नहीं भूलना है। आज-कल हिन्दुस्तान के अंदर बहुत सी ताकतें सक्रिय हैं, जो छोटी-छोटी निष्ठाओं को हरा रही है। प्रचार कर रहीं है कि तुम हिन्दू नहीं हो। बनवासी समाज के बीच जाकर कहते हैं कि तुम गौड हो, तुम सहरिया हो तुम हिन्दू नहीं हो, तुम भील हो हिन्दू नहीं हो।
उन्होंने कहा वास्तव में किसी भी जाति का भाई हो, अनुसूचित जनजाति का बंधु हो अनादि काल से इस हिन्दू परंपरा से जुड़े रहे हैं। सांस्कृतिक रूप से, धार्मिक रूप से जुड़े रहे हैं।
इस कुंभ में हिस्सा लेने के लिए करीब एक लाख लोग यहां पहुंच रहे हैं। तीन स्थानों से कलश यात्राएं भी निकाली गईं, जो शहर में से होते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। यहां विभिन्न स्थानों पर कलश यात्रा का स्वागत भी हुआ। अपने तरह के सबसे बड़े आयोजन के लिए शहर में व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई है। पूरे शहर को भगवा ध्वज पताकाओं से सजाया गया है।
शराब बंदी से घर में आ गई कार
उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात कि है की अपने जनजाति क्षेत्र के जो लोग छोटे-छोटे गांवों में जो गरीबी है, उसके लिए सामाजिक संस्थाएं खड़ी हों। उनके अंदर शिक्षा का, संस्कार का, व्यसन मुक्ति का हर प्रत्यत्न करने की आवश्यकता है। अफसर गांव में शासकीय योजनाएं लेकर गया, तो महिलाओं ने कहा कि आप तो एक काम कीजिए शराब बंद करवा दीजिए। जो कुछ होता है शराब पीने के कारण होता है। उत्तराखण्ड की एक गांव की महिलाओं ने शराब बंद कर दी। आज उस गांव के हर घर में मोटर साइकिल, स्कॉर्पियों आने लगीं है।
महापुरुषों के नाम पड़ाव
चौपड़ा हनुमान मंदिर पर बनाए पड़ाव को डॉ. भीमराव आंबेडकर, होमगार्ड परिसर को विरसा मुंडा और सांची रोड स्थित गोपालपुर को रानी दुर्गावती एवं दशहरा मैदान को महर्षि वाल्मीकि परिसर नाम दिया गया है।