मुंबई। नए यातायात को आकर्षित करने और यातायात की मौजूदा स्ट्रीम में रेल हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे के सभी क्षेत्रीय रेलों पर बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट का गठन किया गया है। पश्चिम रेलवे ने भी प्रधान कार्यालय और अपने सभी मंडलों में बीडीयू की स्थापना की है, जो फ्रेट कस्टमरों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने तथा राजस्व बढ़ाने के लिए सराहनीय कार्य कर रही है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार,बीडीयू को विभिन्न उद्योगों के साथ संपर्क करने और उन्हे रेल द्वारा कंसाइनमेंट ले जाने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। बीड़ीयू के कामकाज के व्यापक क्षेत्रों में परंपरागत थोक सामग्री संचालन में रेलवे की वर्तमान रेल हिस्सेदारी में वृद्धि करना और स्थानीय उद्योगों से नए गैर-थोक यातायात को रेल मोड में आकर्षित करना मुख्य रूप से शामिल है। पश्चिम रेलवे पर अगस्त, 2020 में बीडीयू की स्थापना के बाद से फ़रवरी 2021 तक, कुल 245 बैठकें हो चुकी हैं। इनमें मण्डल अधिकारियों द्वारा 218 बैठकें और 27 बैठकें प्रधान कार्यालय में आयोजित की गईं। बीडीयू के कामकाज के प्रभाव के परिणाम स्वरूप पश्चिम रेलवे को 511.74 करोड रु. का राजस्व अर्जित करने वाले 1627 रेको का नया माल यातायात हासिल हुआ, जबकि रेलवे बोर्ड द्वारा बीडीयू के प्रयासों पर 01.07.2020 से दी गयी विभिन्न रियायतों के कारण 353.94 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ 2168 रेकों के अतिरिक्त नए यातायात की प्राप्ति हुई।
श्री ठाकुर बताया कि 1 अप्रैल, 2020 से 16 मार्च,2021 तक पश्चिम रेलवे का माल लदान पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 74.96 मिलियन टन की तुलना में 77.12 मिलियन टन रहा है। यह वृद्धि देशव्यापी लॉकडाउन की मुश्किल चुनौतियो के बावजूद हासिल की गई है। 23 मार्च, 2020 से 16 मार्च, 2021 तक पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 988 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से लगभग 2.92 लाख टन वजन की सामग्रियों का परिवहन किया गया है, जिसके अंतर्गत मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाइयाँ, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से राजस्व लगभग 104 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 180 मिल्क विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें वैगनों का शत-प्रतिशत उपयोग करते हुए लगभग 1.33 लाख टन का लदान किया गया। इसी प्रकार, 79 हजार टन से अधिक भार वाली 616 कोविड-19 पार्सल विशेष ट्रेनें भी विभिन्न अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं। इनके अतिरिक्त, लगभग शत-प्रतिशत उपयोग के साथ 54 हज़ार टन का भार वहन करने वाले 120 इंडेंटेड रेक भी चलाये गये। 24 हजार टन से अधिक का भार वहन करने वाली 72 किसान रेल स्पेशल ट्रेनें अब तक चलाई गई हैं। लॉकडाउन की अवधि के दौरान, 22 मार्च, 2020 से 16 मार्च, 2021 तक पश्चिम रेलवे द्वारा 76.41 मिलियन टन की अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए माल गाड़ियों के कुल 34,517 रेकों का उपयोग किया गया है। अन्य जोनल रेलों के साथ 71,452 मालगाड़ियों को इंटरचेंज किया गया है, जिनमें 35,763 ट्रेनों को हैंडओवर किया गया और 35,689 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर टेकओवर किया गया। 17 मार्च, 2021 को पश्चिम रेलवे के विभिन्न भागों से 5 विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें 3 किसान रेल शामिल हैं। इनमें से दहानू रोड और अमलसाड से आदर्श नगर के लिए एक-एक और एक किसान रेल धोराजी से न्यू गुवाहाटी के लिए जबकि एक इंडेंट स्पेशल करम्बेली से अजरा और एक मिल्क विशेष ट्रेन पालनपुर से हिन्द टर्मिनल के लिए चलाई गई।