मुंबई। भारतीय रेल पर माल यातायात को बढ़ावा देने के लिए, रेल मंत्रालय द्वारा विभिन्न नवीन योजनाओं की शुरूआत की गई है। इससे पहले, पश्चिम रेलवे द्वारा ज़ोनल मुख्यालय और इसके सभी छह मंडलों में बहु-विषयक व्यावसायिक विकास इकाइयाँ (BDU) स्थापित की गई थीं। ये इकाइयाॅं नये विचारों और अनूठी पहलों को शामिल करके माल बाजार में व्यापार की सम्भावनाओं को बेहतर बनाने के लिए स्थापित की गईं हैं। अब, एक और ग्राहक अनुकूल पहल के साथ, रेल मंत्रालय ने हाल ही में विभिन्न ट्रेनों के एसएलआर में पार्सल स्थान की 120 दिनों की अग्रिम बुकिंग की अनुमति दी है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पार्सल स्थान की अग्रिम यात्री ट्रेनों और समय समय पर चलने वाली पार्सल स्पेशल ट्रेनों के एसएलआर और पार्सल वैन में की जा सकती है। यह योजना प्रमुख पार्सल लोडिंग पार्टियों को बेहतर तरीके से अपने लॉजिस्टिक्स की योजना के नियोजन में सक्षम बनायेगी। इस योजना की कुछ विशेषताऍं हैं कि इसमें अग्रिम बुकिंग की अनुमति 120 दिन पहले दी जाती है। यह योजना बहुत ही ग्राहक अनुकूल है। कुल माल का केवल 10% अग्रिम भुगतान किया जाना है और 90% भुगतान ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 72 घंटे पहले किया जाना है। रद्दीकरण / धन वापसी नीतियां भी निर्धारित की गई हैं, जिसके अंतर्गत पूर्ण अग्रिम भाड़ा वापस कर दिया जायेगा, यदि ट्रेन को रद्द करने या किसी अन्य कारण से पार्सल स्थान उपलब्ध नहीं कराया गया है। अग्रिम बुकिंग रद्द कर दी जाएगी और अग्रिम भाड़ा रद्द कर दिया जाएगा, अगर ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 72 घंटे पहले शेष 90% मालभाड़ा जमा नहीं किया जाता है। ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से कम से कम 72 घंटे पहले बुकिंग रद्द होने पर अग्रिम भाड़े का 50% वापस किया जाएगा।
यदि ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से पहले 72 घंटे की समय सीमा के बाद रद्द किया जाता है, तो कोई वापसी नहीं दी जाएगी। श्री ठाकुर ने बताया कि पार्सल वैन की अग्रिम इंडेंटिंग, यात्री ले जाने वाली ट्रेनों और समय-समय पर पार्सल ट्रेनों से जुड़े होने के लिए, अग्रिम नियमों के अनुसार “वैगन पंजीकरण शुल्क” के भुगतान पर, 120 दिन पहले अनुमति दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत पश्चिम रेलवे की टीमों द्वारा भावी ग्राहकों के साथ इसकी मुख्य विशेषताओं पर चर्चा की गई। पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल और अहमदाबाद डिवीजनों ने तदनुसार अच्छा प्रतिसाद प्राप्त किया और इन डिवीजनों में विभिन्न ट्रेनों में अग्रिम माल बुकिंग को सुनिश्चित किया गया है। मुंबई सेंट्रल डिवीजन ने 19 से 22 सितम्बर, 2020 तक पिछले 4 दिनों में की गई एडवांस बुकिंग से 80.74 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया, जबकि अहमदाबाद डिवीजन ने अग्रिम माल सौदों की बुकिंग से 21 और 22 सितम्बर, 2020 के दो दिनों में 131.48 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हासिल किया।
श्री ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट द्वारा सराहनीय प्रदर्शन के कारण, वडोदरा डिवीजन ने रेलवे के माध्यम से ऑटोमोबाइल की लोडिंग का नया यातायात हासिल करने में सफलता पाई है। वड़ोदरा डिवीजन के BDU द्वारा पुरज़ोर प्रयासों और उपयुक्त विपणन के कारण यह लोडिंग हासिल की जा सकी। पश्चिम रेलवे ने नये ऑटोमोबाइल यातायात के पहले रेक को लोड करने के लिए मेसर्स एम जी मोटर्स के साथ समन्वय किया। हरियाणा के गुरुग्राम जिले में फारुख नगर के लिए वडोदरा के पास स्थित चंपानेर रोड स्टेशन पर ऑटोमोबाइल वाहन लोड किए गए। इस लोडिंग के माध्यम से अर्जित राजस्व लगभग 9.73 लाख रु रहा।
श्री ठाकुर ने बताया कि 22 मार्च, 2020 से लागू पूर्ण लॉकडाउन तथा वर्तमान आंशिक लॉकडाउन के दौरान कठिनतम परिस्थितियों और विकट चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने 22 सितम्बर, 2020 तक मालगाड़ियों के 15,730 रेक लोड करके काफी सराहनीय कार्य किया है, जिसके फलस्वरूप 4159.43 करोड़ रु. से अधिक का उल्लेखनीय राजस्व हासिल हुआ है। विभिन्न स्टेशनों पर श्रमशक्ति की कमी के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी मालवाहक ट्रेनों के ज़रिये देश भर में अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन बखूबी सुनिश्चित किया जा रहा है। इस अवधि में कुल 32.98 मिलियन टन भार वाली विभिन्न मालगाड़ियों को उत्तर पूर्वी क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न राज्यों में भेजा गया।
इनके अलावा चिकित्सा किट, दवाइयों, जमे हुए भोजन , दूध पाउडर और तरल दूध जैसी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए उत्तरी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में भेजे गये। कुल 30,895 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 15,441 ट्रेनें सौंपी गईं और 15,454 ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इसके अलावा 23 मार्च, 2020 से 22 सितम्बर, 2020 तक 1.32 लाख टन से अधिक विभिन्न अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 560 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से मिलने वाला राजस्व 44.35 करोड़ रुपये से अधिक रहा है। इस अवधि के दौरान 93 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 70 हजार टन से अधिक का भार था और वैगनों का 100 % उपयोग हुआ।
इसी प्रकार, 42 हज़ार टन से अधिक भार वाली 424 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं। इनके अलावा, 19,000 टन भार वाले 43 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाए गए। पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में समयबद्ध पार्सल विशेष रेलगाड़ियों को चलाने का सिलसिला लगातार जारी रखा है, जिसके अंतर्गत 23 सितम्बर, 2020 को तीन पार्सल विशेष ट्रेनें पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें पहली पोरबंदर से शालीमार के लिए और दूसरी ओखा से न्यू गुवाहाटी के लिए रवाना हुई। तीसरी ट्रेन इंडेंटेड रेक के रूप में करम्बेली से न्यू गुवाहाटी के लिए चलाई गई।
लॉकडाउन के कारण राजस्व नुक़सान और रिफंड अदायगी
कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 2687 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 409 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 2278 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 23 सितम्बर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 433.38 करोड़ रुपये के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने 209 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 67.24 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है।