पश्चिम रेलवे ने अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम सम्भव प्रयास किए हैं और विभिन्न स्तरों पर अपनी गतिशीलता को जारी रखा है। हालांकि कोविड-19 महामारी की विकटतम स्थिति के कारण यात्री और माल यातायात को अनेक मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, मगर पश्चिम रेलवे ने पिछले वर्ष की तुलना में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। इसी क्रम में अपने निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप 21 अगस्त, 2021 को पश्चिम रेलवे ने 5000 करोड़ रुपये के प्रारम्भिक राजस्व का महत्वपूर्ण माइलस्टोन पार किया। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल के ऊर्जावान नेतृत्व, सक्षम मार्गदर्शन और दूरदर्शिता पूर्ण प्रेरणा के फलस्वरूप यह प्रमुख उपलब्धि सम्भव हुई है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 1 अप्रैल से 21 अगस्त, 2021 की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे ने 5033 करोड़ रु. का प्रारम्भिक राजस्व प्राप्त किया और पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 53% की वृद्धि दर्ज करते हुए यात्री, पार्सल और टिकट जांच खंडों से राजस्व में 100% से अधिक की वृद्धि हासिल की है। इस अवधि में पश्चिम रेलवे पर यात्रा करने वाले यात्रियों की प्रारम्भिक संख्या 143 मिलियन रही, जो पिछले वर्ष के 9.93 मिलियन के मुकाबले कई गुना अधिक रही है। यह भी उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे द्वारा गैर- किराया राजस्व श्रेणी में हासिल 4.16 करोड़ रुपये का राजस्व भारतीय रेल के सभी जोनों में सबसे अधिक रहा है।
श्री ठाकुर ने बताया कि कुल राजस्व का लगभग 80% माल ढुलाई से प्राप्त हुआ है। नीतियों में बदलाव और आक्रामक विपणन प्रयासों से 4030 करोड़ रुपये का राजस्व माल ढुलाई से प्राप्त हुआ है, जिसने कुल राजस्व का लगभग 80% योगदान दिया है। 1 अप्रैल से 21 अगस्त, 2021 की अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे ने अपनी 285 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 1 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल है। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न राजस्व लगभग 37.47 करोड़ रु.रहा।
इसी अवधि में पश्चिम रेलवे द्वारा 50 हजार टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ 72 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इसी तरह, 85 कोविड-19 स्पेशल पार्सल ट्रेनें लगभग 14,900 टन लोड के साथ आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गई। इनके अलावा, लगभग 25,000 टन भार ले जाने वाले 53 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए। किसानों को उनकी उपज के लिए नए बाजार खोजने में मदद करने के लिए और इसके किफायती और तेज परिवहन के लिए विभिन्न मंडलों से इस अवधि के दौरान 18,600 टन से अधिक भार वाली 75 किसान रेलें भी चलाई गई हैं।
श्री ठाकुर ने बताया कि 1 अप्रैल से 21 अगस्त, 2021 की अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा कुल 14,944 रेक मालगाड़ियाँ चलाई गई हैं और पिछले वर्ष की इसी अवधि में 25.86 मिलियन टन की तुलना में 32.56 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं को ढोया गया है। 31,151 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलवे के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें से 15,595 ट्रेनों को सौंपा गया और 15,556 ट्रेनों को विभिन्न इंटरचेंज बिंदुओं पर टेक ओवर किया गया।