Monday, December 23, 2024
spot_img
Homeबात मुलाकातजो भी हूँ अपने माता-पिता की वजह से हूँ:-प्रियदर्शनी रॉय

जो भी हूँ अपने माता-पिता की वजह से हूँ:-प्रियदर्शनी रॉय

केवल तीन साल में अपना हाई स्कूल पूरा करने वाली अमेरिका में पली बढी ,प्री मेड स्नातक प्रियदर्शनी जी रॉय जोकि अभिनेत्री है ,गायिका हैं ,नृत्यांगना हैं ,लेखिका है ,मॉडल है निर्माता भी हैं और साथ में आप ट्रिपल पैजेंट क्वीन भी हैं ,Miss India USA Miss Talented 2013’ and ‘2012 Miss India Southern California,’इनकी उपलब्धियाँ हैं। प्रियदर्शनी अपनी पढ़ाई के प्रति भी गंभीर है। अभी आपको फाइन आर्ट्स इन डिजिटल सिनेमा और मास्टर ऑफ़ बिसिनेस एडमिनिस्ट्रेशन करने के लिए California State University of San Bernardino, University of La Verne, and National University में चयन हुआ है। आपने अमेरिकन आइडल ,एक्स फैक्टर ,दा वॉयस ,और सा रे गा मा पा यू एस ए इत्यादि प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। हमको ,बहुमुखी प्रतिभा की धनी ,अति विनम्र प्रियदर्शनी जी से बात करने का मौका मिला। प्रस्तुत है उनसे हुई चर्चा के मुख्य अंश।

आपने प्री मेड किया फिर आप अभी अभिनय की ओर जा रही हैं क्या आपका अभिनय करने का विचार पहले से ही था या पढ़ाई करने के बाद ये विचार आया।

मेरे माता पिता ने मुझे एक्स्ट्रा कैलिकुलर एक्टिविट्स और पढ़ाई दोनों के लिए बहुत प्रोत्साहित किया। मैं ४.० विद्यार्थी रही हूँ मैने हाई स्कूल ३ साल में पूरा किया मैने ११ ग्रेड की पढ़ाई छोड़ कर १२वीं की पढ़ाई की है । इसके बाद स्नातक करने के बाद मैने प्री मेड किया। कैलिफ़ोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी ,सैन बर्नार्डिनो , ला वर्नी यूनिवर्सिटी और नेशनल यूनिवर्सिटी में दोहरे मास्टर कार्यक्रम में मेरा चयन हो गया है जहाँ मैं फाइन आर्ट्स इन डिजिटल सिनेमा और मास्टर ऑफ़ बिसिनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई करुँगी (Master of Fine Arts in Digital Cinema and Master of Business Administration (M.F.A./ M.B.A.) program at National University )। मैने पढ़ाई के साथ रविंद्र संगीत,हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत ,और भरतनाट्यम सीखा है। यह सब मैने ८ साल की उम्र से ही सीखना प्रारम्भ कर दिया था। मैने अमेरिकन आईडल और एक्स फैक्टर में भाग लिया था। मैने बॉलीवुड नृत्य ,हिप हॉप और लोक नृत्य सीखा है। मैने मंच पर अभिनय भी किया है मेरे स्कूल और कॉलेज के दिनों में मेरे दोस्त बहुत ही सहायता करते रहे हैं। मैने मिस इंडिया सदर्न कैलिफोर्निया जीता ,मिस इंडिया यू एस ऐ २०१३ में जीता था। मुझको लगा की डॉक्टर बनने की कोई उम्र नहीं होती है मैने पढ़ाई कर ली है तो कभी भी डॉक्टर बन सकती हूँ। मुझको लगता है कि आप टेक्निक सीख सकते हैं पर हुनर तो भगवान का दिया होता है। भगवान ने मुझको कुछ गुणों से नवाजा है तो मुझको उनको दुनिया के सामने लाना ही चाहिए।

सदर्न कैलिफ़ोर्निया इंडिया जीता इसमें कैसे भाग लिया ?
मैं कॉलेज के तीसरे साल में थी तभी मुझको पता चला की मिस इंडिया की प्रतियोगिता हो रही है। तो बस मैने ऐसे ही फॉर्म भर दिया,कुछ अधिक सोचा नहीं था। इस से पहले मैने एक प्रतियोगिता जीत थी जो की पीसी ज्वैलर्स की थी। रिहर्सल्स होते गए और हुनर के कारण मैं आगे बढ़ती गयी। प्रतियोगिता के एक चरण में गुणों की स्पर्धा होती है। उसके लिए वहां पर सभी लड़कियाँ डांस कर रहीं थीं, मुझको लगा कि यदि मैं गाना गाती हूँ तो सबसे अलग लगूंगी तो मैने गाना गया।

तुमने कौन सा गाना गाया था?
टाइटैनिक का गाना गाया था। मिस इंडिया यू एस ओ २०१३ का ताज मैने जीता और साथ में गुणी होने का ख़िताब भी मैने जीता था।

अभिनय की तरफ झुकाव कैसे हुआ ?
अभिनय तो मै बचपन से करती आआ हूँ। मैने सचुकौर कॉलेज थिएटर किया है तो अभिनय तो मुझको हमेशा से ही अच्छा लगता था। अपने स्कूल में नाटक अल्लादीन में मैं जास्मिन बनी थी,और ब्यूटी एंड दा बीस्ट में मैं बेल बनी थी। कॉलेज में भी मैने थियेटर एक विषय की तरह लिया था।

आपने प्रीमेड किया और अभिनय दोनों साथ साथ करना कितना आसान था और कितना कठिन ?
मैने बचपन से ही दोनों तरफ ध्यान दिया है यहाँ अमेरिका में पढ़ाई का तरीका अलग है। आप पढ़ाई के साथ अपने शौक को भी पूरा कर सकते हैं। मुख्यतः नृत्य और अभिनय ने मुझको अनुशासन सिखाया। समय का सदुपयोग करना सिखाया। इसके कारण ही मैं अपनी पढ़ाई और अभिनय दोनों साथ साथ बहुत अच्छी तरह से कर सकी। मैं हॉलीवुड की दो एजेंसियों से जुडी हुई हूँ

प्रियदर्शनी फिल्मस एंड इंटरटेनमेंट आपकी प्रोडक्शन कम्पनी है आपने एक विज्ञापन भी बनाया है। उसके बारे में कुछ बताइये।
प्रियदर्शनी फिल्मस एंड इंटरटेनमेंट नाम की मेरी एक प्रोडक्शन कंपनी है उसी के बैनर तले मैने एक विज्ञापन बनाया था ,जो की सोनी टी वी यू एस ऐ पर दिखाया जाता है और जल्दी ही यह विज्ञापन भारत में सोनी टी वी भी दिखाया जायेगा।

इस विज्ञापन को बनाने का मौका आपको कैसे मिला ?
मैं ज़ी टी वी मेड इन अमेरिका कार्यक्रम में प्रतिभागी थी। मुझको बहुत से रियलिटी शो का अनुभव भी था और मैं अभिनय के साथ साथ निर्माता भी बनना चाहती थी। पहले मैं अभिनय की दुनिया में अपना पैर जमा लूँ फिर मुझको निर्माता बनना है ऐसा मेरे दिमाग में पहले से ही था। मेरे पिता एमबीएं हैं अतः उद्यमिता (entrepreneurship) मुझमें हमेशा से ही थी। सोनी के साथ मेरा ये जो काम हुआ वह अचानक ही हो गया। कम्पनी का नाम “बर्गर इन” है। यह बहुत ही प्रसिद्ध कंपनी है इसकी करीब ३५० शाखाएं हैं। इस कम्पनी के ब्रांड अम्बेस्डर जोनाथन चेबन हैं, जिनको ‘फ़ूडगॉड ‘ के नाम से भी जाना जाता हैंl मेरे पिता उस कम्पनी (Franchise Development of BurgerIM.) के उपाध्यक्ष हैं । कम्पनी के मालिक एक ऐसे व्यक्ति को ढूंढ रहे थे जो यह विज्ञापन तैयार कर सके। उन्होंने मुझसे यह विज्ञापन करने को कहा। मेरे पिता जी ने भी सोचा कि जब एक अभिनेत्री घर में है और उस समय तक मेरी प्रोडक्शन कम्पनी खुल चुकी थी, तो क्यों न यह काम मैं ही करूँ ,बस मुझको यह कॉन्ट्रेक्ट मिल गया। मैने इस विज्ञापन को हिंदी और इंग्लिश में स्वयं ही लिखा था। बर्गर किंग के एक दिन में हमने चार विज्ञापन बनाये थे। १५ सेकंड के प्रोमो और ३० सेकंड का मुख्य विज्ञापन। मेरे पास बहुत अच्छी टीम थी इस लिए मै इस विज्ञापन को कर सकी।

आपने प्रीतम चक्रवर्ती के साथ दोगाना गाया है। यह मौका आपको कैसे मिला ?
प्रीतम जी जब यहाँ अमेरिका आये थे तो उन्होंने एक प्रतियोगिता करवाई थी। उसमे मेरा चयन हुआ था तो मैने प्रीतम जी के साथ मंच पर ‘दो गाना’ गाया था। सोनू निगम ,शान, श्रिया ,अलका याग्निक ,कुमार शानू ,बाबुल सुप्रियो इत्यादि के साथ उनके शो के शुरुआत में मैने गाया है।

आप गायिका है अभिनेत्री हैं नृत्यांगना है निर्माता भी है पर इन मे से आपको क्या करने अधिक आनन्द आता है ?
जो मुझको को सभी कुछ करने में आनंद आता है मैं एक ऐसी अभिनेत्री हूँ, जो गाती और नाचती भी है। आप यदि देखेंगी तो पहले की अभिनेत्रियाँ डांस करती थी और अपने गाने खुद गाती थी। यदि आप बियॉन्से को देखें तो वह गाती है उन्होंने फ़िल्में भी की हैं और अपनी फ़िल्मे में डांस भी किया है। अरियाना ग्रांडे जो की अभिनेत्री थीं और अब संगीत की दुनिया में हैं और वह नृत्य भी करती हैं और माइकल जैक्सन भी इस बात का उदाहरण हैं।

मुझे लगता है आप पूरब और पश्चिम का सुन्दर संगम हैं। इस पर कुछ कहना चाहेंगी आप ?
जी शायद आप सही कह रही है। मेरे माता पिता ने मेरी परवरिश ऐसे ही की है। मेरी पैदाइश दिल्ली की हैं परन्तु मैँ पाली बढ़ी कैलिफोर्निया अमेरिका में हूँ। यहाँ रह रहे बहुत से लोगों को हिन्दी नहीं आती है। पर मुझको मेरे माता-पिता ने बहुत अच्छे तरीके से हिन्दी और बंगाली सिखाई है क्योंकि हम लोग बंगाली है पर मेरे माता पिता दिल्ली में रहते थे। मैने स्कूल में स्पैनिश भी सीखी है। मैने कोशिश की है कि जिस भाषा को जैसे बोलना चाहिये उसी तरीके से बोला जाये। आप देखिये तो मैने भारतीय संगीत और नृत्य के साथ यहाँ का नृत्य और संगीत भी सीखा है। यहाँ की सभ्यता के साथ भारतीय संस्कारों को भी स्वयं में जीवित रखा है और उनको मान भी दिया है।

क्या अभी आपके पास कोई फिल्म हैं ?
हाँ अभी मेरे पास २ फ़िल्मो के प्रस्ताव हैं l हम निश्चित करेंगे कि उनकी शूटिंग कब करें। अगले साल तक फ़िल्में रिलीज़ हो जाएँगी।

क्या तुम यहाँ हॉलीवुड मे भी काम कर रही हो ?
जी हाँ, मैँ हॉलीवुड में दो एजेंसियों के साथ जुड़ी हूँ डिनायल हॉक्स ,मैवरिक आर्टिस्ट जोकि बहुत ही उच्चस्तरीय एजेंसियाँ हैं। यहाँ पर मैने बहुत से शो में काम किया है जैसे अमेरिकन आईडल ,एक्स फैक्टर ,दा वॉइस ,पाइलेट सीरीस ,ज़ी टी वी मेड इन अमेरिका जो मीना डाबलोरी के साथ है कि भूतपूर्व मिस अमेरिका हैं। मेरा भारत का जो काम है वह हिन्दी और इंग्लिश दोनों में फिल्माया जायेगा और बह भारत के साथ साथ पूरी दुनिया में दिखाया जायेगा। यह बॉलीवुड और हॉलीवुड का साझा प्रोजेक्ट है।

भारतीय मूल की अभिनेत्री को हॉलीवुड में काम मिलना आसान है यह बॉलीवुड में l
मेरे साथ उल्टा हुआ है क्योंकि मैं देखने में न केवल भारतीय लगती हूँ बल्कि यहाँ की भी लगती हूँ l बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं कहाँ से हूँ ?क्या आप लैटिना हो ,थाईलैंड से हो या समोय हो। यही कारण है कि मुझको केवल भारतीय किरदार ही नहीं मिलते और भी अलग अलग अभिनय करने को मिलता है। पर यहाँ लोग दोहरी मानसिकता के साथ जीते हैं। मुझको हिन्दी फ़िल्मो में काम बहुत ही मेहनत से मिला है क्यों कि वहां मेरा कोई परिचय नहीं था उन लोगों को काम आसानी से मिल जाता है जो वहीँ बड़े हुए हैं और जिनके जान पहचान के लोग हिंदी सिनेमा में हैं। मुझको अपने माता पिता का सहयोग है,और मैं उनके साथ से आगे बढ़ती जा रही हूँ। मुझको १० साल लग गए हैं अपनी पहचान बनाने में ,अपना परिचय बढ़ने में। मुझको पता है भगवान वह १० साल मुझको कहीं न कहीं से दे देगा।

यहाँ अमेरिका में जो बच्चे अभिनय की दुनिया में जाना चाहते हैं उनके लिए तुम क्या कहना चाहोगी?
मैं कहूँगी कि आप कैसे दिखते हो मतलब भारतीय दीखते हो या फिर यहाँ के लोगों की तरह दिखते हो यह महत्वपूर्ण है, पर आप के अन्दर का गुण भी बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ दोहरी मानसिकता है थोड़ी बहुत राजनीति भी होती है। जैसे कि मैंने लाइव एक्शन ऑफ अलादीन फिल्म के लिए ,जास्मिन के किरदार के लिए ऑडिशन दिया था। यहाँ पर उन्होंने बोला कि उनको मिडिल ईस्ट और भारतीय दिखने वाली लड़की चाहिए। और प्रचार में लिखा था कि अल्लादीन फिल्म में सिर्फ नए चेहरे को ही लेंगे। मेरे ऑडिशन के बाद मुझको न कोई कॉल आया न मुझको कुछ बताया गया। फिर मैने देखा की नियोमी को ले लिया गया है। नियोमी बहुत प्यारी है उसने अच्छा काम भी किया है पर बह केवल आधी भारतीय है। नियोमी सुन्दर है पर जास्मिन की तरह दिखती नहीं है और यह कोई नई अभिनेत्री नहीं है इसने पावर एंजेल्स में मुख्य भूमिका निभाई थी। तो यहाँ पर कुछ इस तरह की राजनीति होती है परन्तु इसके बावजूद भी आप सेट पर कैसा व्यवहार करते हो ,आपकी परवरिश कैसी हुई है यह सब भी दिखता है और आगे बढ़ने के लिए यह भी बहुत जरूरी होता है।

जब मैं ज़ी टी वी में शो कर रही थी ,तो पांच और लड़कियों के साथ एक महीने के लिए रह रही थी। सुबह सुबह हमारी शूटिंग होती थी. हम सप्ताह के ६ दिन शूटिंग करते थे ओर एक दिन हमारी छुट्टी होती थी। हमारा कॉल टाइम ६- ६:३० पर होता था। तो सिर्फ मैं ही एक एकलौती लड़की थी जो ३:३० और ४ के बीच में उठ जाती थी। नीचे जा कर मेरी कसरत भी हो जाती थी। मैं अपना नाश्ता बना के खा के नहा कर तैयार रहती थी और मेकअप आर्टिष्ट के लिए दरवाज़ा खोलती थी। बाकी सब सो रहे होते थे। ये सही चीजें मायने रखती हैं। आप किसी भी क्षेत्र में जाओ अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण होता है। मनोरंजन की दुनिया में भी आपको बहुत ही मेहनत करनी पड़ती है मैं हफ्ते में ६ दिन वर्क आउट करती हूँ। हर दिन मैं वोकल वॉर्म करती हूँ। हर एक दिन मेरी एजेंसियों को वीडिय भेजने पड़ते हैं। सबसे बड़ी बात ये हैं कि यहाँ पर जो भारतीय मूल के बच्चे होते हैं वह किसी के पीछे नहीं पड़ते हैं। हमको यह नहीं देखना है कि वह क्या सोचेगा। यदि आप में गुण है तो आगे बढ़ो। देखो यदि बच्चा नहीं रोता है तो माँ को भी कहाँ पता चलता है कि बच्चे को भूख लगी है। यहाँ पर परेशानियाँ हैं पर आपने अगर अपनी यह राह चुनी है तो सब बाधाओं को किनारे करते हुए अपनी गरिमा को बचाते हुए अपना काम करते जाओ। एक बात और अपनी पढ़ाई कभी भी न छोड़ना क्योंकि खुदा न खास्ता यदि इस क्षेत्र में सफलता नहीं मिली तो आपके पास एक और रास्ता तो होगा।

 

 

 

 

 

 

 

रचना श्रीवास्तव अमरीका में रहती हैं और वहाँ भारतीयों से जुड़े कार्यक्रमों, आयोजनों व समारोहों के बारे में नियमित रूप से लिखती हैं।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार