रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के प्रमुख संपादक अर्णव गोस्वामी ने अपने शो ‘डिबेट विद अरनब’ में हरियाणा की भाजपा सरकार एक तरह से चुनौती देते हुए कहा है कि विपक्ष हो या न हो मीडिया और जनता खामोश नहीं रहेगी। दरअसल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके मंत्री बलात्कार के दो मामलों में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को जेल से बाहर लाने की कोशिश में नियम-कानून को भी ताक पर रखने जा रहे हैं।
नियमों के मुताबिक, दो साल की सजा पूरी होने के बाद ही किसी कैदी को पैरोल मिल सकती है। गुरमीत राम रहीम को जेल में रहते हुए अभी दो साल पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन उसने पैरोल के लिए अर्जी दाखिल कर दी है और सुनारिया जेल प्रशासन ने आवेदन स्वीकार भी कर लिया है। यह सारी कवायद इस साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर है। यदि बाबा बाहर आता है तो उसके लाखों अनुयायी भाजपा के पक्ष में वोट डालने से नहीं झिझकेंगे। अर्णव गोस्वामी इसी बात को लेकर नाराज हैं कि आखिर पूरी की पूरी सरकार एक ऐसे व्यक्ति का समर्थन करती कैसे नजर आ रही है, जो बलात्कार जैसे गंभीर अपराध का दोषी है।
‘डिबेट विद अरनब’ की शुरुआत में ही गोस्वामी ने जमकर हरियाणा सरकार के मंत्रियों पर हमला बोला। बेहद गंभीर मुद्रा में अरनब ने लोगों से इस विषय पर एकजुट होने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा, ‘बलात्कारी गुरमीत राम रहीम जेल से बाहर आना चाहता है और हरियाणा सरकार इसका समर्थन कर रही है। मैं आप सभी से कहता हूं कि एकसाथ आयें और सुनिश्चित करें कि ऐसा संभव न हो।’
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उन्होंने आगे कहा, ‘नेता और तथाकथित बाबा कानून का दुरुपयोग करना अच्छी तरह से जानते हैं, लेकिन यदि हम सब एक साथ खड़े हो जाएं तो हम उन्हें हरा सकते हैं। आप और मैं सभी जानते हैं कि राम रहीम हत्यारा है, किसान नहीं।’ इसके बाद अरनब ने हरियाणा सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘हरियाणा सरकार राम रहीम की पैरोल के विरोध के बजाय उसका समर्थन कर रही है, ताकि वो विधानसभा चुनाव में कुछ वोट के लिए उसके साथ सौदेबाजी कर सके और यदि आप और हम एकसाथ अपनी आवाज बुलंद करते हैं तो हम हरियाणा सरकार को शिकस्त दे सकते हैं और हम ऐसा करके रहेंगे।’
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अरनब ने कहा, ‘हमें अपनी आवाज बुलंद करनी होगी और तेज आवाज में सरकार से सवाल पूछना होगा। यदि आज राम रहीम को नहीं रोका गया तो कल आसाराम भी इस दावे के साथ जेल से बाहर आ जायेगा कि वो बलात्कारी नहीं, बल्कि व्यापारी है और इसलिए यह समय है कि हम सभी आवाज उठायें।’
इतना ही नहीं, अर्णव ने नेताओं को यह चेतावनी भी दे डाली कि यदि उन्होंने सही-गलत में भेद करना नहीं सीखा, तो उन्हें विरोध करना बखूबी आता है। अर्णव ने तेज स्वर में कहा, ‘देश में विपक्ष भले ही न हो, लेकिन हम हैं। देश में विपक्ष भले ही न हो, लेकिन कुछ मीडिया संस्थान अभी भी हैं, देश में विपक्ष भले ही न हो, लेकिन लोग हैं और वे राजनीतिक फायदे के लिए इस बलात्कारी को जेल से बाहर निकालने पर खामोश नहीं रहेंगे। दर्शकों मैं आपको फिर से याद दिलाना चाहूंगा कि इस देश में विपक्ष भले ही न हो, लेकिन मैं और आप हैं और हमारी आवाज नहीं दबेगी।’
शो में बतौर अतिथि मौजूद भाजपा नेता और समर्थक भी अरनब के गुस्से से नहीं बच सके। उन्होंने भाजपा प्रवक्ता से कहा, ‘एक बलात्कारी के साथ राजनीतिक सौदा करके आप उसके पैरोल का विरोध नहीं कर रहे। आप कह रहे हैं कि वो खेती करेगा, एक बलात्कारी को आप किसान कहकर किसानों का अपमान कर रहे हैं। यदि आपको विश्वास है कि आप चुनाव हार जायेंगे, तो हार जाइये। मैं कहूंगा कि हार जाइये, मगर एक बलात्कारी के साथ डील मत कीजिये।’
इतना ही नहीं, उन्होंने भाजपा नेता से पूछा कि क्या आप इसकी गारंटी लेती हैं कि राम रहीम बाहर आने के बाद कोई अपराध नहीं करेगा, देश छोड़कर नहीं भागेगा? आपके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन अपनी अंतरात्मा में झांकिये कि एक बलात्कारी के पास क्या खेती है। आप किस कानून की बात कर रहे हैं, आप उसका विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं’?
अरनब यहीं नहीं रुके, उन्होंने राम रहीम की पैरोल का समर्थन करनी वालीं भाजपा नेता से कहा ‘अनीला सिंह शायद आपको लगता है कि इस चुनाव के बाद देश में विपक्ष नहीं है, लेकिन मैं आपको कह रहा हूं कि ये बलात्कारी बाहर नहीं दिखेगा, लोग खड़े हो जाएंगे। लोग आपकी सरकार के खिलाफ खड़े हो जाएंगे, आप सुधर जाइये, विरोध कीजिये, आप नहीं करेंगे तो करवाया जाएगा। मैं धमकी नहीं दे रहा हूं, आप सुधर जाइये। मुझे दूसरे मीडिया के बारे में पता नहीं, लेकिन रिपब्लिक है, आज यह बलात्कारी निकल गया तो कल आसाराम निकल जाएगा।’ पूरे शो में भाजपा नेता और पैरोल का समर्थन करने वाले अर्णव के तीखे सवालों का सामना करते रहे।