जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग के सवालों ने दुनियाभर के नेताओं को झकझोर दिया। ग्रेटा ने युवा पीढ़ी की आवाज को दुनिया के सामने रखते हुए रहा, हमें समझ आ रहा है कि जलवायु परिवर्तन पर आपने हमारे साथ धोखा किया है और अगर आपने कुछ नहीं किया तो युवा पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी। यह लड़की जलवायु परिवर्तन की बुलंद आवाज बन चुकी है।
अगस्त 2018 से हर शुक्रवार स्कूल छोड़कर जलवायु परिवर्तन के लिए आवाज उठाने वाली ग्रेटा आज पर्यावरण प्रेमियों की आवाज़ बन चुकी हैं. ग्रेटा थुनबर्ग ने स्वीडन की संसद के बाहर तख्ती लेकर प्रदर्शन किया. उसने तख्ती पर लिखा- ‘जलवायु के लिए स्कूल से छुट्टी’. ग्रैटा के इस आंदोलन की चर्चा दुनिया भर में है और 20 सितंबर 2019 को 150 देशों में आंदोलन हुआ.
23 सितंबर जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र संघ सम्मेलन में बोलीं और दुनिया के नेताओं पर विश्वासघात का आरोप लगाया. दिसंबर 2018 में पोलैंड में भी UN की बैठक में ग्रेटा थुनबर्ग ने भाषण दिया था. उसने दुनिया के नेताओं को ‘ग़ैरज़िम्मेदार बच्चा’ कहा और जनवरी 2019 में दावोस वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम में भाषण भी दिया. ग्रैटा सिर्फ संयुक्त राष्ट्र में ही नहीं बल्कि ब्रिटेन, इटली, यूरोपीयन संसद में भी बोल चुकी हैं. 18 सितंबर को ग्रेटा थुनबर्ग (Grata Thunberg) ने अमेरिकी संसद को संबोधित किया था. ग्रेटा ने सांसदों से कहा था कि आपकी कोशिशें काफ़ी नहीं.
ग्रेटा थुनबर्ग के पिता पत्रकार और मां औपरा सिंगर है. ग्रेटा के बार में एक और रोचक बात है, जिसके बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. ग्रेटा ज़्यादा कार्बन उत्सर्जन के चलते हवाई यात्रा छोड़ दी और ज़मीन के रास्ते या नाव से यात्रा करती हैं.
घूरती हुई नजर आईं ग्रेटा थुनबर्ग-
पिछले एक साल से जिस मुद्दे की तरफ़ दुनिया का ध्यान खीचने की कोशिश कर रही हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उस मुद्दे को झूठ करार दे चुके हैं. ग्रेटा थुनबर्ग (Greta Thunberg) सर्दी, धूप बारिश के बावजूद अकेले अपने देश स्वीडन की संसद के बाहर तब तक प्रदर्शन करती रहीं, जब तक उनके अकेले की आवाज दुनिया भर की करोड़ों आवाजों के साथ नहीं जुड़ी. संयुक्त राष्ट्र का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें ग्रेटा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को घूरती हुई नजर आ रही हैं.
स्कूल छोड़कर कर रही लोगों को जागरूक
ऐसे समय पर जब लोग जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं तब ग्रेटा ने वैश्विक नेताओं से चुभने वाले सवाल पूछकर उन्हें झकझोर कर रख दिया है। वह अपना स्कूल छोड़कर लोगों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास दिलाने का काम कर रही हैं। स्वीडन की रहने वाली ग्रेटा जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनियाभर में काम करती हैं। वह अमेरिका से लेकर लंदन और फ्रांस में लोगों को जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जागरूक करने के काम में लगी हुई हैं।
हर शुक्रवार करती हैं प्रदर्शन
थनबर्ग के स्कूल का स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट या फ्यूचर फॉर फ्राइडे कैंपेन पूरी दुनिया में मशहूर है। पिछले साल अगस्त महीने से इस अभियान की शुरुआत हुई थी। इस अभियान की शुरुआत करते हुए उन्होंने हर शुक्रवार को स्कूल जाना छोड़ दिया। वह हर शुक्रवार स्वीडन की संसद के बाहर तख्ती लेकर प्रदर्शन करतीं हुईं दिख जाती हैं। सांसदों के अलावा वह वहां से गुजरने वाले लोगों से दुनिया को बचाने का आग्रह करती हैं।
ट्रंप ने की तारीफ
आंखों में आंसू लिए और गुस्से में नजर आईं ग्रेटा ने कहा सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में कहा, ‘आपने हमारे सपने, बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना। मैं भाग्यशाली हूं, लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं। पूरा ईको सिस्टम बर्बाद हो रहा है। आपने हमें असफल कर दिया। युवा समझते हैं कि आपने हमें छला है। हम युवाओं की आंखें आप लोगों पर हैं और अगर आपने हमें फिर असफल किया तो हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे।’ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रेटा के भाषण वाले वीडियो को शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘वह एक खुशहाल युवा लड़की है जो एक उज्ज्वल और अद्भुत भविष्य की आशा करती है। उसे देखकर अच्छा लगा।
‘फ्राइडेस फॉर फ्यूचर’ (Fridays For Future) नाम का एक आंदोलन जो ग्रेटा ने शुरू किया है उससे जुड़े दुनिया भर के लाखों करोड़ों बच्चों की आवाज़ को अब अनसुना करना इन विकसित देशी के नेताओं के लिए मुश्किल है. ग्रेटा जो अबतक चेहरे पर बिना किसी शिकन के अपनी बात दो टूक कहती आयी हैं, संयुक्त राष्ट्र में अपनी भावनाओं को छिपा नहीं पायी और नेताओं पर बरस पड़ीं.
बता दें कि ग्रेटा के इस आक्रोश को जहां कुछ नेताओं ने समझा, वहीं डोनाल्ड ट्रंप उनका ट्विटर के ज़रिए माखौल उड़ाते हुए नज़र आये. उन्होंने ग्रेता के बयान पर ट्वीट किया, ”वह बेहद खुशहाल युवा लड़की (हैप्पी यंग गर्ल) नजर आ रही है, जो उज्ज्वल और अद्भुत भविष्य की तलाश में है. देख कर अच्छा लगा!”