हम अयोध्या में राम मंदिर तो बना रहे हैं लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि आने वाले सौ साल में ये मंदिर बचा रहेगा। इस मंदिर को बचाने के लिए आज हिंदू समाज का एक होना भी जरुरी है। राम मंदिर तब तक ही सुरक्षित है जब तक इस देश में हिंदू बहुसंख्यक है। उन्होंने कहा कि मक्का मात्र 88 एकड़ में है जबकि राम मंदिर 108 एकड़ में बन रहा है। उन्होंने कहा कि जंगल का राजा शेर होता है। उसे कोई राजा नहीं चुनता बल्कि वह अपनी ताकत के बल पर राजा होता है। हिंदुओं को भी शेर की तरह रहना होगा तभी वे अपना अस्तित्व बचा पाएंगे।
यह बात विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष पद्म श्री डॉ. आर एन सिंह ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि कोई भी एटम बम किसी देश को खत्म नहीं कर सकता, देश तब खत्म होता है जब उसकी संस्कृति खत्म हो जाती है। हम अपना अतीत और संस्कृति बचाएंगे तो हिंदुस्तान बचा रहेगा।
उन्होंने कहा कि एक सोची समझी साजिश व षड़यंत्र के तहत देश में गाँव गाँव में बंगलादेशी मुसलमानों को बसाया जा रहा है। बंगलादेश से कोई भी मुसलमान आता है तो उसे किसी भी मस्जिद में पनाह मिल जाती है। फिर उसे ऐसे गाँव में भेजा जातै है जहाँ कोई मुसलमान नहीं होता। वह वहाँ गाँव से बाहर पंक्चर की दुकान खोल लेता है फिर एक छोटी सी मजार बनाकर चढ़ावा एकत्र करने लगता है। उसी मजार पर जाकर हिंदी भी चढ़ावा चढ़ाने लगते हैं। फिर धीरे धीरे वह आसपास कई मुसलमानों को बसा लेता है और गाँव में अशांति फैलना शुरु हो जाती है।
श्री आर एन सिंह ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद की स्थापना 1964 में हुई थी। इसके बाद से ज तक विश्व हिंदु परिषद हिंदुओं के हितों की लड़ाई लड़ रही है। 1995 के बाद से विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और आज अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है।
इस अवसर पर समाजसेवी डॉ. श्याम अग्रवाल ने कहा कि हम बहुसंख्यक हैं तब तक ही इस देश में शांति है और हमारे मंदिर गुरुद्वारे व चर्च बचे हुए हैं। जैसे ही मुस्लिम बहुसंख्यक हुए ये सब नष्ट हो जाएंगे। हमारे मंदिरों में करोड़ों अरबों की संपत्ति है वो हिंदू समाज के काम में नहीं आती है। हमारे पूर्वजों ने मंदिर गरीब हिंदुओं की सहायता के लिए बनाए थे।
उन्होने कहा कि आज जंरुरत इस बात की है कि हिंदू समाज को एक किया जाए। हम संपन्न परिवार के लोग अपने गरीब हिंदू भाईयों की छोटी से छोटी मदद करके भी बहुत बड़ा काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी काम वाई बाई से लेकर अपनी बिल्डिंग के सिक्यूरिटी वाले के बच्चों की पढ़ाई उनकी बीमारी आदि में मदद करके उनका दिल जीत सकते हैं इससे उनके मन में हिंदुत्व के प्रति आस्था बनी रहेगी।
डॉ. श्याम अग्रवाल ने सभी उपस्थति डॉक्टरों से आव्हान किया कि वे किसी भी स्थिति में किसी गरीब हिंदी को पैसे के अभाव में बगैर इलाज के न जाने दें।
उन्होंने कहा कि मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में 50 प्रतिशत कोटा इसाईयों के लिए होता है। ऐसे में जब कोई गरीब हिंदी बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलवाना चाहता है तो उसे प्रवेश नहीं मिलता है और फिर वो मजबूरन धर्मांतरण कर इसाई बन जाता है और ुसके बच्चे को स्कूल में प्रवेश मिल जाता है।
उन्होंने बताया कि हमने मुंबईके खेतान इंटरनेशनल स्कूल की सहायता से केरल, कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में स्कूल कोले हैं ताकि वहाँ धर्मांतरण कर हिंदुओं को मिशनरियों के स्कूलों में जाने को मजबूर ना होना पड़े।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मैं अपने मित्र सुबोध गुप्ता के यहाँ आयोजित विवाह समारोह में गया तो ये देखकर प्रसन्नता हुई कि उन्होंने अपने यहाँ काम करने वाले सभी लोगों को खास मेहमान की तरह बिठाकर भोजन करवाया। हम भी अपने यहाँ काम करने वाले लोगों की मदद करके और उनको सम्मान देकर उनका दिल जीत सकते हैं।
इस अवसर पर श्री मोहन सालेकर ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा देश भर में सवा लाख सेवा कार्य चलाए जा रहे हैं। मुंबई के चेंबूर में यहाँ आने वाले कैंसर रोगियों व उनके सहयोगियों के लिए 125 लोगों के ठहरने व भोजन की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। दहाणु तलासरी में वनवासी बच्चों के लिए छात्रावास बनाए गए हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित रमेश भाई पारीक, रवीन्द्र विष्णु सकपाल, जुगल शाह, उमेश गोटेचा, वनोद पोद्दार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में श्री देवकी नंदन जिंदल भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनील अग्रवाल ने किया।