46 वर्षीय शोभा द्विवेदी बाराबंकी की रहने वाली हैं और ब्रांडेड कपड़ों, कॉस्मेटिक्स, परफ्यूम की शौकीन हैं. अमेज़न के हिन्दी विकल्प की वजह से शोभा जी के शॉपिंग का शौक बरकरार है और अब वो हर हफ्ते करीब 60 किलोमीटर का सफर और 10 घंटे का समय दोनों बचा रही हैं.
कैसे अमेज़न पर हिन्दी भाषा ने बचाया सफर और समय?
शोभा शॉपिंग की शौकीन हैं. महीने के हर दूसरे हफ्ते खुद के लिए नहीं, तो घर वालों या घर के डेकोरेशन के लिए कुछ ना कुछ शॉपिंग करती ही रहती हैं. जिस तरह के ब्रांडेड चीज़ों का उन्हें शौक है, वो अकसर बाराबंकी के पास लखनऊ के किसी मॉल में ही मिलते हैं, जिस वजह से शोभा को हर महीने दो से तीन बार वहां जाना ही पड़ता है.
शोभा के कई दोस्त ऑनलाइन शॉपिंग के लिए उन्हें सुझाव दे चुके हैं, लेकिन अंग्रेज़ी भाषा उनके लिए बड़ी चुनौती थी. ऐसे में हर बार 60 किलोमीटर आना-जाना और शॉपिंग के लिए एक पूरा दिन निकालना करना भी किसी चुनौती से कम नहीं. कुछ दिन पहले शोभा की दोस्त रजनी ने अमेज़न पर हिन्दी भाषा के विकल्प के बारे में उन्हें बताया. जिसके बाद मानों शोभा की शॉपिंग में चार चांद ही लग गए. अपनी भाषा का विकल्प देखते ही शोभा के लिए अमेज़न शॉपिंग की सबसे बेहतरीन जगह बन गई. अब चीज़ें खोजना, विकल्प चुनना आसान था. शोभा का अंग्रेजी भाषा की वजह से शॉपिंग न कर पाने का डर निकला और साथ ही सफर और समय दोनों बचा.
अमेज़न किस प्रकार लोगों के शौक पूरे करने के साथ- साथ सुकून भी दे रहा है?
जिस तरह के ब्रांडेड प्रोडक्ट की शोभा शौकीन हैं, उन्हें वो सब अमेज़न पर मिल रहा है. लोकल सामान से लेकर ब्रांडेड सामान तक यहां सब उपलब्ध है. यहां वो आसानी से अपने बजट, पसंदीदा रंग और साइज़ के हिसाब से शॉपिंग करती हैं. जहां एक तरफ मॉल में भी कई बार काफ़ी साइज़, ब्रांड या रंग नहीं मिलते, लेकिन यहां उंगलियों पर हर सामान मिल जाता है. ट्रैफिक में फसे बिना, धूप में निकले बिना, घर पर टीवी देखते हुए भी शोभा शॉपिंग करती रहती हैं. इसके अलावा अमेज़न पर वो बाराबंकी में बैठकर तमिलनाडु की मशहूर कांजीवरम साड़ी से लेकर कोल्हापुरी चप्पल या जयपुरी रजाई तक सब खरीद सकती हैं. यही नहीं अगर कोई सामान गलत आ जाए, तो दोबारा 60 किलोमीटर जाने की टेंशन नहीं, बस अमेज़न पर सामान वापस करने का विकल्प चुनना है और डिलीवरी ब्वॉय बिना एक्सट्रा पैसे लिए खुद घर से प्रोडक्ट लेकर और नया प्रोडक्ट देकर जाएगा.
शोभा की तरह भारत के करोड़ों लोगों को भारत के रंगों से रुबरू करा रहा है अमेज़न, हिन्दी भाषा के साथ.