विश्व के अनूठे आध्यात्मिक पर्व सिंहस्थ में मैं एक आम श्रद्धालु की तरह पुण्य-सलिला माँ क्षिप्रा में स्नान करने आया हूँ। आज मैंने यहाँ लाल बत्ती, सायरन आदि का प्रयोग नहीं किया है। महाकाल की नगरी में कोई राजा नहीं है, सभी प्रजा है। मैंने स्नान के लिये इस घाट का चयन इसलिये किया है, जिससे मेरे यहाँ आने तथा स्नान करने से किसी को व्यवधान न हो।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सिंहस्थ के प्रथम शाही स्नान के बाद गऊघाट पर पावन क्षिप्रा में स्नान कर यह बात कही। इस अवसर पर श्रीमती साधना सिंह भी उपस्थित थीं।
सभी अखाड़ों ने सानन्द किया स्नान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज प्रथम शाही स्नान में सभी तेरह अखाड़ों के साधु-सन्यासियों ने अत्यन्त आनन्द एवं उत्साह के साथ क्षिप्रा में स्नान किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी श्रद्धा एवं भक्ति के साथ माँ क्षिप्रा में स्नान और बाबा महाकाल के दर्शन कर जीवन को धन्य किया।
राजा सवाई जयसिंह की प्रतिमा का अनावरण
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा जन्तर-मन्तर में संस्थापक राजा सवाई जयसिंह की प्रतिमा का अनावरण भी किया। मुख्यमंत्री ने कुछ समय क्षिप्रा नदी के सुरम्य तट पर साँझ की शीतल हवा, क्षिप्रा में लगाये गये रंग-बिरंगे फव्वारों की शीतल फुहारों तथा सुरम्य वातावरण का आनन्द भी लिया।