आज़मगढ़। आज़मगढ़ शहर के नेहरू हॉल में गुरुवार को गाथांतर समारोह का आयोजन किया गया है।पूर्वांचल के आज़मगढ़ जिले में महिलाओं द्वारा आयोजित पहला साहित्यिक सम्मान है।
गाथांतर हिन्दी पत्रिका द्वारा साहित्य ,रंग मंच एवं कला के क्षेत्र में ज़मीनी संघर्ष से विशिष्ट पहचान बनाने वाली महिलाओं को गाथांतर सम्मान वर्ष 2014 से दिया जाना आरम्भ किया गया। पहला गाथांतर सम्मान प्रसिद्धि रंग कर्मी ममता पंडित को दिया गया था। पिछले दो वर्षों से आर्थिक संसाधनों के अभाव में सम्मान स्थगित रहा। इस वर्ष पुनः पत्रिका के संपादक द्वय डॉक्टर सोनी पाण्डेय और मृदुला शुक्ला ने इसे नियमित करने का साहस किया है।जिसके बाद यह आयोजन होने जा रहा है।
गाथांतर किसी सरकारी संस्था से अर्थ सहयोग नहीं लेता ,यह संपादक के व्यक्तिगत प्रयास से प्रकाशित होती है ।अपने चार साल की यात्रा में पत्रिका ने समकालीन कविता विशेषांक और स्त्री लेखन की चुनौतियाँ विशेषांक निकाल साहित्य जगत में चर्चा में रहा है।
इस बार गाथांतर सम्मान 2015 पद्मश्री उषा किरण खान को लोक साहित्य एवं आंचलिक भाषा मैथली के संरक्षण एवं संवर्धन में विशेष योगदान के लिए, 2016 प्रो.चन्द्रकला त्रिपाठी को हिन्दी आलोचना विधा में महत्वपूर्ण स्त्री स्वर के लिए, 2017 किरण सिंह,पहले कहानी संग्रह यीशू की किलें को, 2018 गीता श्री हसीनाबाद को दिया जाएगा। आयोजक मण्डल की अनामिका सिंह पालीवाल, अनीता साईलेस,कंचन यादव,रानी सिंह,अनामिका प्रजापति,अंशुमाला, सोनी पाण्डेय, मृदुला शुक्ला कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए लगी हुई है।
प्रेषक
Dr. Digvijay Singh Rathore
Lecturer Department of Mass Comm.
VBS Purvanchal University,Jaunpur.