Thursday, November 28, 2024
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महिला वैज्ञानिक डॉ. गगनप्रीत

डॉ गगनप्रीत कुछ साल पहले एक पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो थीं और आईएनएसटी, मोहाली में स्वतंत्र शोध के लिए सीमित अवसर के साथ एक वैज्ञानिक के रुप में कुछ समय के लिए काम करती थीं। लेकिन, वैश्विक पर्यावरणीय समस्याओं पर काम करना उनका शुरु से जुनून रहा है। वह बचपन से ही इस बारे में गंभीर थीं और हमेशा इस क्षेत्र में शोध कार्य करना चाहती थीं। हालांकि, ऐसा अवसर उन्हें कभी नहीं मिल रहे थे।

चूंकि उनका परिवार चंडीगढ़ में रहता था, इसलिए उनकी जिम्मेदारियों ने उन्हें शहर से बाहर जाकर विज्ञान के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशने की अवसर को सीमित कर रखा था। वह अपने भविष्य को लेकर भ्रमित और अनिर्णय की स्थिति में थी। यही नहीं, पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उन्होंने अपने वैज्ञानिक जीवन में चुनौतियों का सामना किया और ऐसे अनिर्णय की स्थिति में वे अपने अनुसंधान लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाईं।

ऐसे में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की महिला वैज्ञानिक योजना एक उम्मीद बनी। उन्हें इस कार्यक्रम के बारे में पता चला तो उनकी उम्मीदें और वैज्ञानिक जीवन की आकांक्षाएं जग गईं। इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के बाद उन्होंने अपने शोध पर ध्यान केंद्रित कर दिया। उन्हें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, मोहाली (आईआईएसईआर, मोहाली) जैसे प्रमुख शोध संस्थान में अपने शोध को आगे बढ़ाने का मौका मिला। फेलोशिप ने उन्हें आगामी संकाय पदों के लिए तैयार किया और वह वर्तमान में पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स, चंडीगढ़ में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा “मुझे लगता है कि महिलाओं के वैज्ञानिक जीवन में सबसे बड़ी चुनौती करियर और पारिवारिक जिम्मेदारियों में संतुलन बनाना है। करियर और परिवार को एक साथ साधना आसान नहीं है और इसमें अक्सर समझौता करना पड़ता है। जब मैं इस तरह की दुविधा में फंसी तो डीएसटी की महिला वैज्ञानिक योजना ने मुझे अपने शोध लक्ष्यों को पूरा करने का अवसर प्रदान किया”।

डॉ गगनप्रीत कहती हैं “मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मैं जहरीली गैस सेंसिंग और जल शोधन तकनीकों पर काम कर रही हूं। चूंकि जहरीली गैसों की पहचान पर्यावरण प्रदूषण की निगरीनी और नियंत्रण के साथ-साथ चिकित्सा और कृषि अनुप्रयोगों अहम है, मेरा मानना है कि इन क्षेत्रों में योगदान अल्ट्रासोनिक अनुसंधान दक्षता के साथ विषाक्त गैस अणुओं की पहचान के लिए नवीन तरीके प्रदान करेगा”।

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