रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने घोषणा की कि माननीय प्रधानमंत्री जी के अभिनव प्रौद्योगिकी विकास और विनिर्माण संबंधी विज़न का अनुसरण करते हुए भारतीय रेल बिज़नेस रि-इंजीनियरी तथा नवीनता की भावना जगाने के उद्देश्य से ‘कायाकल्प ’ नाम से इनोवेशन काउंसिल स्थापित करेगा।
संसद में आज रेल बजट 2015-16 पेश करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी गतिशील और विकासशील संगठन को अपनी कार्य पद्धतियों को नूतन और पुनर्परिभाषित करने की जरूरत होती है। रेल मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने पंडित मदन मोहन मालवीय जी को भारत रत्न प्रदान किया है । बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय के शताब्दी महोत्सव के उपलक्ष्य में आईआईट (बीएचयू ), वाराणसी में रेलवे प्रौद्योगिकी के लिए ‘मालवीय पीठ’ स्थापित करने का प्रस्ताव है। रेलवे की सभी परिसम्पत्तियों में उपयोग की जाने वाली नई सामग्रियों के विकास में यह पीठ सहायक होगी।
मंत्रालय ने आरडीएसओ को बेहतर अनुप्रयुक्त अनुसंधान संगठन के रूप में मजबूती प्रदान करने का फैसला किया है। आरडीएसओ प्रसिद्ध संस्थानों के साथ मिलकर कार्य करेगा। 2015-16 में बुनियादी अनुसंधान के लिए चयनित विश्व विद्यालयों में चार रेलवे अनुसंधान केन्द्र स्थापित किये जाएगे। मंत्री महोदय ने रेल से जुड़े हुए विशिष्ट मामलों के समाधान के लिए हमें बुनियादी एवं अनुप्रयुक्त अनुसंधान में निवेश करने की आवश्यकता पर जोर दिया। मंत्रालय अभिनव तकनीकी समाधान आमंत्रित के लिए प्रौद्योगिकी पोर्टल बनाएगा।
श्री प्रभु ने संसद को बताया कि अनुसंधान के लिए पहचानी गई रेल परियोजनाओं को शुरू करने के लिए भारतीय रेल के प्रौद्योगिकी मिशन के रूप में भागीदारी के आधार पर रेल मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और उद्योगों का एक संघ बनाया जाएगा।