सोशल नेटवर्किंग ने जिस तरह समाज और साहित्य के प्रसार,विकास या नवीनीकरण में एक अहम भूमिका निभाई है और इस तथ्य से आप हम मुंह नही मोड़ सकते हैं।इसलिए उड़ान-एक अनुभूति का अगला अंक हमने अपने इसी मंच को समर्पित कर दिया है।
” इंटरनेट तथा सोशल नेटवर्किंग साइट्स का समाज और साहित्य पर सकारात्मक एवम् नकारात्मक प्रभाव”
इस विषय पर हर विधा पर रचनाएँ आमन्त्रित हैं।
सम्पादक मण्डल
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मे एक गरीब परिबार की गरीबी सेजूझ रहा हूहू मेरे पिता बिकलॉग है फिर भी मुझे बी.ए पास करवा दिया मेरे पास ना जमीन है कि जिससे मेखेती कर सकू ना मेरी कोई नोकरी लगी है मेरा अखलेश सरकार से बिनम निबेदन है कि मुझे कोई भी नोकरी दे चाहे सफाई कर्मी की ही दे दै भगत सिंह यादब villeg kalaphad distic lalitpur u.p.
मे बी.ए. पास युबक बेरोजगार हू मेरे पास ना जमीन है की जिससे मे अपनी जीबका चला सकू मेरेपिता बिकलॉग है ना ही पैसा है की जिससे डिपलोमा करसकू की जिससे मेरी नौकरी लग सके ना सरकार का सहारा मिल पाता है कोई मेरी मद्द करो मेरी उर्म २९ बर्ष है मेरा नाम Bhagat singh yadav villeg kalaphad post Rajghat distic lalitpur u.p