सफलता के लिए पर्याप्त सुविधाएं होना जरूरी नहीं है। अगर आप मन में ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसा कर विपरीत हालात में भी सफलता प्राप्त की जा सकती है और इसे सच कर दिखाया है राजधानी के 1200 झुग्गी बस्ती में रहने वाली नंदनी चौहान ने। नंदनी ने हाईस्कूल की परीक्षा में मेरिट सूची में चौथा स्थान प्राप्त किया है।
उसने 600 में से 582 (97 प्रतिशत) अंक प्राप्त किए। नंदनी के पिता रामाचल चौहान मजदूरी करते हैं। बेटी की सफलता पर खुशी से उनकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने रुंधे गले से बताया कि नंदनी कहती थी कि 'पिताजी एक दिन मैं आपको बड़ा काम करके दिखाऊंगी और उसने अपनी लगन और मेहनत के दम पर ऐसा करके दिखा दिया।
नंदनी नहीं गई ट्यूशन
भोपाल के सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिवाजी नगर की छात्रा नंदनी शुरुआत से ही पढ़ाई में होशियार है। वह कभी भी ट्यूशन नहीं गई। वह घर पर अकेली पढ़ाई करती थी। चौहान ने बताया कि जब वे बड़े लोगों के बच्चों को सुख सुविधाओं के बीच पढ़ते देखते थे, तो सोचते थे की काश वे भी अपनी बेटी को ऐसी सुविधाएं दे पाते।
मेहनत की और मेरिट में बनाई जगह
इलेक्ट्रिशियन का बेटा रहा 10वीं का टॉपर
कटनी कैमोर के एसीसी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र शिवम दुबे ने सिंगरौली के संदीप शाह के साथ 10वीं बोर्ड परीक्षा में मेरिट लिस्ट में पहला स्थान अर्जित किया है। शिवम ने 600 में से 586 अंक प्राप्त किए हैं। शिवम के पिता ऋषिराज दुबे कैमोर नगर पंचायत में इलेक्ट्रिशियन के पद पर कार्यरत हैं। शिवम ने बताया कि वह रोज सुबह शांत वातावरण मे चार से पांच घंटे पढ़ाई करता था। शिवम के पिता ने बताया कि उनके बेटे को स्कूल में यदि कोइ विषय समझ नहीं आता था, तो वह टीचर्स के घर जाकर उसे अच्छी तरह समझता था। वह कभी कोचिंग क्लास नहीं गया।
ऑटोमोबाइल इंजीनियर बनना चाहता है आयुष श्रीवास्तव
दतिया जिले के भांडेर सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र आयुष श्रीवास्तव ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में मेरिट लिस्ट में दूसरा स्थान हासिल किया है। आयुष ने 600 में से 584 अंक प्राप्त किए हैं। आयुष ने बताया कि उसके पिता ओमप्रकाश श्रीवास्तव स्वास्थ्य विभाग में एमपीडब्ल्यू के पद पर कार्यरत हैं। वह रोज 3 से 4 घंटे ही पढ़ाई करता था। वह ऑटोमोबाइल इंजीनियर बनना चाहता है।
आईआईटी में प्रवेश की चाहत
दतिया के सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भारतगढ़ के छात्र शिवम शर्मा की चाहत आईआईटी में प्रवेश की है। शिवम ने 10वीं बोर्ड की मेरिट लिस्ट में तीसरा स्थान अर्जित किया है। शिवम ने बताया कि उसके पिता रामनरेश शर्मा इंजीनियर हैं। शिवम का कहना था कि वह बिना किसी तनाव के जब मन होता था, तब पढ़ाई करता था।
आईआईटियन बनने की चाहत
इंदौर के गुरु रामचंद्र झा पब्लिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कालनी नगर की छात्रा कुमारी एकता सिंघई आईआईटियन बनना चाहती है। एकता ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में मेरिट लिस्ट में पांचवां स्थान प्राप्त किया है। एकता ने बताया कि पढ़ाई को लेकर उसका कोई फिक्सड शेड्यूल नहीं था। उसके पिता राजीव सिंघई रेडीमेड कपड़ों का बिजनेस करते हैं।
किसान के बेटे मनीष ने किया टॉप
रीवा के देवतालाब सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल के छात्र मनीष पटेल ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में छठा स्थान हासिल किया है। उसके पिता रामनयन पटेल किसान हैं। मनीष ने बताया कि उसके पिता उसे किसानी का काम नहीं करने देते थे, वे कहते थे कि तुम केवल पढ़ाई करो, जिसका नतीजा अब सामने है। मनीष के मुताबिक वह रोज 9 घंटे पढ़ाई करता था। उसके शिक्षक लालबहादुर मिश्रा ने बताया कि गणित मनीष का सबसे फेवरिट सब्जेक्ट है।
आयुषी बनना चाहती है डॉक्टर
10 वीं बोर्ड की मेरिट लिस्ट में छठे स्थान पर रहीं हरदा सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा आयुषी राजपूत का सपना डॉक्टर बनने का है। भोपाल आए आयुषी के पिता करतार सिंह और राजंती राजपूत ने बताया कि उनकी बेटी रात में 6 से 7 घंटे पढ़ाई करती थी। आयुषी के पिता रेडीमेड कपड़े का कारोबार करते हैं और मां हाउस वाइफ हैं।
सौरभ बनना चाहता है आईएएस अफसर
रीवा के सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जेल रोड के छात्र सौरभ तिवारी ने 10वीं बोर्ड में सातवां स्थान हासिल किया है। सौरभ का सपना आईएएस अफसर बनने का है। सौरभ ने बताया कि वह रोज 10घंटे पढ़ाई करता था। उसके पिता सुरेंद्र तिवारी सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं।
स्वाति का सपना प्रशासनिक अधिकारी बनने का
दतिया के सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भारतगढ़ की छात्रा कुमार स्वाति मांझी का सपना प्रशासनिक अधिकारी बनने का है। राजस्व विभाग में आरआई के पद पर कार्यरत पिता विशंभरदयाल मांझी की बेटी स्वाति ने पढ़ाई के लिए उसका कोई टाइम टेबल फिक्स नहीं था।
साभार –
http://naidunia.jagran.com/से