यदि आप कभी बोस्निया हरजेगोविना जाएंगे तब एक जगह आपको 8 हजार मुसलमानों की सामूहिक कब्र दिखेगी जहां उन सभी के नाम लिखे हैं।
आईये इसका कारण जानते हैं…
युगोस्लाविया सोवियत संघ की तरह एक कम्युनिस्ट देश था अंततः टूट गया और हर एक कम्युनिस्ट राष्ट्र अंत में टूट ही जाता है और बिखर जाता है। इसके टूटने पर स्लोवाकिया, क्रोएशिया और सर्बिया तीन नए देश बने।
लेकिन बोस्निया हर्जेगोविना इलाके में करीब 40% मुसलमान थे और 60% ईसाई थे बोस्निया हरजेगोविना के मुसलमान एक अलग इस्लामिक देश चाहते थे। इसलिए वह अपने यहां के सभी इसाईयो को मारना चाहते थे ताकि बोस्निया एक मुस्लिम देश बन सके और उन्होंने इसाइयों पर हमले करने शुरू कर दिए बोस्नीया हरजेगोविना के ईसाइयों ने सर्बिया से मदद मांगी। इस पर
सर्विया के राष्ट्रपति स्लोबोदान मिलोसेविच और स्लोवेनिया के राष्ट्रपति ने इसाइयों को मदद देनी शुरू कर दी और बोस्निया के मुसलमानों पर इसाइयों ने जवाबी हमला करना शुरू कर दिया और जैसा कि आज तक मुसलमान हमेशा करते हैं कि वह सिर्फ प्रतिक्रिया बताकर खुद को पीड़ित बता कर रोते हैं लेकिन वह कभी क्रिया नहीं बताते वह यह नहीं बताते कि हर एक क्रिया के फलस्वरूप भी होती है। जैसे गुजरात दंगे का रोना रोते हैं लेकिन यह कभी नहीं बताते कि हमने साबरमती ट्रेन में 60 हिंदुओं को बेदर्दी से जलाकर मारा
उसी तरह से मुसलमान यह कभी नहीं बताते कि हमने पहले बोस्निया में इसाई महिलाओं का बलात्कार किया करीब दो हजार से ज्यादा इसाई महिलाओं का बलात्कार हुआ था शुरू में करीब 800 से ज्यादा इसाई मारे गए थे और इसाइयों के मोहल्ले जला दिए गए थे।
सर्बिया के राष्ट्रपति स्लोवेदान मिलोसेविच ने बोस्निया पर भीषण हमला कर दिया और अपनी सेना को दो तरफ से भेजा और दो तरफ से स्लोवेनिया ने अपनी सेनाएं भेजी लगभग 3 साल तक यानी 1992 से लेकर 1995 तक ये लड़ाई चली।
इसी बीच पाकिस्तान ने मुसलमानों को अत्याधुनिक हथियार और तमाम मिसाइलें दिया जिसके फलस्वरूप सर्बिया के राष्ट्रपति स्लोबोदन मिलोसेविच ने कहा कि वह पाकिस्तान पर भीषण हवाई हमला करेंगे तब जाकर यूनाइटेड नेशन को लगा कि कहीं यह तृतीय विश्वयुद्ध का कारण न बन जाए इसलिए इसमें यूएन ने दखल दिया और युद्ध विराम किया गया।
लेकिन स्लोबोदन मिलोसेविच इसाइयों पर हुए हमले से इतना नफरत से भरा था कि यूनाइटेड नेशन के कैंप में 12000 मुस्लिम शरण लिए थे उसने अपने सेना की गाड़ियों पर UN का बोर्ड लगा कर भेजा और अधिकारियों से कहा कि हम UN से हैं इन सभी शरणार्थियों को हमारे हवाले करिए हम इन्हें वियना लेकर जाएंगे।
यूनाइटेड नेशन के अधिकारियों ने सारे शरणार्थियों को स्लोबोदन मिलोसेविच की सेना को सौंप दिया। मिलोसेविच का जनरल उन्हें एक सुनसान जगह पर ले गया महिलाओं और बच्चों को अलग कर दिया और करीब 8 हजार मुसलमानों को गोली से उड़ा दिया आधुनिक विश्व के इतिहास में यह सबसे बड़ा नरसंहार माना जाता है।
खैर, अब तो बोस्निया हरजेगोविना क्रोएशिया में शांति है लेकिन आज भी बोस्निया के मुसलमान यह स्वीकार करते हैं शुरुआत में गलती हमारी थी हमें नहीं पता था कि स्लोबोदन मिलोसेविच इतना बेरहम हमला करेगा और इतना बेरहम प्रतिक्रिया करेगा।
इस पूरी लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका सबसे खतरनाक थी क्योंकि पाकिस्तान की वजह से ही 3 साल लंबा युद्ध चला हजारों मुसलमानों का नरसंहार हुआ लेकिन बोस्निया के मुसलमानों को तब अकल आई जब उनका सब कुछ खत्म हो चुका था।
बाद में स्लोबोदान मिलेसोविच को युद्ध अपराध और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में यूनाइटेड नेशन ने गिरफ्तार कर लिया था उनके ऊपर युद्ध अपराधी का मुकदमा चला ।
लेकिन वह अपने नीदरलैंड के हेग में आलीशान बंगले में रहते थे वही अपने मुकदमे की सुनवाई करते थे और वही उनका निधन भी हो गया।