Thursday, March 13, 2025
spot_img
Homeअध्यात्म गंगारामेश्वरम मन्दिर में दुर्लभ है नागमणि का दर्शन

रामेश्वरम मन्दिर में दुर्लभ है नागमणि का दर्शन

कहा जाता है कि महाकाल की भस्म आरती और रामेश्वरम का मणि दर्शन जिस भक्तों को हो जाते हैं उसका जीवन धन्य हो जाता है । मणि या नाग मणि का खासकर हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इसे एक चमकदार और दिव्य वस्तु माना जाता है जो सिर्फ नागों के पास पायी जाती है। कुछ लोग इसे पाने के लिए कई तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके करते रहते हैं, लेकिन इसे पाना तो दूर, देखना भी बेहद दुर्लभ होता है।  रामेश्वर मंदिर में इसे एक निश्चित समय पर देखा जा सकता है। कहा जाता है कि यह वही मणि है जो भगवान विष्णु के शेषनाग की मणि है।
भारत की  धरती पर कई ऐसे स्थान हैं जो आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व से जुड़े हुए हैं। इन्हीं में से एक है तमिलनाडु का रामेश्वरम मन्दिर भी है , जो भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है। यहाँ हिंदू धर्म का प्रभाव बहुत गहरा है। यहाँ की लगभग 88% जनसंख्या हिंदू धर्म को मानती है और यह राज्य भारतीय हिंदू धर्म की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ एक अनोखी घटना घटी थी, जो नाग मणि दर्शन के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर में, हर दिन सुबह-सुबह मणि दर्शन होता है । यह “मणि” “स्पटिक” से बनी होती है, जो “पवित्र शिवलिंग” के रूप में एक कीमती क्रिस्टल है। किंवदंती के अनुसार, यह “शेषनाग” (वह साँप जिस पर भगवान विष्णु विश्राम करते हैं) की “मणि” है। देखने में एक कांच के समान और रंगहीन के साथ पारदर्शी भी होता है इसे देख यह भ्रम भी पड़ सकता हैं कि यह कांच है या फिटकरी का टुकड़ा ? लेकिन यदि इसको तरासकर मोती या अन्य रूप दिया जाय तो यह बेहद मनमोहक हो सकता है। इस स्फटिक लिंगम को प्रकाश में रखने पर प्रकाश समान रूप से बिना किसी धुंधले या अपारदर्शी पैच के गुजरता है।
 रामेश्वरम की नागमणि केवल एक धार्मिक वस्तु नहीं, बल्कि यह एक अद्भुत कहानी और अनुभव का प्रतीक है। यहाँ आने वाले भक्त इस मणि के माध्यम से न केवल अपने आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध करते हैं, बल्कि अपनी इच्छाओं की पूर्ति भी करते हैं।
नागमणि के दर्शन के लिए श्रद्धालु को रामेश्वर मंदिर के भीतर ही जाना होता है । नागमणि दर्शन का समय केवल 1 घंटा सुबह 5 बजे से 6 बजे तक ही होता है। इसलिए, बेहतर यही है कि सुबह 4 बजे पहुंचकर मंदिर में प्रवेश के लिए लगने वाली कतार में खड़े हो जाएं और अपना टिकट ले लें। इसे बुक करने के लिए कोई ऑनलाइन बुकिंग सुविधा उपलब्ध नहीं है, इसलिए किसी भी वेबसाइट या धोखाधड़ी से सावधान रहना चाहिए।
रामेश्वरम मणि दर्शन के टिकट दो प्रकार के हैं। एक टिकट की कीमत 50 रुपये है और दूसरे टिकट की कीमत 200 रुपये है। हालांकि, दोनों ही टिकट से सबको नागमणि के दर्शन आसानी से हो जाते हैं। 200 रुपये वाले टिकट में दर्शन थोड़ा नजदीक से होते हैं। यह सेवा पूर्णतः सशुल्क है, नागमणि दर्शन के लिए कोई भी मुफ्त टिकट उपलब्ध नहीं होता है और ना ही कोई वीवीआईपी लाइन होती है।
रामेश्वरम केवल एक मंदिर ही नहीं बल्कि एक धाम भी है, इसलिए ध्यान रहे कि यहाँ पर प्रवेश करते समय केवल  चित स्वदेशी परंपरागत कपड़े ही पहननें की अनुमति दी गई है। पुरुषों को धोती, साउथ की लुंगी, कुर्ता-पजामा,  यहाँ पर अनुमति है, लेकिन किसी भी प्रकार के शॉर्ट्स, लोवर, कैपरी आदि ना पहनने की हिदायत दी जाती है । व महिलाओं साड़ी या कुर्ता पहन सकती हैं, जींस या शॉर्ट्स प्रवेश हेतु अमान्य है।
(लेखक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, में सहायक पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी पद से सेवामुक्त हुए हैं। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के बस्ती नगर में निवास करते हुए सम सामयिक विषयों,साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति और अध्यात्म पर अपना विचार व्यक्त करते रहते हैं।)

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार