यज्ञ मण्डप में अनुष्ठित हुई 10-13जून तक महायज्ञ
भुवनेश्वर।
वाणीक्षेत्र स्थित कीस जगन्नाथ मंदिर का 16वां स्थापना दिवस वहां की यज्ञशाला में 10-13जून तक पुरी के पण्डित सूर्य नारायण रथशर्मा की अगुआई में अनेक आचार्यों द्वारा विष्णु सहस्त्रनाम महायज्ञ के रुप में मनाया गया। अवसर पर संत बाबा रामनारायण दास,स्वामी शिवचिदानन्द,स्वामी जगन्नाथानन्द आदि संत उपस्थित थे। कीस वाणी क्षेत्र जगन्नाथ मंदिर के प्राणप्रतिष्ठाता प्रोफेसर अच्युत सामंत ने पुरी धाम जाकर महायज्ञ हेतु आज्ञामाल लाया। कटक जाकर महानदी का पवित्र जल लाया और पूरे आध्यात्मिक परिवेश में मुख्य यजमान के रुप में महायज्ञ कराये। अवसर पर भजन-कीर्तन,रामनाम संकीर्तन आदि चारों दिन 24घण्टे चला।
प्रोफेसर अच्युत सामंत,प्राणप्रतिष्ठाताः कीट-कीस तथा कंधमाल लोकसभा सांसद ने बताया कि उनका पूरा जीवन सरल,सत्यनिष्ठ,अनुशासित तथा आध्यात्मिक है जिसके बदौलत वे प्रतिदिन अपने जनसेवा तथा लोकसेवा के कार्यों से समय निकालकर 3-3 घण्टे आध्यात्मिक कार्यों में लगाते हैं तथा साधु-संतों की संगति करते हैं।
उन्होंने बताया कि जब वे वाणी क्षेत्र जगन्नाथ मंदिर की स्थापना की तो उनको यह प्रेरणा स्वयं जगन्नाथ भगवान ने 16साल पहले स्वप्न में दी और पुरी धाम के गजपति महाराजा श्री श्री दिव्य सिंहदेव जी की अनुमति से तथा उनकी गरिमायी उपस्थिति में कीस जगन्नाथ मंदिर का निर्माण हुआ जहां पर प्रतिवर्ष जगन्नाथ जी कृपा से साल के 12 महीनों में 13 पर्व मनाये जाते हैं।
महायज्ञ की पूर्णाहुति पर 13जून को सैकड़ों की संख्या में साधु-संत,ब्राह्मण तथा स्थानीय जगन्नाथ भक्त उपस्थित होकर पूर्ऩाहूति में हिस्सा लिया तथा महाप्रसाद सेवन किया। मुख्य यजमान प्रोफेसर अच्युत सामंत के खुले दिल से दान-दक्षिणा दी।