Monthly Archives: March, 2016
लुप्त होती कठपुतली कला…
भारतीय संस्कृति का प्रतिबिंब लोककलाओं में झलकता है. इन्हीं लोककलाओं में कठपुतली कला भी शामिल है. यह देश की सांस्कृतिक धरोहर होने के साथ-साथ प्रचार-प्रसार का सशक्त माध्यम भी है,
इन लोगों के दम पर जीवित है इंसानियत
निर्मल रानी - 0
इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत सहित पूरे विश्व में मानवता को शर्मसार करने वाली तमाम घटनाओं की ख़बरें सुनने को मिलती रहती है। चारों ओर संकीर्णता,कट्टरपंथी वैचारिकता,स्वार्थ,लालच,धर्म व जाति आधारित वैमनस्य जैसी सामाजिक बुराईयों का बोलबाला है।
हिन्दी के बगैर भारतीय भाषाओं का विकास नहींः देवेंद्र फड़णवीस
हिंदी के बिना अन्य भारतीय भाषाओं का विकास नहीं हो सकता है। हमारी संस्कृति, दर्शन और संपूर्ण परंपरा भाषा के साथ ही जीवित रहती है।
गूगल ने हटाया पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाला ऐप
गूगल ने अपने प्लेस्टोर से जासूसी करने वाला ऐप SmeshApp हटा दिया है। इस ऐप को पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसीज़ बड़े स्तर पर भारतीय सेना कर्मियों की जासूसी करने में इस्तेमाल कर रही थीं। न्यूज़ चैनल आईबीएन 7 ने इसका सनसनीखेज खुलासा किया था।
ट्विटर पर मीडिया के खिलाफ अभियान शुरु किया माल्या ने
बैंकों के नौ हजार करोड़ के कर्जदार विजय माल्या में चल रहे अपने दुष्प्रचार को लेकर ट्विटर जमकर भड़ास निकाली है और मीडिया के मुँह पर तमाचे मारे हैं।
ज़ी मीडिया का नया अंग्रेजी चैनल होगा ‘WION – वर्ल्ड इज़ वन न्यूज़
जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड के ग्लोबल अंग्रेजी न्यूज चैनल का नाम घोषित कर दिया है। यह चैनल इस साल गर्मियों में शुरू हो जाएगा। यह चैनल दक्षिण एशियाई परिप्रेक्ष्य में ग्लोबल न्यूज और मुद्दों के बारे में रिपोर्ट करेगा।
अलकनंदा के लिए नया चोला, नया नाम, नया प्रभार
अरुण तिवारी - 0
चित्रकूट में रहते हुए ही मुझे लगा था कि जैसे रामजी मेरी उंगली पकङकर काम करा रहे हैं। मैं सोचने लगा था कि ईश्वर को जो कराना है, वह करा लेता है।
छत्तीसगढ़की शान और मान बढ़ाने वाली सशक्त महिलाएँ
छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने अपनी मेहनत और सक्रियता से छत्तीसगढ़ के विकास की रफ्तार बढ़ा दी है। राज्य की महिलाएं मेहनती, प्रगतिशील तथा धैर्यवान तो पहले से थीं ही,
मालिश महापुराण :सुशील सिद्धार्थ
सुशील सिद्धार्थ का व्यंग्य संग्रह ‘मालिश महापुराण’ को पढ़ते समय सैकड़ों बिम्बों प्रतिबिम्बों, मुहावरों, प्रसंगों, तथ्यों और कथ्यों का सामना करना पड़ा. जिनसे एक पाठक कोतो नहीं लेकिन एक लेखक को रोज बे रोज सामना करना पढता है
यानि, मौत के बाद भी रेडिओ पर नेताजी ने संदेश दिया था!
किंशुक नाग - 0
आजाद भारत की सरकारें फॉरमोसा द्वीप पर हुए विमान हादसे में सुभाष चंद्र बोस के 'बच जाने की बात' को स्वीकार करने से साफ तौर पर इनकार करती रहीं लेकिन अब सामने आए सबूत साफ तौर पर यह इशारा करते हैं कि नेताजी 1945 के प्लेन क्रैश में बच गए थे। फॉरमोसा अब ताइपेई के नाम से जाना जाता है।