Thursday, May 2, 2024
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Monthly Archives: December, 2016

राजस्थान में 11वीं पोस्ट शॉपी : नागौर में, डाक निदेशक केके यादव ने किया उद्घाटन

जोधपुर। आमजन की सुविधाओं का ध्यान रखते हुये, डाक विभाग अब एक सुविधा केंद्र के रूप में पोस्ट शॉपी का आरंभ करने जा रहा है। इस अनूठी पहल का उद्देश्य लोगों को बेहतर सुविधायें देने के साथ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचना है।

अनुपम स्मृति: मेरा कुर्ता पकड़कर अब कौन खींचेगा ? – राजेन्द्र सिंह

हम सभी के अपने श्री अनुपम मिश्र नहीं रहे। इस समाचार ने खासकर पानी-पर्यावरण जगत से जुडे़ लोगों को विशेष तौर पर आहत किया। अनुपम जी ने जीवन भर क्या किया; इसका एक अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अनुपम जी के प्रति श्रृ़द्धांजलि सभाओं के आयोजन का दौर इस संवाद को लिखे जाने के वक्त भी देशभर में जारी है।

किंनर उपेक्षा नही, सम्मान के पात्र है

किं + नर, यानी जिनकी योनि और आकृति पूर्णतः मनुष्य की न मानी जाती हो. इनकी उत्पत्ति के सम्बंध में भिन्न भिन्न अध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक मत है. यदि हम ऐतिहासिक तह में जाएँ तो किंनर हिमालय के आधुनिक कन्नौज प्रदेश की पहाड़ी पर निवास करने वाले लोगो का समूह था, जिनकी भाषा कन्नौरी थी.

राहुल गांधी पर अपने भाषणों में बहुत क्रूर हैं मोदी !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में कभी मजाकिया लहजे में तो कभी आक्रामक अंदाज में राहुल गांधी को हमेशा निशाने पर रखते हैं। दरअसल, राहुल गांधी के मामले में अपने भाषणों में मोदी इन दिनों बहुत आक्रामक दिख रहे हैं।

ऐसे काम में लें ‘भीम’ को

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नया पेमेंट ऐप भीम (BHIM या Bharat Interface for Money) लॉन्च किया है। ऐप का नाम डॉक्टर भीम राव अंबेडर के नाम पर रखा गया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने यह ऐप कैशलेस या लेस-कैश इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए शुरू की है।

वाकई मिर्ज़ा गालिब का अंदाज़े बयाँ और था…

ये मशहूर पंक्तियां हैं उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के महान शायर मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ 'ग़ालिब' की जिन्हें उर्दू का सर्वकालिक महान शायर माना जाता है और फ़ारसी कविता के प्रवाह को हिन्दुस्तानी जबान में लोकप्रिय करवाने का भी श्रेय दिया जाता है।

कलम की ताकत सबसे बड़ी : उमाशंकर गुप्ता

भोपाल। राजस्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने दुष्यंत कुमार पाण्डुलिपि संग्रहालय में 27 दिसंबर 2016 को सत्य की मसाल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में राजधानी के पत्रकारों, साहित्यकारों व समाजसेवियों को सम्मानित किया।

भारती जी ने कहा, ‘सुबह जब चिरैया बोलन लागी’ ऐसा लिखो, और ये नाटक अमर हो गया

मुंबई की भाग-दौड़ की ज़िंदगी में महीने का एक रविवार ऐसा भी होता है जब मुंबई में साहित्य, संस्कृति, संगीत, नाटक, कला और सृजनात्मकता कि तमाम विधाओं से जुड़े लोग एक साथ इकठ्ठे होकर दुनिया के तमाम विषयों पर बात करते हैं, लेकिन वाद-विवाद नहीं होता। चौपाल में हर बार एक नया विषय होता है और उस विषय पर उस क्षेत्र का विशेषज्ञ खुले मन से अपनी बात ऱखकर श्रोताओं को त-तृप्त कर देता है।

गजब देश की अजब पार्टियां !

न कभी चुनाव लड़ा, न कोई सदस्य। न ही कोई ठीक ठाक पता और न किसी पदाधिकारी की पहचान। फिर भी हमारे देश में वे राजनीतिक पार्टी के रूप में रजिस्टर्ड। चुनाव आयोग ने ऐसी ढाई सौ से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों को अपनी सूची से बाहर निकाल दिया है। लेकिन सिर्फ इतने भर से क्या होगा। इन पार्टियों पर कारवाई भी होनी चाहिए।

ये मीडिया का कोठाकरण क्यों हो गया?

लाख टके का सवाल है कि मीडिया के कोठाकरण की वजह क्या है? पहली वजह अंग्रेजीदां, सेकुलर-लेफ्ट के तुर्रम खां मीडियाकर्मियों का बिना रीढ़ के निकलना। यह साबित हुआ कि ये भी कायरता-गुलामी के हिंदू डीएनए के पर्याय हैं।
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