Monday, May 20, 2024
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Monthly Archives: June, 2018

वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह हिन्दुस्तान समाचार के प्रमुख संपादक बने

टीवी मीडिया पर नजर रखने वाली संपादकों की संस्था बीईए के महासचिव रह चुके एन.के. सिंह साफ-सुथरी और समाजोन्मुखी पत्रकारिता के पक्षधर हैं। वे टीआरपी की पूरी तरह से खिलाफत करते हैं। उनका मानना है कि मात्र दस हजार दो सौ मशीन लगाकर एक सौ बीस करोड़ लोगो का मत जान लेना गलत है। एन.के.सिंह की गिनती इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में गंभीर संपा

खादी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान देने में जुटे सुरेश प्रभु

सरकार खादी को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक प्रमुख ‘भारतीय ब्रैंड’ के रूप में स्थापित करने की योजना बना रही है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ही इस ब्रैंड का प्रचार कर सकेगा और खादी ब्रैंड पर उसका ही दावा होगा। खादी ग्रामोद्योग आयोग खादी को दुनियाभर में भारतीय मिशनों में औ

भारत में सुदूर संवेदन के जनक प्रोफेसर पिशरोथ रामा पिशरोटी

आज कई क्षेत्रों में सुदूर संवेदन का उपयोग किया जा रहा है। चाहे बात प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की हो या फिर भौगोलिक नक्शों की। हर क्षेत्र

मूर्तियाँ मत बनवाओ, अस्पतालों के लिए मशीनें खरीदो

बस तुम्हारी MRI होना बाकी है फिर डॉक्टर तुम्हारा इलाज शुरू कर ....."

सोशल एटॉप्सी की मदद से कम हो सकती हैं असामयिक मौतें

कई बार बेहतर चिकित्सकीय सुविधाओं के बावजूद लोग असमय मौतों का शिकार बन जाते हैं। भारतीय शोधकर्ताओं के एक ताजा अध्ययन में इस तरह की असमय मौतों के लिए स्वास्थ्य प्रणाली, सा

केरल के चर्च के पाँच अय्याश पादरियों को हटाया

कोट्टायम ।केरल के कोट्टायम शहर में 5 पादरियों के खिलाफ एक महिला के पति की शिकायत पर मलंकरा ऑर्थोडॉक्‍स सीरियन चर्च ने पांचों पादरियों को उन

दुल्हे ने दहेज में माँगे एक हजार पौधे

दहेज में पैसे, गाड़ी और गहने जैसी चीजों की मांग तो आपने खूब सुनी होगी, लेकिन 22 वर्षीय सरोज कांत बिस्वाल ने अपने ससुराल वालों से उपहार स्वरूप 1000 पौधे मांगकर एक मिशाल पेश की है. लड़की वालों ने सरोज को निराश नहीं किया और शादी के दिन उन्हें पौधे उपहार स्वरूप दिए.

“इफ़्तारनामा” : ज़रूरत, धर्म के मर्म को समझने की

‘इफ़्तार’ उस प्रक्रिया का नाम है जो मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा माह-ए-रमज़ान में रखे जाने वाले रोज़े के समापन के समय अमल में लाई जाती है। सीधे शब्दों में रोज़ा अथवा व्रत खोलने को इफ़्तार कहा जाता है। भारतवर्ष चूंकि एक धर्मनिरपेक्ष देश है इसलिए यहां मुसलमानों द्वारा कठिन से कठिन मौसम व परिस्थितियों में रोज़ा रखने वाले मुसलमानों को इफ़्तार पार्टी दिए जाने का सैकड़ों वर्ष पुराना एक चलन चला आ रहा है। राष्ट्रपति भवन व प्रधानमंत्री निवास से लेकर देश के विभिन्न मुख्यमंत्री आवासों, राजभवनों, सरकारी व ग़ैर सरकारी कार्यालयों, विभिन्न राजनैतिक दलों के कार्यालयों तथा राजनेताओं द्वारा इफ़्तार पार्टियां आयोजित की जाती रही हैं। इन ‘राजनैतिक इफ़्तार पार्टियों’ से ऊपर उठकर कई ऐसी भी इफ़्तार पार्टियां आयोजित की गई हैं जिनका मक़सद दे

गुजरात के वैज्ञानिकों ने बनाया ‘जादुई जल’, फल-सब्जियां 40 दिनों तक ताजा रख सकता है

अहमदाबाद। एक ऐसे पानी की कल्पना कीजिए जो कि E.Coli बैक्टीरिया, फंगल इंफेक्शन को खत्म कर सकता है और यहां तक कि पूरी गर्मी में सब्जियों को

प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ जरूरी है एक मुहिम

इस बार भारत 44वें विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी कर रहा है, जिसका केंद्रीय विषय ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ यानी ‘प्लास्टिक प्रदूषण को मात’ रखा गया है।
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