Monthly Archives: June, 2020
हिंदू चेतना व राष्ट्र के स्वाभिमान को जगाने वाले छत्रपति शिवाजी
प्रणय कुमार - 0
निराशा और हताशा के घटाटोप अंधकार भरे परिवेश में भारतीय नभाकाश पर शिवाजी जैसे तेजोद्दीप्त सूर्य का उदय हुआ। शिवाजी का उदय केवल एक व्यक्ति का उदय मात्र नहीं था, बल्कि वह जातियों के उत्साह और पुरुषार्थ का उदय था,
गूँगी बहरी सत्ता की कुर्सियों के नीचे आग धधक रही है
श्रवण गर्ग - 0
पाँच जून को गांधी मैदान में दिए जे.पी.के ‘सम्पूर्ण क्रांति ‘के उद्गघोष के बाद देश की राजनीति की धारा ही बदल गई।पाँच जून के बाद दिल्ली में जनता पार्टी की सरकार क़ायम होने तक का भी एक लम्बा इतिहास और सफ़र है और उस
नेहरु मुर्दाबाद , नेहरूवाद जिंदाबाद
इसलिए, नेहरू निंदा करते हुए नेहरूवादी नीतियों पर थोक भाव चलते रहना विचित्र बात है। हिन्दुओं के लिए यह दोहरे कष्ट का विषय है। किसी भी समीक्षा पर उन्हें भी जली-कटी सुनाई जाती है। फिर किसी हिन्दू द्वारा आलोचना पर उन
प्रकृति के कण कण में परमात्मा का विस्तार है
हे अभिसरणीय सूर्यदेव! इस सम्पूर्ण प्रकृति में आप की ही दी हुई रंग बिरंगी झंडियां फहरा रही हैं| यह झंडियाँ सारे विश्व में आप का दर्शन कराने का प्रयास कर रही हैं|
बेड की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध कराने की मांग
अनिल गलगली - 0
अनिल गलगली के अनुसार आज मुंबई में बड़े पैमाने पर कोविड19 के मरीज पाए जा रहे हैं। ऐसी स्थितियों में मरीजों को मदद की आवश्यकता होती हैं। वर्तमान में एक भी ऐसा प्राधिकरण अस्तित्व में नहीं हैं जो बेडस उपलब्धता वाले अस्पताल
भारत में है आत्मनिर्भर बनने की क्षमता
देश में उपलब्ध पर्याप्त मानव संसाधन में शिक्षा एवं कौशल उन्नयन किया जाकर आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
हिंदी के अनोखे शोध शिल्पी डॉ. कामिल बुल्के
विदेशों में भी रामकथा के लेखक और अध्येता रहे हैं और अब भी हैं, किन्तु उनमें जिस राममय जीवन के धनी विद्वान का नाम अत्यंत सम्मानपूर्वक लिया जाता है, वे हैं फादर कामिल बुल्के,
दुनिया में कृत्रिम वातावरण और हाे रहा बदलाव सामाजिक पर्यावरण के लिए हानिकारक: साेपान जाेशी
जलवायु परिवर्तन को लेकर उनका कहना था विज्ञान की दुनिया में अब कोई शक नहीं बचा है कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है। इसका कारण है, औद्योगिक विकास के लिए जलाए गए कोयले और पेट्रोलियम का हवाई कार्बन कचरा।
अमर बलिदानी पांडुरंग जी
आर्यों कि इच्छा थी कि शहीद कि शवयात्रा बड़े सम्मान इ साथ निकाली जावे किन्तु निजाम शव देने को तैयार नहीं हो रहा था , यहाँ तक कि वह पार्थिव शरीर को आर्यों को दिखाना भी नहीं चाहता था |
“अगर हम प्रकृति की देखभाल करेंगे, तो प्रकृति भी हमारा ध्यान रखेगी”- श्री आलोक कंसल
हमारे पर्यावरण के संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस वर्ष निर्धारित विषय 'सेलिब्रेट बायोडायवर्सिटी' के साथ 5 जून, 2020 को पश्चिम रेलवे द्वारा 'विश्व पर्यावरण दिवस' मनाया गया।