देश के सरकारी बैंकों की 34 हजार से अधिक शाखाओं में अगले करीब 150 दिनों में कामकाज ठप होने का खतरा है।
इन शाखाओं में जो सिस्टम विंडोज एक्सपी ऑपरेटिंग सिस्टम पर संचालित हैं, उन्हें 8 अप्रैल 2014 से माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट करना बंद कर देगा।
माइक्रोसॉफ्ट की ओर से एसेंसियस कंसल्टिंग की ओर से कराए गए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। अध्ययन के मुताबिक बैंकिंग सेक्टर में विंडोज एक्सपी का प्रसार 70 फीसदी है।
माइक्रोसॉफ्ट ने एक बयान जारी कर बताया कि भारतीय सरकारी बैंकों की 34,115 शाखाओं पर जोखिम है। 8 अप्रैल 2014 से विंडोज एक्सपी को माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट नहीं करेगा।
अध्ययन बताता है कि बैंकिंग सेक्टर में विंडोज एक्सपी की पहुंच 40 से 70 फीसदी है। बैंकों के सामने सबसे बड़ा जोखिम सपोर्ट बंद हो जाने के बावजूद एक्सपी इंस्टालेशन को बनाए रखना है।
अध्ययन के मुताबिक बड़ी संख्या में बैंक शाखाएं खासकर रुरल और सेमी-अर्बन क्षेत्रों में एक्सपी पर निर्भर हैं। इन शाखाओं में सिस्टम काम करना बंद कर सकते हैं और इसके चलते ग्राहक सेवाएं पूरी तरह ठप हो सकती हैं।
माना जाता है कि बड़ी गड़बड़ी होने की स्थिति में सिस्टम को सामान्य रूप से सुचारु होने में तीन दिन का समय लगता है।
ऐसे में इस घटना के चलते रोजाना 1,100 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो सकता है और तीन दिनों में 330 करोड़ रुपये की आमदनी प्रभावित हो सकती है।
विंडोज एक्सपी का सपोर्ट बंद होने से महानगरों और शहरी शाखाओं में करीब 55 फीसदी ग्राहकों को एक ट्रांजेक्शन में 30 मिनट तक का समय लग सकता है।
माइक्रोसॉफ्ट की ताजा सिक्यूरिटी इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपी यूजर्स माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज 8.1 जैसे आधुनिक ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में 6 गुना अधिक इनफेक्डेड (सिस्टम वायरस के शिकार) हो सकते हैं।