भारतीय साइबर क्षेत्र पर एक बेहद खतरनाक कंप्यूटर वायरस ने हमला बोल दिया है। इसकी पहचान 'बायोआजीह' के तौर पर की गई है। देश में साइबर सुरक्षा के लिए जिम्मेदार एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-इन) ने इस बारे में इंटरनेट यूजर्स को आगाह किया है। उसका कहना है, "बायोआजीह वायरस बेहद खतरनाक है। यह ईमेल से यूजर्स का निजी डॉटा चुरा या उसमें गलत तरीके से बदलाव कर सकता है।"
पांच फर्जी नाम से है सक्रिय
सीईआरटी-इन के मुताबिक, "इस वायरस की पहचान बेहद मुश्किल है। क्योंकि यह पांच नामों से सक्रिय होकर अपनी पहचान छुपाने में सक्षम है। यह इंटरनेट पर ऐसे कमांड देने में सक्षम है, जिससे यूजर्स का डॉटा खुद-ब-खुद अपलोड और डाउनलोड हो जाएगा। इस प्रकार यह अलग फाइल भी बना लेगा।" एजेंसी के अनुसार कंप्यूटर सिस्टम पर इसका प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है।
फिशिंग ईमेल से हमला
साइबर सुरक्षा एजेंसी ने इंटरनेट उपभोक्ताओं को आगाह किया है कि यह वायरस फिशिंग ईमेल (ऐसी ईमेल जिनकी अटैच फाइलें वायरस से संक्रमित हैं।) से हमला बोल रहा है। इस तरह की ईमेल की अटैच फाइलों को खोलते ही यूजर्स का सिस्टम वायरस के प्रभाव में आ जाता है जो उपभोक्ता के रिमोट एक्सेस ट्रोजन (आरएटी) यानी माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के सुरक्षा कवच को तहस-नहस कर देता है।
उन्नत तकनीक से लैस
सीईआरटी-इन का कहना है कि यह वायरस कई तरीके की तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अपनी पहचान छुपाने में सक्षम है। उन्नत तकनीक से लैस होने के कारण इसके कमांड और कंट्रोल सर्वर के बारे में जानकारी हासिल करना मुश्किल है। इससे इसके सर्वर के स्थान का पता चल पाना कठिन है।
उपभोक्ता रहे सावधान
सीईआरटी-इन ने सलाह दी है कि बायोआजीह के तरह फर्जी नाम वाली संदिग्ध ईमेल को खोलने से पहले उपभोक्ता उसकी पहचान की तलाश सुनिश्चित कर लें। उन पर क्लिक करने से बचें। साथ ही अविश्वसनीय वेबसाइटों पर जाने से परहेज करें। इसी प्रकार बगैर उचित उपाय के अटैच फाइल वाली ईमेल को न खोलें।