महोदय
सभी भारतवासियो को आज 'योग दिवस' जिसको संयुक्त राष्ट्र के 193 देशो में से 192 देशो में सफलता पूर्वक मनाया जा रहा है, पर बहुत बधाई।चारो ओर अपार उत्साह देखने को मिला।देश -विदेश से भी 'योग दिवस' पर रोमांचकारी व उत्साहवर्धक समाचारो का सिलसिला बना हुआ है जो कि अपने आप में ही अभूतपूर्व है।
परंतु विचित्र विडंबना देखो कि विरासत में मिली राजगद्दी चले जाने के बाद सोनिया परिवार इस राष्ट्रीय धरोहर के अन्तर्राष्ट्रीय दिवस पर यहाँ रहकर मोदी जी की अपार सफलता से लज्जित होने से बचने के लिए व संभवतः अपने अपने आंसुओं को पोछने के लिए भी इस महान अभियान से स्वयं को अलग रखते हुए देश से ही बाहर चला गया। जरा सोचो जब स्व.राजीव गांधी की सरकार ने "भारत महोत्सव " की योजना द्वारा "मेरा भारत महान" का नारा दिया था तब क्या कोई भारतवासी इसप्रकार देश छोड़कर बाहर गया था ?
आज मोदी जी के अथक प्रयासों के कारण विश्व में हिन्दू संस्कृति की धरोहर "योग" के बीजारोपण से "वृहद भारत " के विशाल रूप की एक झलक के प्रदर्शन से ही विश्व गुरु बनने की दिशा में आज भारत का एक पग आगे बढ़ा है ।
भवदीय
सधन्यवाद
विनोद कुमार सर्वोदय
नया गंज,गाज़ियाबाद
“योग” से “विश्वगुरु ” की ओर ….
एक निवेदन
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