Saturday, November 23, 2024
spot_img
Homeपत्रिकाकला-संस्कृतिमुंबई में सावन महोत्सव और कजरी की धूम

मुंबई में सावन महोत्सव और कजरी की धूम

एक ओर इंद्र देवता ने महाराष्ट्र समेत देश के लगभग हर हिस्से पर कृपा की है। सावन से पहले ही सावनी वातावरण ने लोगों का मन मोह लिया है। वहीँ दूसरी ओर सावन की रिमझिम फुहारों के बीच मुम्बई में रहनेवाले उत्तरप्रदेश और बिहार के लोगों पर कजरी की रसधार बरस रही है। मिर्ज़ापुर,उत्तरप्रदेश की मशहूर कजरी गायिका मधु पांडेय और मुम्बई के सदाबहार लोकगायक सुरेश शुक्ला पिछले 1 अगस्त से मुम्बई में शुरू हुए अभियान के सावन महोत्सव में अपनी गायिकी की छंटा बिखेर रहे हैं। अभियान द्वारा लगातार 14 वें वर्ष हो रहे कजरी महोत्सव का मुम्बई और उसके आसपास कुल 20 जगहों पर आयोजन हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मधु पांडेय पारम्परिक कजरी विधा की शीर्ष गायिका मानी जाती हैं।

अभियान के संस्थापक और मुम्बई भाजपा के महामन्त्री अमरजीत मिश्र ने बताया कि इस वर्ष भी सावन महोत्सव प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के “बेटी पढ़ाओ , बेटी बचाओ” मुहीम को समर्पित होगा।उत्तरभारत की स्त्रियों में कजरी गाने और खेलने की परम्परा है।15 अगस्त तक विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित होनेवाले महोत्सव के दौरान समाज में उल्लेखनीय योगदान करनेवाली कुछ चुनिंदा महिलाओं को प्रतिदिन “स्त्री शक्ति सम्मान” देकर सम्मानित किया जायेगा। ताकि महिलाओं और बेटियों को उनकी तरह बनने की प्रेरणा मिले। श्री मिश्र ने बताया कि बुधवार 1 अगस्त को शाम 6 बजे अँधेरी पश्चिम के जुहू लेन स्थित मेयर्स हॉल से शुरू हुए महोत्सव का अब तक कई जगह आयोजन सम्पन्न हो चुका है।

सावन माह में प्रकृति का सौन्दर्य अपने चरम पर होता है। वर्षा की रिमझिम फुहारों के प्रभाव से मनुष्य ही नही पशु पक्षी भी उत्साह में भर चहक उठते हैं,नदी-नाले और झरने भी अपने पूर्ण आवेग के साथ लहरों की मधुर रागिनी पर थिरकने लगते हैं। पेड़ -पौधे हरियाली की घनी छाँव में प्रकृति प्रेमियों को आमंत्रित करते हुए झूमने लगते हैं। पहाड़ों पर उग आई हरी घास मानो उसे अपने आगोश में लेकर प्रेम का नया छंद लिखने को आतुर दिखती है।

कामकाजी लोग भी अपने रोजमर्रा के जीवन से हट कर चाय पकौड़ियों और लजीज भोजन का स्वाद लेते हुए अपनी बालकनी से दूर तक बिखरी प्राकृतिक सुषमा का नजारा लेते हैं और इतना ही नहीं,बल्कि घूंघट में रहनेवाली महिलाएं भी सावन की रिमझिम के उन्मुक्त वातावरण में गीत गाते हुए तन मन को भिगोते हुए झूम उठती हैं।सावन आया नही कि उत्तरभारत की विवाहित स्त्रियां कजरी गाते हुए छुट्टी मनाने अपने मायके चली जाती हैं और पति को ताकीद भी देती जाती है –

मुम्बई की आपाधापी में यह सब ‘मिसिंग’ सा लगता है। ताल-तलैया तो अब बचे नहीं नालों को बिल्डरों ने अतिक्रमण कर लिया है, लहलहाते पेड़ों को विकास के नाम पर बनी सड़कों ने ग्रस लिया,बचे खुचे पहाड़ों पर किस्मत के मारों ने आशियाने बना लिए, नई पीढ़ी को आउटडेटेड लगनेवाले लोकगीत ‘ तू तू तू तू तू तारा,तोड़ो ना दिल हमारा’ की भेंट चढ़ गए। लोकसंस्कृति के लिहाज से मुम्बई का परिवेश रेगिस्तान जैसा प्रतीत होता है ऐसे रेगिस्तान पर लोकगीतों की गंगा का अवतरण करने का भगीरथ प्रयास सामाजिक सांस्कृतिक संस्था ‘अभियान’ विगत 14 वर्षों से करती आ रही है। सावन के महीने में ‘सावन महोत्सव’ का आयोजन इसी श्रृंखला का एक अंग है। एक पखवाड़े से भी अधिक चलनेवाले महोत्सव की वजह से पूरे मुम्बई शहर के संगीत प्रेमियों में ‘कजरी मेनिया’ का स्पष्ट प्रभाव दिखाई देने लगता है।

इस साल का कजरी महोत्सव प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ अभियान को समर्पित है। कजरी मूलतः महिलाओं के बीच गाई जाती है। कजरी के स्वर महिलाओं के विरह ,वेदना और उल्हास का प्रगटीकरण करते हैं।सावन,कजरी और स्त्री एक दूसरे के पूरक हैं।इसलिए अभियान ने इसे बेटी और नारी शक्ति को समर्पित किया है। विपरीत परिस्थितियों में अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए एक विशिष्ट स्थान बनाने और सामाजिक जिम्मेदारियों का बखूबी पालन करनेवाली चुनिंदा महिलाओं को स्त्री शक्ति सम्मान से नवाजने का निर्णय भी लिया है। ताकि अन्य महिलाएं भी इनकी तरह आगे बढ़ने की कोशिश करें।अभियान द्वारा इस महोत्सव में प्रत्येक दिवस समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करनेवाली विशिष्ट महिलाओ को ‘स्त्री शक्ति सम्मान’ देकर उनका अभिनंदन किया जायेगा।

मुंबई के विभिन्न स्थानों पर 1 अगस्त से शुरु हुए और 15 अगस्त तक चलने वाले कजरी महोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, इसमें मिर्ज़ापुर,उत्तर प्रदेश की प्रसिद्ध कजरी गायिका मधु पांडेय और मुम्बई के भोजपुरी लोकगायक सुरेश शुक्ल द्वारा पारंपरिक कजरी गीतों की प्रस्तुति श्रोताओ को सावन के आनंद से सरोबार कर देगी। महिलाओं के लिए अभियान उनके मायके की भूमिका में होगा और उन्हें नैहर के सभी सुख उपलब्ध करवाए जायेंगे, इनमे सावन के झूले भी होंगे, चूड़ियाँ ,मेहँदी और महावर भी।श्री मिश्र के अनुसार यह महोत्सव गाँव के सावन और लोक संस्कृति की रिमझिम फुहार को मुंबई महानगर में लाने का एक प्रयास है।

कांदिवली के उत्तरभारतीय बहुल इलाके हनुमान नगर में तो कजरी के आयोजन के लिए बाकायदा भव्य मण्डप बनाया जाता है,ताकि माँ बहनॉ को बारिश में कोई तकलीफ ना हो। चारों ओर से पानी गिरता रहता है और मंडप के नीचे बैठी महिलाएं गायिका के सुर में सुर मिलाकर गाती रहती हैं ” दादर के सावरकर हॉल से लेकर दीवा , वसई और डोम्बिवली तक के कई सभागृहों में कजरी की धुनों पर थिरकेंगे लोग।विलेपार्ले के दीनानाथ मंगेशकर सभागृह,मुंबई शहर के माधव बाग सभागृह , भांडुप के जैनम बैंक्वेट ,ठाणे के भव्य काशीनाथ घाणेकर सभागृह,मिरारोड के सेंट थॉमस चर्च हॉल,वसई के रिजेंसी बैंक्वेट जैसे कुल 20 जगहों पर होगी कजरी।

अक्सर लोगों को इस बात की चिंता होती है कि लोकसंस्कृति व लोक परम्पराओं से नई पीढ़ी नहीं जुड़ती।इस मान्यता की झुठलाते हुए अभियान के इस कजरी महोत्सव के सभी आयोजक नवजवान हैं।। अभियान के संस्थापक अमरजीत मिश्र के नेतृत्व में सैकड़ों नवयुवक लोक संस्कृति के इस अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।श्री मिश्र की अगुवाई में आदित्य दुबे,पंकज सिंह,पत्रकार आनंद मिश्र, पत्रकार सुनील सिंह,सुरेश द्वारिका मिश्र, पत्रकार भानु मिश्र ,पत्रकार अजय सिंह,शिवदयाल मिश्र, अजीत गुप्ता,जे.पी. सिंह, संजय मिश्र,अनिल कनौजिया,अखिलेश मिश्र,महेश मिश्र,राज यादव,शिवशंकर प्रजापति,सुधीर शिंदे,संजय शर्मा, राम यादव, सदाशिव चतुर्वेदी आदि लोगों का समावेश है।नवयुवकों का लोकगीतों के प्रति यह अनुराग लोकगीतों के संरक्षण के प्रति आश्वस्त तो करता ही है और लोक जीवन के स्वस्थ संस्कारों से इन शहरी नवयुवकों को संस्कारित भी करता है।

15 दिनों तक चलनेवाले इस भव्य समारोह में उत्तरप्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह,ग्राम्य विकास मंत्री डॉ महेंद्र सिंह,बेसिक शिक्षा व बाल पुष्टाहार मंत्री अनुपमा जायसवाल,संस्कृति व विज्ञान -प्रद्योगिकी मंत्री नीलकंठ तिवारी,अल्पसंख्यक व वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा,उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल,महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल,सांसद हरीश द्विवेदी,गोपाल शेट्टी,डॉ किरीट सोमैया समेत कई मंत्री,विधायक – सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

पिछले एक अगस्त से मुम्बई के विभिन्न इलाकों में अबाध गति से चल रहे अभियान के कजरी महोत्सव में सोमवार को देश की गंगा जमुनी संस्कृति का नजारा देखने को मिला। दादर के शिवाजी पार्क स्थित सावरकर हॉल में कजरी ,पचरा और कव्वाली को सुनने के लिए हर समाज के स्त्री पुरुष बराबर की संख्या में उपस्थित थे।गोंडा -बस्ती से लेकर जौनपुर -बनारस तक की महिलाएं मिर्जापुर से आई गायिका मधु के लोकगीतों के संग संग गा रही थी तो दूसरी ओर घूंघट की ओट में महिलाएं गीतों का मजा भी ले रही थी और एक दूसरे से ठेठ भोजपुरी में बतिया भी रही थी ।आयोजक वशिष्ठ नगर सेवा न्यास के अध्यक्ष आदित्य दुबे के आयोजन की यही विशेषता कजरी के कबीर रूप से लोगों को रूबरू करा रही थी।कजरी महोत्सव में बड़ी संख्या में मराठी महिलाओं की मौजूदगी को देखकर मिर्जापुर से आई गायिका मधु पांडेय ने मराठी गीत ‘अईका दाजीबा’ की प्रस्तुति कर लोगों का मन मोह लिया। तो दूसरी ओर मशहूर गायक साईराम अय्यर ने फीमेल आवाज में गीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया।संयोजक आदित्य दुबे ने बस्ती जिले के नाम को वशिष्ठ नगर रखने की अपनी मुहीम में उत्तरप्रदेश सरकार के योगदान की आवश्यकता बताई।

सांसद हरीश द्विवेदी ने यूपी से अलग मुंबई में बसे एक और यूपी की जमकर तारीफ की।उन्होंने कहा कि जो त्यौहार अब यूपी में इतने उत्साह से नहीं मनाते , उससे कहीं अधिक उत्साह से मुंबई में लोग मनाते हैं।उन्होंने उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों की भी जानकारी दी।कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने लोगों को हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया।संचालन आदित्य दुबे ने किया।मध्यप्रदेश सरकार की संयुक्त निदेशक मोहिनी भड़कमकर को स्त्री शक्ति सम्मान से हरीश द्विवेदी ने सम्मानित किया

पत्रकार प्रेम शुक्ल ,मुम्बई बीजेपी के उपाध्यक्षद्वय दीनानाथ तिवारी औरने भी कजरी महोत्सव की जमकर प्रशंसा की।मुम्बई में पूरबियों की कजरी का आयोजन करनेवाले मुम्बई बीजेपी के महामंत्री अमरजीत मिश्र के आयोजनों की विशेषताओं का भी उल्लेख किया।

महोत्सव में आज तो लोकगायक सुरेश शुक्ल की धूम रही।सुरेश के गीतों का लोगों ने लुत्फ़ उठाया- तू बोलेलु अइसन बोली जैसे लगे करेजे गोली।अनेकों कजरी के साथ मधु ने प्रसिद्ध सोहर भी गाया- जुग जुग जिया तू ललनवा,भवनवा के भाग जागल हो।ललना लाल होहियें कुलवा के दीपक मनवा में आस जागल हो।

“अर्थ के नगरी मुम्बई के लोगन के पास अपने खुद के खातिर समय ना होला।अइसे में जब उ लोग अपने लोक संस्कृति अउर लोकगीत के खातिर समय निकालय, ई त कबहू बिचारय में ना आईल।लेकिन कॉनक्रिट के जंगल में अवधी-भोजपुरी गीतन से मंगलमय वातावरण बनावय के श्रेय “अभियान” के जा ला।” ये उदगार मशहूर कजरी गायिका मधु पांडेय ने कल दीवा के कजरी महोत्सव में व्यक्त किये।ठाणे के दीवा स्थित आकांक्षा हॉल में सोमवार की दोपहर से शाम तक चले महोत्सव में बड़ी संख्या में जुटी महिलाओं से चार चाँद लग गए।गायक – गायिकाओं से अनेकों गीतों की लगातार हो रही फ़रमाईश पर मधु ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि माई के लोरी से लईके बिटिया के बिदाई तक के गीत क फ़रमाईश जब कजरी महोत्सव में आवेला तब लागेला कि हम मिर्ज़ापुर,बनारस , जौनपुर ,छपरा, पटना के कवनेव गांव में आ गईल बाटी।

शनिवार को मिर्जापुरी मधु पांडेय व जौनपुरी सुरेश शुक्ल ने मुंबई के प्रतिष्ठित माधव बाग़ में कजरी की गगरी उड़ेलकर उपस्थित लोकगीत प्रेमियों को तृप्त कर दिया | मधु ने ‘पता लगावे सीता के हनुमान चले, पवन के समान चले ना’, ‘गुंडा छेंकी लहिएँ तोहरी डगरिया, नइहरवां कइसे जाबू भउजी’, अबके सावन में झूलनी बनाई दया पिया, जिया बहला दया पिया ना’ कजरी सुनाकर लोगों को अपना मुरीद बना दिया |

शहर के प्रतिष्ठित समझेजाने वाले और इस आर्थिक राजधानी का हृदय स्थल कालबादेवी के इस व्यावसायिक इलाके में बड़ी संख्या में जुटे उत्तरभारतीय परिवारों ने कजरी का जमकर आनंद लिया | ‘अंगुरी में डसलेस बिया नगिनिया रे, तनी दियना जराई दा’ सुरेश शुक्ल की इस प्रस्तुति ने खूब तालियां बटोंरी | कजरी महोत्सव में मिर्जापुर की गायिका मधु द्वारा मराठी में पेश किए गए गीत को भी लोगों की प्रसंशा मिली |सुरेश शुक्ल ने चन्द्रशेखर मिश्र की द्रोपदी खण्डकाव्य की पंक्तियों को स्वर देकर लोगों की आँखे नम कर दीं।

सामाजिक संस्था अभियान के साथ पुरवईया संस्था द्वारा आयोजित इस महोत्सव में विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा, अमिन पटेल,भाई जगताप,शिवसेना सांसद अनिल देसाई,बीजेपी की प्रदेश कोषाध्यक्ष शायना एन सी, प्रभाग समिति अध्यक्ष अतुल शाह, एनसीपी नेता राहुल नार्वेकर और मुंबई बीजेपी के महामंत्री अमरजीत मिश्र अतिथि के रूप में उपस्थित थे । श्री लोढ़ा ने अभियान द्वारा सांस्कृतिक विरासत की थाती को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयत्नों की तारीफ की । सांसद अनिल देसाई,अमिन पटेल,अतुल शाह, भाई जगताप, शायना एन सी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम ही देश की अनेकता में एकता का दृश्य उपस्थित करते हैं।

मुंबई बीजेपी के महामंत्री अमरजीत मिश्र ने बताया कि बनारस में किस तरह एक आदमी दूसरे को गुरु कह कर पुकारता है और दूसरा आदमी भी प्रति उत्तर में उसे भी गुरु ही सम्बोधित करता है।वहां सब गुरु हैं,चेला कोई नहीं। ऐसे गुरु वाले बनारस के सांसद व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इस देश को जगत गुरु बनाने का अभियान चलाये हुए हैं।उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रति भी कृतज्ञता जताई कि वे कजरी महोत्सव के सभी 17 आयोजकों से मिलकर उन्हें शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर संतोष पांडेय,विनय त्रिपाठी, प्रमिला चौरसिया, नत्थूलाल चौरसिया,समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।अतिथियों का स्वागत मुंबई भाजपा के मंत्री व कजरी महोत्सव के सहसंयोजक कमालकर दलवी ने किया | राकेश पांडेय ने संचालन में हुए इस समारोह में पत्रकार अनिल तिवारी,राजेश विक्रांत , सूरज ठाकुर समेत कई पत्रकार कवि समाजसेवी उपस्थित थे।महिलाओं को सुहाग के सामान भी आयोजकों ने वितरित किये।
उपस्थित लोगों के प्रति पुरवईया के सुरेश सिंह,सुरेश द्वारिकानाथ मिश्र व विक्रम सिंह ने आभार माना।

विलेपार्ले के दीनानाथ मंगेशकर सभागृह में बुधवार की रात 8 बजे से होनेवाले समारोह में यूपी के मंत्री महेंद्र सिंह व आशीष शेलार होंगे मुख्य अतिथि।अभिनेता रवि किसन मुख्य आकर्षण हैं।अभिनेत्री राजेश्वरी सचदेव,गायिका मधुश्री व कवियित्री माया गोविंद को स्त्री शक्ति सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

माधव बाग़ में सावन महोत्सव में बड़ी संख्या में जुटी महिलाओं को संबोधित करते हुए विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा ।साथ में भाजपा नेता अमरजीत मिश्र, आयोजक सुरेश मिश्र,सुरेश सिंह,कमलाकर दळवी,कजरी गायिका मधु पांडेय।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार